इजरायल ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाया, मुनीर के प्रस्ताव पर नेतन्याहू का एक्शन
Netanyahu Trump Nobel Nomination: नेतन्याहू ने मिडल ईस्ट में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप की कोशिशों की तारीफ़ की. उन्होंने नोबेल पीस प्राइज़ कमेटी को ट्रंप के पक्ष में नॉमिनेशन लेटर भेजा है. बीते महीने पाकिस्तान ने भी नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप की सिफ़ारिश की थी.

पाकिस्तान (Pakistan) के बाद इज़रायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) को नोबेल पीस प्राइज़ (Nobel Peace Prize) दिए जाने की इच्छा जताई है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब पाकिस्तान और इज़रायल किसी मुद्दे पर एकसाथ आए हों. नेतन्याहू ने नोबेल पीस प्राइज़ कमेटी को ट्रंप के पक्ष में नॉमिनेशन लेटर भेजा है. इसका सबूत उन्होंने सोमवार 8 जुलाई को वाइट हाउस में डिनर के दौरान ट्रंप को दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेतन्याहू ने मिडल ईस्ट में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप की कोशिशों की तारीफ़ की. नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा,
राष्ट्रपति ने पहले ही महान अवसरों को पहचान लिया. उन्होंने अब्राहम समझौता कराया. वह एक के बाद एक क्षेत्र में शांति स्थापित कर रहे हैं. इसलिए मैं आपको नोबेल प्राइज़ कमेटी को भेजा गया पत्र पेश करना चाहता हूं. इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है. आप इसके हक़दार हैं. आपको यह मिलना चाहिए.
नेतन्याहू ने आगे कहा,
मैं न सिर्फ़ सभी इज़रायलियों की ओर से बल्कि यहूदी लोगों और दुनियाभर के कई प्रशंसकों की ओर से आपके नेतृत्व, न्यायपूर्ण उद्देश्य के आपके नेतृत्व और शांति और सुरक्षा की खोज के लिए प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं. इसका नेतृत्व आप कई देशों में कर रहे हैं. ख़ासकर मिडल ईस्ट में.
ट्रंप इससे हैरान दिखे. उन्होंने नेतन्याहू को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा इसके बारे में मुझे पता नहीं था. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. विशेष रूप से आपकी ओर से यह बहुत सार्थक है.
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बीते महीने पाकिस्तान सरकार ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सिफ़ारिश की थी. इसके लिए उसने हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान ट्रंप के ‘डिप्लोमैटिक दखल और निर्णायक नेतृत्व’ का हवाला दिया था.

लेकिन अभी तक यह प्राइज़ न मिलने पर ट्रंप अपनी खीझ पर जारी कर चुके हैं. ट्रंप ने 21 जून को अपने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा था कि मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैंने विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच एक शानदार संधि की व्यवस्था की. लेकिन मुझे इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा.
उन्होंने आगे लिखा,
मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. न ही सर्बिया-कोसोवो युद्ध विराम के लिए. मुझे मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. मुझे मध्य पूर्व में अब्राहम समझौता करने के लिए भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. नहीं, मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. रूस-यूक्रेन और इज़रायल ईरान. चाहे मैं कुछ भी कर लूं और जो भी परिणाम हों. लेकिन मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा.
पिछले कुछ सालों में कई समर्थक और सांसद उन्हें नोबेल प्राइज़ देने की सिफ़ारिश कर चुके हैं. बता दें कि आज तक तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है, 1906 में थियोडोर रूजवेल्ट, 1919 में वुडरो विल्सन और 2009 में बराक ओबामा.
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