भारत सरकार ने पैन (PAN) नंबर और आधार (Aadhar) को लिंक करने की समय सीमा 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है. वैसे बड़ी संख्या में लोगों ने बैंक अकाउंट से आधार और पैन को लिंक किया ही होगा, लेकिन अब ये लिंकिंग सिर्फ़ बैंक अकाउंट्स तक सीमित नहीं है. पैन नंबर अब किसी भी तरह के निवेश, बचत या ऑनलाइन लेनदेन के लिए बेहद ज़रूरी है. इसी कड़ी में भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेजा है. इसमें LIC ने ग्राहकों से जल्द से जल्द उनकी पॉलिसी (Policy) को पैन से लिंक करने के लिए कहा है. LIC ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ये जानकारी दी है.
Link your PAN to your LIC policies now!
Log on to https://t.co/fA1vgvFfeK pic.twitter.com/cM7i8WI4xw— LIC India Forever (@LICIndiaForever) September 23, 2021
कैसे लिंक करें?
पैन कार्ड को अपनी LIC पॉलिसी से लिंक करने का तरीक़ा काफी आसान है. ये काम आप दो तरीक़ों से कर सकते हैं. पहला तरीक़ा है, आप अपने नज़दीकी LIC ऑफ़िस जाएं, वहां अपनी पॉलिसी के काग़ज़ात के साथ पैन कॉर्ड और एक पहचान पत्र की कॉपी जमा कर दें.
दूसरा तरीक़ा है LIC की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in पर लॉगइन करना. LIC ने इस प्रॉसेस को काफ़ी आसान रखा है ताकि सभी ग्राहक और एजेंट दोनों ही आसानी से पॉलिसी-पैन लिंक कर सकें. पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:-
1) पहले आप LIC की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in पर लॉगइन करें.
2) होमपेज पर ‘Online PAN Registration’ पर क्लिक करें. अपने सभी पॉलिसी दस्तावेज़ों और पैन कार्ड को तैयार रखें.
3) ऑनलाइन पैन रजिस्ट्रेशन विंडो के बाद, आपको ‘Proceed’ बटन पर क्लिक करना होगा.
4) इस स्टेप में आपको अपना डेट ऑफ़ बर्थ, ई-मेल आईडी, पैन नंबर, मोबाइल नंबर और सही पॉलिसी नंबर डालना होगा. अगर आपके पास एक से ज़्यादा पॉलिसी हैं तो एक-एक करके सबको ऐड किया जा सकता है. नीचे दी गई तस्वीर देखें.
5) इसके बाद सही कैप्चा कोड डालें और “Get OTP” पर क्लिक करें.
5) OTP आपके पॉलिसी से लिंक हुए फोन नंबर पर आएगा. OTP डालने के बाद फॉर्म को सबमिट कर दें.
6) इसके बाद एक पेज खुलेगा जिसमें आपको “Registration Successful” नज़र आएगा.
अब आपका पैन और आपकी पॉलिसी लिंक हो चुके हैं.
फायदा-नुकसान क्या?
ये पूरी प्रक्रिया उन लोगों के लिए थी जिन्होंने पहले ही LIC की पॉलिसी ले रखी हो. अगर आप LIC की कोई नई पॉलिसी ले रहे हैं तो आपको ऐसा कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि नई पॉलिसी के दस्तावेज़ों में इसकी व्यवस्था कर दी गई है. एक जगह पर आपको अपना हस्ताक्षर करना होगा और ये लिंक खुद ब खुद हो जाएगा.
अब सवाल ये कि LIC पॉलिसी से पैन को लिंक करने से ग्राहक को क्या फ़ायदा मिलेगा?
ये सवाल हमने किया LIC के एक ज़ोनल मैनेजर से. उन्होंने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर हमें बताया कि जब किसी भी कस्टमर की पॉलिसी मैच्योर होगी, यानी उसकी अवधि पूरी हो जाएगी और उसके एवज में रक़म मिलनी हो, तब इसका फ़ायदा मिलेगा. उन्होंने आगे कहा,
अगर कस्टमर की किसी कारण से मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को पॉलिसी का लाभ मिलेगा. अगर पॉलिसी पैन से लिंक्ड है तो LIC से क्लेम लेते वक्त कस्टमर या उसके नॉमिनी को सिर्फ़ 2 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. लेकिन अगर पैन नंबर आपके पॉलिसी से लिंक्ड नहीं है, तब कुछ पॉलिसियों के लिए 20 प्रतिशत तक का टैक्स भुगतान करना पड़ सकता है.
पैन के ज़रिए LIC इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी भेजेगा. ये उन ग्राहकों के लिए होगा जिनका पैन पॉलिसी से जुड़ा है. अगर पैन लिंक्ड नहीं होगा तो LIC पॉलिसी के क्लेम की रक़म पर 20 प्रतिशत टैक्स कटेगा और उसे इनकम टैक्स विभाग को जमा करेगा.
वीडियो-खर्चा पानी: डूब रहे वोडाफ़ोन और LIC को बचाने के लिए मोदी सरकार की क्या तैयारी है?