एक नेता, जो कभी सरकार का हिस्सा नहीं रहा. जब सरकार में जाने का मौका मिला, तब भीनहीं गया. अंग्रेजों की लाठियां भी खाईं और पुर्तगालियों से भी लोहा लिया. दूसरेशब्दों में कहें तो आजादी की लड़ाई में जेल गया और गोवा मुक्ति संग्राम में भी जेलकी सजा पाई. पुणे का रहने वाला और प्रतिष्ठित फर्ग्युसन काॅलेज में पढ़ा यह नेता दोबार मुंबई के बांद्रा से चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाब नहीं रहा. तब इस नेता ने बिहारको अपनी सियासी कर्मभूमि बनाया और वहां से 4 बार संसद पहुंचा. हम बात कर रहे हैंसोशलिस्ट नेता मधु लिमये की, जिनकी 8 जनवरी को 26वीं बरसी है. देखिए वीडियो.