1 अगस्त 2020, कुछ-कुछ जगह 31 जुलाई 2020. इस दिन बक़रीद है. इसे ईद-उल-अज़हा या ईद-उल-अदहा भी कहा जाता है. इसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुछ नियम निकाले हैं. 22 जुलाई को यूपी के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) एच.सी अवस्थी ने गाइडलाइन्स जारी की. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, धार्मिक मौलवियों से कहा गया है कि वो लोगों को घर पर ही बक़रीद सेलिब्रेट करने के लिए प्रोत्साहित करें.
और क्या-क्या है गाइडलाइन में?
ये गाइडलाइन एच.सी. अवस्थी ने सबी ज़ोन के एडिशनल DGP, लखनऊ और गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर समेत सभी ज़ोन, जनपद के सीनियर पुलिस अधिकारियों को दिए हैं. गाइडलाइन्स की हेडिंग है-
“पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा ईद-उल-जुहा (बक़रीद) पर्व को सकुशल सम्पन्न कराए जाने के संबंध में दिए दिशा-निर्देश”
Uttar Pradesh Director General of Police issues guidelines regarding celebration of Bakrid in the state. “Religious leaders should encourage people to celebrate the festive in their homes,” it reads. pic.twitter.com/QSBdyNnNCh
— ANI UP (@ANINewsUP) July 22, 2020
लिखा है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बक़रीद के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसमें सामूहिक रूप से इसे सेलिब्रेट न करने की हिदायत दी गई है. कहा गया है कि घर पर ही इसे मनाया जाए. और ये भी बताया कि कुछ संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से नज़र भी रखी जाएगी.
एक-एक करके सारे पॉइंट्स जानिए-
– धर्मगुरुओं द्वारा बक़रीद का त्यौहार घर में ही मनाने, सामूहिक रूप से नमाज अदा न किए जाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए.
– पुलिस द्वारा वाहनों पर लाउडस्पीकर के ज़रिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए.
– सोशल मीडिया के कई माध्यम जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और वॉट्सऐप वगैरह पर कड़ी नज़र रखी जाएगी. भ्रामक सूचना फैलाने पर कार्यवाई की जाएगी.
– संवेदनशील इलाकों में पुलिस पिकेट/गश्त की प्रभावी व्यवस्था की जाए.
– साम्प्रदायिक/शरारती तत्वों और चिन्हित लोगों पर कड़ी नज़र रखी जाए. ज़रूरत पड़ने पर इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
– थानाध्यक्षों (थाने का प्रमुख) को साफ निर्देश दिए जाएं कि वो छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत और ज़रूरी रिस्पॉन्स करें.
– बीते बरसों में इस मौके पर अगर कोई विवाद हुआ हो तो उसका निपटारा कर लिया जाए. इसी के साथ अगर कोई नया विवाद सामने आया हो तो समय रहते उसका निपटारा भी करा लिया जाए.
– मिश्रित आबादी (यानी जहां मुस्लिम समेत बाकी धर्मों के लोग भी रह रहे हों) और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों के ज़रिए निगरानी की जाए.
– सुबह-सुबह चेकिंग के लिए सभी थानों में मॉर्निंग पार्टी का गठण किया जाए. ये टीम संवेदनशील इलाकों के आस-पास आपत्तिजनक पोस्टर, बैनर और वस्तुएं वगैरह होने पर समय से ज़रूरी कार्रवाई करे.
– अपराधी, गुंडे और साम्प्रदायिक तत्वों पर खास नज़र रखी जाए. और ज़रूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
– संवेदनशील इलाकों में एंटी सेबोटाज चेक, एक्सेस कंट्रोल और QRT का इंतज़ाम किया जाए.
– CCTV कैमरों के इंतज़ाम के लिए संवेदनशील इलाकों, चौराहों को चुन लिया जाए और वीडियोग्राफी की टीमें भी बना ली जाएं.
– बक़रीद के मौके पर जनपदों को ज़ोन और सेक्टर में बांटा जाए. और इन ज़ोन और सेक्टर में मजिस्ट्रेट और समकक्ष पुलिस अधिकारी समेत पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए.
– संवेदनशील हॉटस्पॉट पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट और पुलिस पिकेट की भी ज़रूरत के हिसाब से तैनाती की जाए.
– यूपी-112 के वाहनों का इंतज़ाम संवेदनशील रास्तों और इलाकों में किया जाए.
– सबसे आगे काम कर रहे पुलिसवालों को संक्रमित होने से बचाने के लिए ग्लव्स, मास्क और शील्ड मुहैया कराई जाए. ड्यूटी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
ये सारे नियम ईद के लिए जारी गाइडलाइन्स में हैं. यूपी पुलिस के मुताबिक, उनकी कोशिश है कि ईद के दिन कोविड-19 के नियमों की अनदेखी न हो, और कहीं किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.
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