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UP: कोरोना काल में 16 हेल्थ सेंटरों के इंचार्ज का सामूहिक इस्तीफा, वजह हैरान कर देगी

उन्नाव के अधिकारियों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं.

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यूपी के उन्नाव में 14 सरकारी डॉक्टरों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर जेल भेजने की धमकी देने के भी आरोप लगाए हैं.
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13 मई 2021 (Updated: 13 मई 2021, 11:04 IST)
Updated: 13 मई 2021 11:04 IST
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यूपी एक तरफ कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप झेल रहा है, वहीं 16 हेल्थ सेंटरों के प्रमुखों के इस्तीफों से हर कोई हैरान है. उन्नाव जिले में कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों के 11 और प्राइमरी हेल्थ सेंटरों के 5 इंचार्जों ने सामूहिक इस्तीफे का ज्ञापन सीएमओ को भेज दिया. इन डॉक्टरों का आरोप है कि प्रशासन के सीनियर अधिकारी उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं. डांटते हैं. जेल भेजने की धमकी देते हैं. कोविड संकट में दिन-रात एक करने के बावजूद उन्हें परेशान किया जा रहा है. इतने डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे की खबर से जिले में हड़कंप मच गया है. मामले को सुलझाने के लिए उन्नाव के डीएम रवींद्र कुमार ने इस्तीफा सौंपने वाले इंचार्ज के साथ आज यानी 13 मई को मीटिंग बुलाई. दोपहर बाद डीएम उन्नाव ने जानकारी दी कि सभी लोगों ने इस्तीफा वापस ले लिया है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है. 'लगातार काम करने के बाद भी परेशान किया जा रहा' डॉक्टरों ने जिले के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परेशान करने की बात कही है. इस्तीफे की पेशकर करने वाले डॉक्टरों में प्रोविजनल मेडिकल सर्विस के जिला महासचिव और गंज मुरादाबाद हेल्थ सेंटर के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार भी शामिल हैं. उन्होंने बताया,
''दिनभर वैक्सीनेशन और सैंपलिंग के बाद एसडीएम साहब हमें मीटिंग के लिए ऑफिस आने को कह देते हैं. कोई डॉक्टर 30-40 किलोमीटर दूर तैनात है. उसे बाध्य होना पड़ता है कि वह एसडीएम को प्रूफ करे कि उसने काम किया है. हमें बार-बार यह महसूस कराया जाता है कि हम काम नहीं कर रहे. हमारी वजह से ही सारी दिक्कतें आ रही हैं. हमें इस्तीफा देने जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. हम पिछले साल से 24 घंटे काम कर रहे हैं. इसके बावजूद नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है. वे हमें झूठा आरोप लगाकर डांटते हैं कि हम जिम्मेदारी से काम नहीं कर रहे हैं.''
'कोरोना संक्रमित सुपरिंटेंडेंट का ट्रांसफर कर दिया' ये डॉक्टर कुछ दिन पहले फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राइमरी हेल्थ सेंटरों के प्रभारी अधिकारियों को हटाए जाने से भी खफा हैं. डॉ. संजीव ने ये भी दावा किया कि एक हेल्थ सेंटर के इंचार्ज को तो कोरोना पीड़ित होने के दौरान ही ट्रांसफर कर दिया गया. उनका आरोप है कि फतेहपुर चौरासी और असोहा सेंटरों के सुपरिंटेंडेंट्स को अपने बचाव का मौका तक नहीं दिया गया. फतेहपुर चौरासी के सुपरिंटेंडेंट डॉ. प्रेमचंद कोरोना संक्रमित हैं. सामूहिक इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं- डॉक्टर मनोज, डॉक्टर विजय कुमार, डॉक्टर ब्रजेश कुमार, डॉक्टर अरुण कुमार, डॉक्टर संजीव कुमार, डॉक्टर शरद वैश्य, डॉक्टर पंकज पांडे आदि. सामूहिक इस्तीफे की कॉपी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी हेल्थ, डायरेक्टर जनरल हेल्थ, एडिशनल डायरेक्टर जनरल हेल्थ, एडिशनल डायरेक्टर मेडिकल एंड हेल्थ, जिला अधिकारी उन्नाव को भी भेजी गई है. उन्नाव के CMO बोले - हमें कुछ नहीं पता हैरान करने वाली बात ये है कि जब नाराज डॉक्टरों ने सीएमओ डॉक्टर आशुतोष कुमार को अपना इस्तीफा देना चाहा तो उन्होंने लेने से मना कर दिया. इसके बाद सामूहिक इस्तीफे डिप्टी सीएमओ डॉक्टर तन्मय को सौंपे गए. उन्नाव के सीएमओ डॉ. आशुतोष ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उन्हें नहीं पता था कि हेल्थ सेंटर के डॉक्टर जिला प्रशासन से नाराज थे. डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा,
'ऐसा कदम उठाने से पहले उन्हें अपनी समस्या मुझे बतानी चाहिए थी. मुझे इस्तीफा दिए जाने से पहले ही पता चला. मैंने जिला मजिस्ट्रेट से इसके बारे में बात की. उन्होंने बैठक बुलाई है. उम्मीद है कि मामला जल्द सुलझ जाएगा.'
सीएमओ ने ये भी दावा किया कि सभी लोगों के काम की कई स्तर पर मॉनिटरिंग होती है. ऐसा नहीं है कि किसी के साथ बुरा बर्ताव हुआ हो. जिन दो डॉक्टरों के ट्रांसफर की बात कही जा रही है, वह नीति के हिसाब से ही किया गया था. उनके परफॉर्मेंस को देखकर ये फैसला हुआ था. उन्नाव के डीएम ने 13 मई को असंतुष्ट और इस्तीफा सौंप चुके इंजार्ज से मीटिंग की. मीटिंग के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि मामला सुलझ गया है और सभी ने इस्तीफा वापस लिया है. उनकी जो शिकायतें हैं वो दूर की जाएंगी.

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