तमिलनाडु. यहां का कुड्डालोर जिला. यहां पंचायत बैठक के दौरान एक दलित ग्राम पंचायत अध्यक्ष को जमीन पर बैठाया गया, जबकि बाकी सब वहां कुर्सियों पर बैठे थे. इस बैठक में पंचायत बोर्ड के उपाध्यक्ष भी मौजूद थे. आरोप है कि उन्होंने ही पंचायत अध्यक्ष को जमीन पर बैठने को कहा था.
क्या है मामला
राजधानी चेन्नई से 250 किलोमीटर दूर थेरकुथिटाई गांव है. राजेश्वरी यहां की ग्राम पंचायत की अध्यक्ष हैं. वह इसी साल जनवरी में चुनी गईं हैं. इस गांव में लगभग 500 घर हैं. इसमें से 100 घर दलित हैं. इस बार के पंचायत चुनाव में यह सीट एससी समुदाय के लिए आरक्षित थी. अब इस गांव की पंचायत अध्यक्ष की तस्वीरें वायरल हो रही है. जिसमें वह फर्श पर बैठी हैं. राजेश्वरी का आरोप है कि पंचायत बोर्ड की बैठक में उन्हें फर्श पर बैठने को कहा गया. राजेश्वरी का यह भी कहना है कि उन्हें जनवरी से ही सभी बैठकों में नीचे ही बैठाया जाता है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा,
मुझे गणतंत्र दिवस पर झंडा नहीं फहराने दिया गया. ग्राम पंचायत उपाध्यक्ष ने मुझसे कहा कि उनके पिता झंडा फहराएंगे. वो और वार्ड के अन्य सदस्यों ने मेरा अपमान किया और मुझे बैठकों में जमीन पर बैठने के लिए मजबूर किया गया.
इस पूरे मामले में अब एससी / एसटी एक्ट के तहत पंचायत उपाध्यक्ष हिंदू मोहन राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में पंचायत सचिव, सिंधुजा को निलंबित कर दिया गया है. अब पुलिस ने इस मामले में वार्ड नंबर 6 के सदस्य सुगुमार को भी गिरफ्तार किया. पुलिस अधीक्षक एम. श्री अभिनव ने कहा कि सुगुमार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है.
हाल ही में एक अन्य दलित ग्राम पंचायत अध्यक्ष को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं दी गई. जिसके बाद तिरूवल्लूर जिले में काफी बवाल मचा था. फिर, आथुपक्कम गांव के अध्यक्ष वी अमुर्थम ने जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर पांच दिन बाद तिरंगा फहराया.
वीडियो देखें: दलित लड़की ने फूल तोड़ा तो पूरे गांव ने समुदाय का बहिष्कार कर दिया