भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से मेलबर्न में दूसरा टेस्ट खेला जाएगा. लेकिन टीम के कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव लेकर घर लौट गए हैं. इस पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. गावस्कर का कहना है कि टीम में अलग-अलग खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग तरह के नियम हैं. जैसे कि विराट कोहली को सीरीज़ के बीच में भी पैटरनिटी लीव मिली. वहीं नटराजन जैसे खिलाड़ी को अपनी पहली बेटी के जन्म के बाद महीनों बाद भी घर जाने का मौका नहीं दिया गया.
नटराजन के उदाहरण के अलावा गावस्कर ने अश्विन को लेकर भी बात की. गावस्कर ने स्पोर्ट्सस्टार के लिए एक कॉलम लिखा. जिसमें उन्होंने लिखा,
”रविचन्द्रन अश्विन के स्पष्ट कहने की वजह से भारतीय टीम में उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ता है. उन्हें हमेशा प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह बनाने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है. यहां तक की टीम में हर एक खिलाड़ी के लिए अलग नियम हैं.”
गावस्कर ने आगे कहा,
”रविचंद्रन अश्विन काफी लंबे समय से योग्यता की वजह से नहीं बल्कि साफ बोलने की वजह से चीज़ें झेल रहे हैं. वो बाकी लोगों की तरह सिर्फ हां में सिर नहीं हिलाते. अगर वो सिर्फ एक मैच में विकेट नहीं लेते तो अगले मैच से उन्हें बाहर कर दिया जाता है. जबकि ऐसा किसी भी स्थापित खिलाड़ी के साथ नहीं होता.”

नटराजन को नेट बॉलर बनाने पर भी है गावस्कर की आपत्ति:
अश्विन के अलावा गावस्कर ने हाल में ही टीम इंडिया के लिए डेब्लू करने वाले टी नटराजन का उदाहरण भी दिया. टी नटराजन कुछ दिन पहले ही आईपीएल प्लेऑफ्स के दौरान पिता बने हैं. लेकिन अपनी बच्ची से मिले बिना ही वो यूएई से सीधे ऑस्ट्रेलिया रवाना हो हए. ऐसा नहीं है कि नटराजन टेस्ट टीम का हिस्सा हैं. बल्कि उन्हें एक नेट बॉलर के तौर पर टीम के साथ रखा गया है. गावस्कर ने इस पर कहा,
”आईपीएल के दौरान पहली बार पिता बने नटराजन को टेस्ट सीरीज़ में एक नेट गेंदबाज़ के तौर पर ऑस्ट्रेलिया में रुकने के लिए कहा गया है. ज़रा सोचिए, एक दूसरे फॉर्मेट के मैच विनर को एक नेट गेंदबाज़ बनाकर ऐसे वक्त में रोका गया है. जनवरी के तीसरे हफ्ते में जब सीरीज़ खत्म होगी, तब जाकर वो अपनी बेटी को देख पाएंगे. दूसरी तरफ एक कप्तान हैं जो कि अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए पहले टेस्ट के बाद ही लौट गए.”
गावस्कर की इन बातों पर बहुत से लोगों की सहमति है. जबकि कुछ का मानना है कि टीम के साथ रहना या परिवार को ऐसे वक्त पर प्राथमिकता देना एक खिलाड़ी की अपनी च्वॉइस होती है.
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