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सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या का मामला, लखबीर के परिवार ने क्या कहा?

पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

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तस्वीरें मृतक लखबीर सिंह के घर की हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि वो नशा ज़रूर करता था लेकिन बुरा इंसान नहीं था. (फोटो- The Lallantop)
16 अक्तूबर 2021 (Updated: 16 अक्तूबर 2021, 08:02 IST)
Updated: 16 अक्तूबर 2021 08:02 IST
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सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पहचान लखबीर सिंह के रूप में हुई थी. अब मृतक के परिवार का आरोप है कि इस हत्या के पीछे कोई साजिश है. उनका कहना है कि ज़रूर किसी ने लखबीर को सिखों के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के लिए उकसाया होगा. लखबीर के साले सुखबीर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा -
"लखबीर कभी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी नहीं कर सकते थे. उन्हें ज़रूर किसी ने उकसाया होगा, भड़काया होगा. वो पिछले हफ्ते 50 रुपये लेकर घर से निकले थे. हमें तो अंदाजा भी नहीं था कि वे सिंघु बॉर्डर पर हो सकते हैं. हमें न्याय चाहिए. जिसने भी उन्हें उकसाया हो, उसे ढूंढा जाना चाहिए."
सुखबीर ने कहा कि अगर लखबीर ने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की भी थी तो निहंगों को उनकी हत्या नहीं करनी चाहिए थी. वे कहते हैं कि निहंगों को चाहिए था कि उन्हें पकड़ लेते, बांध लेते और उनके होश में आने का इंतज़ार करते ताकि पूछताछ की जा सके, लेकिन हत्या तो नहीं करनी चाहिए थी. वहीं पंजाब के तरनतारन स्थित मृतक लखबीर सिंह के घर में 15 अक्टूबर से ही भारी भीड़ जुटी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि लखबीर सिंह भले ही नशा करता था, मगर वो बुरा इंसान नहीं था. लोगों को हैरत है कि इतनी बेरहमी से उसकी हत्या कैसे की गई. इंडिया टुडे से बात करते हुए स्थानीय निवासी सुरिंदर कौर ने बताया कि –
“वह नशे का आदी था, लेकिन आज तक कोई ऐसी ग़लत हरकत नहीं की. वो तो आज तक कभी अमृतसर तक नहीं गया तो यह मानना मुश्किल है कि वह दिल्ली कैसे पहुंच गया.”
लखबीर सिंह की पड़ोसन कवलजीत कौर ने कहा,
“लखबीर को नशा करने की आदत थी, लेकिन वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं कर सकता. लखबीर ने गांव में भी कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, न ही उसने कभी किसी का बुरा किया. शुक्रवार से वो घर नहीं आया था.”
इस मर्डर केस में 15 अक्टूबर की ही देर रात एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. निहंग सरदार सरबजीत सिंह के सरेंडर करने के बाद उन्हें क्राइम ब्रांच खरखोदा और कुंडली थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया. क्या हुआ था सिंघु बॉर्डर पर? सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. शुक्रवार, 15 अक्टूबर को एक शव मिला. 35 साल के इस युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उसके हाथ कटे थे. हत्या के पीछे निहंग सिखों के होने की बात पता चली. आरोप है कि उन्होंने ही उस शख्स का हाथ काटा और जान ली. लखबीर सिंह के पिता का नाम दर्शन सिंह है.  6 महीने की उम्र में फूफा हरनाम सिंह ने लखबीर सिंह को गोद ले लिया था. लखबीर सिंह पेशे से मजदूर थे और उनकी उम्र 35-36 साल थी. SC जाति के लखबीर सिंह तरन-तारान जिले के चीमा खुर्द गांव के रहने वाले थे. उनके माता-पिता की मौत हो चुकी है. परिवार में अब सिर्फ एक विधवा बहन (राज कौर) है. उनकी पत्नी जसप्रीत कौर साथ में नहीं रहती थी. वह उनके तीन बच्चों को लेकर अलग रहती हैं. इसमें तीन बेटियां शामिल हैं. जिनकी उम्र 8 से 12 साल के बीच है. इंडिया टुडे के रिपोर्टर मोहित शर्मा की ख़बर के मुताबिक लखबीर हत्या से 3 दिन पहले ही सिंघु बॉर्डर आए थे. यहां निहंग कैंप में रह रहे थे. बताया जा रहा है कि घटना के दिन लखबीर सिंह सरबलोह ग्रंथ के साथ पाए गए. इस पर एक निहंग ने आपत्ति जताई और उनसे कुछ सवाल किए. इसके बाद ही विवाद शुरू हो गया. आरोप है कि इसी के बाद निहंगों ने मिलकर लखबीर सिंह को पकड़ लिया, उन्हें पीटा, एक कलाई काट दी. कई वार के बाद जब लखबीर मरणासन्न हालात में आ गए तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया और शव बैरिकेड से टांग दिया गया.

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