पंकज लाम्बा. सरकारी ठेकेदार और दलित RTI एक्टिविस्ट. एक समय लाम्बा द्वारा दायर की गयी RTI से उत्तराखंड में SC/ST स्कॉलरशिप स्कैम पकड़ा गया था. SIT की जांच बैठी थी. अनुमान लगाया गया कि ये स्कैम 350 करोड़ का है. 4 दिसम्बर शुक्रवार को पंकज की गोली लगने से मौत हो गयी.
पुलिस ने घटना के दो दिन बाद इस मामले में हत्या की FIR दर्ज की. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पुलिस ने जानकारी दी है कि पंकज की मौत अपने साथियों के घर पर हुई थी, जहां पंकज बुलावे पर गए थे. साथियों ने दावा किया कि पंकज ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल उसी घर में रहने वाली 16 साल की लड़की को दी थी, जिसने अनजाने में गोली चला दी. गोली पंकज के गले में जाकर लगी.
जांच अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया,
“जिस कमरे में घटना हुई, उस कमरे में पांच लोग मौजूद थे. उन्होंने पूछताछ में बताया कि पंकज ने अपनी पिस्टल लड़की को दी. पंकज को अन्दाज़ा था कि पिस्टल ख़ाली है, लेकिन पिस्टल के चैम्बर में गोली थी. जब लड़की ने पिस्टल चलाई, तो गोली पंकज को जा लगी.”
लेकिन पंकज के परिजनों का दावा है कि कि पंकज की हत्या हुई है. इसे दुर्घटनावश चली गोली का केस बताया जा रहा है. हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अवोदय के. राज ने बताया कि पंकज के परिजनों ने पंकज के साथियों से पूछताछ की, जिसके बाद उनके साथी क़ासिम समेत नाबालिग़ आरोपियों के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया. ख़बर लिखे जाने तक किसी आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी. घटनास्थल से पुलिस को पंकज की लाइसेंसी पिस्टल, उनकी एक राइफ़ल, कुछ शराब की बोतलें और कुछ खाने का सामान मिला.
पंकज की पत्नी ज्योति ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अलग कहानी बयान की. कहा,
“पंकज 4 दिसंबर को घर पर थे. रात 11:30 बजे क़ासिम और एक आदमी घर पर आए. उन्होंने पंकज को साइट पर चलने के लिए कहा. कहा कि वहां से निर्माण का सामान चोरी हो रहा है. आधी रात 2 से 3 बजे के बीच अजय मौर्य नाम के आदमी ने फ़ोन करके बताया कि पंकज को गोली लगी है.”
ज्योति के साथ ही पंकज की बहन प्रिया ने भी साज़िशन हत्या का आरोप लगाया. उन्होंने ये भी कहा कि पंकज की छवि बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है.
“पुलिस ने लड़की द्वारा ग़लती से गोली चलाने और शराब की बोतलें मिलने की कहानी इसलिए बतायी है ताकि हमारा परिवार इस मामले की तफ़तीश करना बंद कर दे. हमें लगता है कि पंकज को कहीं और गोली मारकर यहां लाकर रख दिया गया था.”
प्रिया ने स्कॉलरशिप स्कीम का ज़िक्र करते हुए कहा,
“उस मामले में अब भी जांच जारी है. और बहुत सारे लोग उसमें शामिल थे. पंकज को अक्सर धमकी भरे फ़ोन आते थे. कुछ साल पहले उसे सुरक्षा भी मिली थी. लेकिन पिछले 2-3 सालों से कोई पुलिस सुरक्षा नहीं थी. वो अपने लाइसेंसी असलहे के साथ चलता थे.”
लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि पंकज ने अपनी जान को ख़तरे की कोई सूचना नहीं दी थी.
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