कोहली को डिफेंड करने की आड़ में अपना एजेंडा चला रहे हैं रवि शास्त्री?
शास्त्री पर भड़के पूर्व इंडियन क्रिकेटर.
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संजय मांजरेकर. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज़. पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री से खासा नाराज हैं. मांजरेकर का कहना है कि शास्त्री को क्रिकेट का सही ज्ञान नहीं है और वे पब्लिक में कुछ भी उल्टा-सीधा बोल देते हैं. मांजरेकर का कहना है कि एक समय पर वे शास्त्री के बड़े प्रशंसक थे, लेकिन शास्त्री का नया अवतार उनकी समझ के बाहर है.
बता दें कि मांजरेकर विराट के कप्तानी छोड़ने पर शास्त्री के ताजा बयान से नाराज़ हैं. शास्त्री ने स्पोर्ट्स तक से बात करते हुए कहा था,
'विराट अभी दो साल कप्तानी और कर सकते थे. लेकिन अगर ऐसा हो जाता तो कुछ लोगों से उनकी तरक्की देखी नहीं जाती.'इसके जवाब में मांजरेकर ने कहा,
'मैं रवि शास्त्री का बहुत बड़ा प्रशंसक था. मैंने उनके नेतृत्व में खेला है. वे खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट करते थे, एक फाइटर थे, और सीनियर भी. लेकिन ये शास्त्री 2.0 मेरी समझ से बाहर है. वे जो पब्लिक में कहते हैं, उनसे वैसी ही उम्मीद है. मैं उन पर रिएक्ट नहीं करता. मैं अपना अपमान नहीं करवाना चाहता. वे बुद्धिमानी वाले कमेंट नहीं करते हैं. आप इसके पीछे का एजेंडा देख सकते हैं. यह क्रिकेट का सटीक ऑब्जरवेशन नहीं है.'
हालांकि मांजरेकर, शास्त्री की इस बात से बिलकुल सहमत हैं कि विराट अभी एक-दो साल कप्तानी और कर सकते थे. लेकिन उनके हिसाब से विराट के कप्तानी छोड़ने का कारण वो नहीं जो शास्त्री ने बताया. उनके हिसाब से विराट ने कप्तानी अपनी ख़राब फॉर्म के चलते छोड़ी. जिससे वे अपनी बल्लेबाज़ी पर फोकस कर सकें. साथ ही मांजरेकर का यह भी मानना है कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल भी काफी बदल गया था. जिसका दबाव विराट और नहीं झेल सकते थे. मांजरेकर ने आगे कहा,Ravi Shastri on Virat Kohli's Test Captaincy,Spitting fact as always👍 pic.twitter.com/wrHzpryv6F
— Harshit Pachouri (@Believer__18) January 23, 2022
'विराट के पास कुछ साल थे, खासकर टेस्ट में जिससे उन्हें बेहद लगाव है. लेकिन टीम की प्लेइंग XI का चयन करना अच्छा नहीं रहा, जो उन्हें पिछले मैनेजमेंट से विरासत में मिला. तो उनके पास निश्चित तौर पर दो साल थे, लेकिन उनकी ख़राब फॉर्म समस्या का कारण थी. वे अमूमन जल्दी वापसी करते हैं लेकिन इस बार उन्हें ऐसा करने में मुश्किल हुई.उन्हें ये अतिरिक्त दबाव अपने ऊपर नहीं चाहिए था. इसके अलावा, उनके आस पास का माहौल भी काफी बदल गया था. वे चाहते हैं कि सब कुछ उनके हिसाब से चले लेकिन ये सब बदल चुका था. ये एक अतिरिक्त चुनौती थी, और अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देते वक्त वह इसका सामना नहीं करना चाहते थे.'बताते चलें कि विराट ने 15 जनवरी को टेस्ट की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था. यह फैसला उन्होंने भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट में मिली हार के बाद लिया था. इस टेस्ट को हारकर भातीय टीम ने टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवा दी थी.