देर रात TV पर आए पुतिन, गुस्से में बहुत कुछ बोल गए, विद्रोह के बाद किसे वार्निंग दे डाली?
पुतिन ने चेतावनी दी कि देश में 'ब्लैकमेल या आंतरिक अशांति' का कोई भी प्रयास विफल हो जाएगा. साथ ही उन्होंने बीते सप्ताह देश के अंदर हुई उठापटक को 'देशद्रोह' करार दिया है.
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रूस में 24 जून को प्राइवेट आर्मी 'वैगनर ग्रुप' की बगावत (Wagner Group Mutiny) के बाद शुरू हुआ संकट कुछ देर बाद ही खत्म हो गया. वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने "खून खराबे से बचने" के लिए लड़ाकों को वापस लौटने को कहा. खबर आई कि प्रिगोझिन खुद बेलारूस चले गए हैं. विद्रोह खत्म होने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का पहली बार बयान सामने आया है.
पुतिन ने 26 जून को रूस के लोगों को संबोधित किया. इस दौरान वो गुस्से में नजर आए. न्यूज एजेंसी AP में छपी खबर के मुताबिक, पांच मिनट के इस संबोधन के जरिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी कि देश में 'ब्लैकमेल या आंतरिक अशांति' का कोई भी प्रयास विफल हो जाएगा. साथ ही उन्होंने बीते सप्ताह देश के अंदर हुई उठापटक को 'देशद्रोह' करार दिया. पुतिन ने कहा बड़े पैमाने पर खून खराबे से बचने के लिए उनके आदेश पर कदम उठाए गए थे. उन्होंने विद्रोह के दौरान धैर्य और समर्थन के लिए देश के नागरिकों को धन्यवाद दिया.
रूसी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देशों ने रूस के लोगों को एक-दूसरे पर गोली चलाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि 'रूस के दुश्मनों' को उम्मीद थी कि वो विद्रोह के जरिए देश को विभाजित और कमजोर कर देंगे, लेकिन उन्होंने गलत अनुमान लगाया. पुतिन ने आगे कहा कि पूरा देश एकजुट है. उन्होंने कहा कि वो वैगनर लड़ाकों को बेलारूस जाने की अनुमति देंगे. इसके साथ ही पुतिन ने वैगनर समूह के नेता प्रिगोझिन और मॉस्को के बीच समझौता करवाने वाले बेलारूस के राष्ट्रपति एलेग्जेंडर लुकाशेंको को धन्यवाद दिया.
प्रिगोझिन ने क्या कहा था?इससे पहले प्रिगोझिन ने कहा था कि वो रूस को खून खराबे से बचाना चाहते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिगोझिन ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि हमने अन्याय के कारण अपना मार्च शुरू किया था. उनका मकसद वैगनर ग्रुप को बर्बाद होने से बचाना था. उनका इरादा अपना विरोध प्रदर्शित करने का था, न कि देश में सत्ता उखाड़ फेंकने का. वो रूसी सैनिकों का खून नहीं बहाना चाहते थे.
इससे पहले, बीते हफ्ते येवगेनी प्रिगोझिन ने घोषणा की थी कि वो रूसी सेना के खिलाफ विद्रोह का रास्ता लेने जा रहे हैं. जिसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने इसे ‘पीठ में छुरा घोंपने’ जैसा बताया था और देश को ‘धोखा’ देने वालों को सख्त सजा देने की बात कही थी. हालांकि, कुछ समय बाद ही मॉस्को की ओर मार्च करने के लिए निकले प्रिगोझिन ने अपनी प्राइवेट आर्मी के साथ वापस लौटने का फैसला किया था.
बताते चलें कि वैगनर ग्रुप एक प्राइवेट आर्मी है जो पिछले कई सालों से अपने सैन्य और खुफिया ऑपरेशन्स को लेकर विवादों में रही है. इस ग्रुप पर मानवाधिकार उल्लंघन के कई आरोप भी लगे हैं. फिलहाल, ये ग्रुप यूक्रेन में रूसी सेना के साथ मिलकर युद्ध लड़ रहा है. मई में ही वैगनर ने रूसी सेना पर पर्याप्त हथियार न देने का आरोप लगा दिया था. प्रिगोझिन ने इस हालात के लिए रूसी रक्षा मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद से ही वैगनर ग्रुप और रूसी सेना के बीच दरार ज्यादा बढ़ गई थी.
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