Porsche कार हादसे के नाबालिग आरोपी पर पूर्व मंत्री की पत्नी ने लगाया गंभीर आरोप
X पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे की पत्नी सोनाली तनपुरे ने कुछ पोस्ट किए. सोनाली ने आरोप लगाए कि पुणे पोर्श कार दुर्घटना के नाबालिग आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उनके बेटे को धमकाया था.

पुणे पोर्श कार हादसे के नाबालिग आरोपी पर ‘बुलिंग’ का भी आरोप लगा है. महाराष्ट्र के एक पूर्व मंत्री की पत्नी ने उस पर आरोप लगाया है कि उसने उनके (महिला) बेटे को धमकाया था. महिला के मुताबिक ये ‘बुलिंग’ उस समय की गई जब उनका बेटा और आरोपी एक ही क्लास में पढ़ते थे.
पुणे पोर्श कार हादसा (Pune Porsche accident) मामले में पुलिस ने आरोपी नाबालिग के पिता को औरंगाबाद से गिरफ्तार किया था. 22 मई को कोर्ट ने पिता को 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. इस बीच सोशल मीडिया वेबसाइट X पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री प्राजक्त तनपुरे की पत्नी सोनाली तनपुरे ने कुछ पोस्ट किए. सोनाली ने आरोप लगाए कि पुणे पोर्श कार दुर्घटना के नाबालिग आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उनके बेटे को धमकाया था.
X पर मराठी में किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा,
“आरोपी लड़का और मेरा बेटा साथ में एक ही क्लास में पढ़ते थे. उस वक्त कुछ लड़कों की वजह से मेरे बेटे को काफी तकलीफें हुई थीं. इसकी शिकायत हमने उन बच्चों के पेरेंट्स से की थी. लेकिन उनके परिवार वालों ने मेरी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया. बच्चों की बदमाशी जारी रही.”
उस घटना के बारे में सोनाली ने आगे लिखा,
“घटना का बुरा असर आज भी मेरे बेटे के मन में है. उन बच्चों के बुरे व्यवहार को अगर उस वक्त ही रोक दिया जाता तो आज ये घटना नहीं घटी होती. एक्सीडेंट में एक लड़के और लड़की की बिना किसी गलती के जान चली गई. उनके परिवार बिखर गए. दोनों मृतकों के परिवार को न्याय मिलना चाहिए.”
वहीं एक्सीडेंट को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि पोर्श दुर्घटना मामले में पुणे पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. अठावले ने इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया,
14 घंटे में मिली थी बेल“महाराष्ट्र सरकार किसी का समर्थन नहीं कर रही है और मामले की जांच चल रही है. मैं मांग करता हूं कि पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. रात भर बार चलाना सही नहीं है. बार के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए.”
बता दें कि पुणे में नाबालिग आरोपी की तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर के कारण बाइक पर सवार दो लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया था, लेकिन हिरासत के लगभग 14 घंटे के अंदर कुछ शर्तों के तहत उसको बेल मिल गई. बेल की शर्तों में 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना, मनोचिकित्सक से इलाज, निबंध लिखना, यातायात नियमों पर प्रेजेंटेशन देने जैसी गतिविधियां शामिल की गई हैं. इसे लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. मृतक के परिवार का कहना है कि बिजनेस टाइकून का बेटा होने के चलते आरोपी को बेल दे दी गई.
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