उद्धव ठाकरे के घर में सेंधमारी, सगे भतीजे ने एकनाथ शिंदे को समर्थन दिया
निहार ठाकरे शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बड़े बेटे बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें सरकार से हटने के बाद भी कम नहीं हो रही हैं. अब उद्धव के भतीजे निहार ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन कर दिया. हालांकि वे पहले से राजनीति में नहीं थे. निहार ने शुक्रवार 29 जुलाई को एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. निहार ठाकरे शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बड़े बेटे बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे हैं. बिंदुमाधव ठाकरे की साल 1996 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी.
निहार ठाकरे मुंबई में वकालत करते हैं. उनकी शादी बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल की बेटी से हुई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने इस मुलाकात को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि निहार ठाकरे अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत सीएम के नेतृत्व में करेंगे.
'शिंदे हिंदुत्व को आगे ले जा रहे'निहार की एकनाथ शिंदे से मुलाकात पर अब तक उद्धव ठाकरे या उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुलाकात के बाद निहार ने मीडिया से कहा,
"मैं एक वकील हूं और अगर मैं मुख्यमंत्री साहब की कोई कानूनी मदद कर पाऊं तो मेरे लिए ये खुशी की बात होगी."
हिंदुत्व के विषय पर उन्होंने जवाब दिया,
"यह कहने के बदले कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्व को आगे नहीं ले जा रहे थे, मैं ये कहूंगा कि एकनाथ शिंदे हिंदुत्व को आगे ले जा रहे हैं."
पिछले महीने एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 से ज्यादा विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी जिसके बाद शिवसेना अध्यक्ष को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि एक महीने बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है.
मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाइंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि महाराष्ट्र सरकार में शिंदे गुट को 15-16 मंत्री पद मिलने की संभावना है. महाराष्ट्र में सीएम और डिप्टी सीएम सहित अधिकतम 42 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. पिछले महीने जब उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत हुई थी उनमें एकनाथ शिंदे के साथ 9 मंत्री भी थे. सूत्रों ने बताया कि इन सभी बागियों को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे सरकार 65-35 के फॉर्मूले पर आगे बढ़ सकती है. कैबिनेट में 65 फीसदी मंत्री बीजेपी के और 35 फीसदी शिंदे गुट के होंगे. इस हिसाब से करीब 24-25 मंत्री पद बीजेपी नेताओं को दिए जा सकते हैं. हालांकि कुछ छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार को समर्थन दिया है. ऐसे में उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
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