ऑस्ट्रेलिया का वो फास्ट बॉलर जिसने अपने आखिरी टेस्ट में 201* रन ठोक डाले
नाइट वॉचमैन बनकर आया और 10 घंटे क्रीज पर डटा रहा.
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फोटो - thelallantop
जब-जब क्रिकेट में बात ऑस्ट्रेलिया की होगी. खासकर उस ऑस्ट्रेलिया की जो लंबे वक्त तक वर्ल्ड चैंपियन रही और जिसके बॉलिंग अटैक का दुनिया में कोई तोड़ नहीं था. तब तब बात इस अटैक के उस खास हथियार की जरूर होगी जो ग्लेन मैक्ग्रा की सटीक गेंदबाजी और ब्रेट ली की स्पीड के बीच में विरोधी टीम को पस्त करने वाले स्पेल फेंकता था. नाम जेसन गिलेस्पी. वो जब 21 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू करने आया था तो दो बच्चों का पिता था, अपने चौथे ही टेस्ट में 5 विकेट ले लिए थे और चार मैच बाद वो इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स के मैदान पर 37 रन देकर 7 विकेट लेने का कारनामा कर चुका था.
टेस्ट में 259 और वनडे में 142 विकेट लिए हैं जेसन गिलेस्पी ने.
अपने मुल्क के लिए 71 टेस्ट और 97 वनडे मैच खेले गिलेस्पी के नाम 400 से ज्यादा इंटरनेशनल विकेट हैं. मगर स्टोरी अभी बाकी है. साल 2006 में इंजरी के बाद टीम में लौटे इस गेंदबाज ने अपने 31वें जन्मदिन पर खुद को एक अनोखा गिफ्ट दिया था. 16 अप्रैल 2006 को बांग्लादेश के चटगांव में सीरीज का दूसरा टेस्ट शुरू हुआ था. बांग्लादेश ने पहले बैटिंग करते हुए पहली पारी में 197 रन बनाए. इसमें गिलेस्पी ने 3 विकेट लिए थे.

अपने आखिरी टेस्ट में पहली सेंचुरी मारी थी इस फास्ट बॉलर ने.
फिर बारी आई ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग की. पहले दिन ऑस्ट्रेलिया का एक विकेट गिरा और यहां जेसन गिलेस्पी नाइट वॉचमैन के तौर पर बैटिंग करने आए. दिन के खेल के 22 मिनट बाकी थे. वो उस दिन नाबाद रहे. अगला पूरा दिन भी गिलेस्पी ने क्रीज पर बिताया. न सिर्फ बिताया बल्कि रन बनाए. फिल जैक्स, रिकी पोटिंग और माइक हसी जैसे बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन पहुंच गए मगर जेसन गिलेस्पी टिके रहे. पहले शतक पूरा किया और फिर उसे दोहरे शतक में भी तब्दील कर दिया. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 581/4 हो गया और यहां जब पारी का डिक्लेयर किया गया, तब तक इस नाइट वॉचमैन के नाम के आगे नाबाद 201 लिख चुका था. गिलेस्पी ने क्रीज पर बल्ला थामे 574 मिनट बिताए थे यानी 10 घंटे. अभी भी अगर पारी डिक्लेयर नहीं होती तो वो और भी खेल सकते थे.
वीडियो देखिए:
ये अब तक के क्रिकेट इतिहास का किसी भी नाइटवॉचमैन का सबसे बड़ा स्कोर है. वैसे साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर रहे मार्क बाउचर ने दो दफा नाइटवॉचमैन रहते हुए शतक मारे हैं. मगर बाउचर एक मुकम्मल बल्लेबाज रहे हैं. खैर, ऑस्ट्रेलिया ने वो टेस्ट एक पारी और 80 रनों से जीत लिया. ये गिलेस्पी के करियर का आखिरी टेस्ट मैच भी रहा जिसमें इस प्लेयर को मैन ऑफ द मैच दिया गया. अपने करियर में इंजरी से परेशान इस क्रिकेटर ने 2008 में इंटरनेशनल करियर के आगे फुल स्टॉप लगाते हुए यॉर्कशायर का कोच पद संभाल लिया. इसके बाद PNG,बिग बैश लीग में एडिलेड स्ट्राइकर्स और आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब का कोच भी रह चुके गिलेस्पी का नाम पिछले साल टीम इंडिया के कोच पद के लिए भी सामने आया था.
अब ऑस्ट्रेलिया के कोच डैरन लेहमन ने जब बॉल टेंपरिंग कांड के बाद अपना पद छोड़ा तो सबकी नजर जेसन गिलेस्पी पर थी. खबर है कि 47 साल के जस्टिन लैंगर और 43 साल के जेसन गिलेस्पी ऑस्ट्रेलिया कोच पद की दौड़ में हैं. वैसे इस कंट्रोवर्सी के बाद ग्रेग चैपल ने भी गिलेस्पी के नाम की ही वकालत की है.
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