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कपड़ों की शॉपिंग के बीच Jockey और Rupa जैसे इनरवियर की डिमांड क्यों कम हो गई?

लोग कपड़े तो खरीद रहे हैं, लेकिन ट्रेंड में बदलाव हो रहा है.

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indians are buying clothes but not enough innerwears here is the reason
भारत में इनरवियर मार्केट लगभग 48 हजार 123 करोड़ रुपये की है. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
15 सितंबर 2023 (Published: 12:11 AM IST) कॉमेंट्स
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अगर आप वर्किंग हैं, तो एक बात तो पक्की है. सैलरी आने से पहले ऑनलाइन शॉपिंग ऐप पर कार्ट भर जाती होगी. हमारे शॉपिंग टाइम का एक बड़ा हिस्सा कपड़े खरीदने में जाता है. इसमें भी एक खास सेगमेंट है इनरवियर्स और एथलेजर का. जिसे आज की जनरेशन काफी महत्व देती है. बाकायदा ब्रैंड देखकर खरीदारी होती है, ट्रेंड्स चलते हैं. इसी ट्रेंड में अब बदलाव देखने को मिल रहा है. लोग कपड़ों की शॉपिंग तो कर रहे हैं. पर जॉकी (Jockey), रूपा (Rupa) और डॉलर (Dollar) जैसे ब्रांड्स की सेल में गिरावट देखने को मिली है. 

कोरोना महामारी के बाद से लोगों के ऑफिस खुल गए हैं. सो अब जनता फॉर्मल पहनकर ऑफिस जाने लगी है. इसका असर एथलेजर (Athleisure) सेगमेंट पर पड़ा है. एथलेजर सेगमेंट में जॉगर्स, टी-शर्ट और हल्का-फुल्का फ़ील कराने वाले कपड़े आते हैं. लेकिन सेल में गिरावट का कारण सिर्फ ऑफिस खुलना ही नहीं है.

इनवेंट्री का गलत अनुमान

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जॉकी और स्पीडो की पेरेंट कंपनी Page Industries के डायरेक्टर वीएस गणेश ने बताया कि उनकी कंपनी का इस साल की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2023) में रेवेन्यू 28 फीसदी बढ़ा था. वहीं दूसरी तिमाही में रेवेन्यू में साढ़े 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. Page Industries के साथ-साथ ज्यादातर मेन्स अंडरवियर के ब्रांड्स की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस गिरावट का कारण इनवेंट्री का गलत अनुमान और कच्चे माल के दामों में उतार-चढ़ाव था. इस वजह से कंपनियों के मार्जिन में फर्क पड़ा है.

प्रीमियम अंडरवियर ब्रांड XYXX के फाउंडर योगेश काबरा ने बताया कि प्रीमियम कैटेगरी के प्रोडक्ट्स की बिक्री में गिरावट नहीं हुई है. कोरोना महामारी के बाद से लोग प्रीमियम प्रोडक्ट्स की तरफ बढ़े हैं. उन्होंने बताया कि जिन प्रोडक्ट्स की बिक्री में गिरावट हुई है, वो बड़े ब्रांड हैं. जहां इनवेंट्री इकट्ठा होने की वजह से ही घाटा हुआ है.

महिलाओं के इनरवियर सेगमेंट में गिरावट नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इनरवियर मार्केट लगभग 48 हजार 123 करोड़ रुपये का है. जिसमें पुरुष कैटेगरी की हिस्सेदारी 39 फीसदी है. वहीं महिलाओं के इनरवियर्स की हिस्सेदारी 61 फीसदी है. महिलाओं के इनरवियर सेगमेंट के बारे में रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाएं अक्सर खरीदारी करती हैं और ज्यादा खर्च करने को तैयार रहती हैं. रिलायंस रिटेल के प्रवक्ता ने बताया कि क्लोविया जैसे ब्रांड्स अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. उनके मुताबिक रिलायंस अपने ब्रांड डिस्ट्रीब्यूशन स्टोर्स की संख्या भी बढ़ा रहा है.

इस सेगमेंट के प्रोडक्ट्स की सेल में गिरावट नहीं हुई है. इसका कारण ये है कि महिलाओं की तरफ से डिमांड आती रहती है. रिलायंस रिटेल के प्रवक्ता ने बताया कि वो नए प्रोडक्ट्स और नई कैटगरी की संभावनाएं तलाशते रहते हैं. इसमें स्लीप और लाउंजवियर भी शामिल है.

(ये भी पढ़ें: घर-जमीन के कागज खो जाएं तो हड़पने से कैसे बचाएं, डुप्लिकेट पेपर कहां बनेंगे?)

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