रिटायरमेंट तक 10 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए किस उम्र में निवेश करना चाहिए?
आपकी उम्र और आप किस असेट में निवेश करना चाहते हैं, इन्हीं दो चीजों के आधार पर आपका रिटायरमेंट प्लान तय होता है.
30-40 की उम्र जिंदगी का वो पड़ाव होता है, जिसमें लोग रिटायरमेंट(Retirement Planning) के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं. ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आता है कि रिटायरमेंट की प्लानिंग करें कैसे, कितने रुपये का फंड बनाएं. वैसे तो इसका कोई फिक्स फॉर्म्यूला नहीं है. मगर अमूमन रिटायरमेंट के नाम पर 10 करोड़ रुपये का फंड बनाने की सलाह दी जाती है.
अभी 10 करोड़ आपको ज्यादा रकम लग सकती है. मगर जब आप 60 साल के होंगे उस समय 10 करोड़ रुपये की रकम सामान्य रकम होगी. हालांकि, अगर आप चाहें तो इससे कम या अधिक टारगेट भी रख सकते हैं. लेकिन फिलहाल हम 10 करोड़ रुपये का टारगेट रखकर रिटायरमेंट की प्लानिंग समझते हैं. उदाहरण के लिए हम तीन उम्र के लोगों को लेते हैं. 30 साल, 35 साल और 40 साल.
रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) जुटाने की तैयारी के लिए सबसे पहले दो चीजें पता कर लें. पहला- निवेश करने के लिए आपके पास कितना समय है. मसलन- अगर आप 30 साल के हैं तो आपके पास 30 साल का समय है. अगर 40 के हैं तो ये टारगेट जुटाने के लिए 20 साल का समय है. दूसरी चीज है- रेट ऑफ रिटर्न, यानी निवेश से कितने फीसदी की दर मिले की रिटायरमेंट फंड का टारगेट हासिल हो जाए. ध्यान रहे कि ज्यादा रिटर्न वाले ऑप्शन ज्यादा रिस्की होते हैं. इसलिए रिस्क की क्षमता के हिसाब से निवेश का प्लान करें. जैसे- डेट इंस्ट्रूमेंट्स कम रिस्की होते हैं, लेकिन इन पर रिटर्न भी ठीक-ठाक ही मिलता है. वहीं, शेयर बाजार में अच्छा खासा रिटर्न मिलता है लेकिन रिस्क भी उतना ही अधिक होता है.
कुल मिलाकर कह सकते हैं, आपकी उम्र और आप किस असेट में निवेश करते हैं इन्हीं दोनों के आधार पर आपका प्लान तय होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 30,000 रुपये से लेकर 1.7 लाख रुपये के मंथली रिटर्न के जरिए 10 करोड़ रुपये का रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं.
30 साल वाले के लिए प्लान1) 30 साल वाले शख्स के पास फंड जुटाने के लिए 30 साल का समय होगा. अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं और ठीक ठाक रिटर्न से खुश हैं, मसलन 8 पर्सेंट, तो इस स्थिति में 30 साल में 10 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए 68,000 से 69,000 रुपये का निवेश करना होगा.
2) अगर औसत से थोड़ा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो शेयर और डेट दोनों में बराबर निवेश करके टारगेट हासिल कर सकते हैं. इस स्थिति में 10 पर्सेंट का रिटर्न आमतौर पर अनुमानित रहता है. इस रिटर्न के हिसाब से अगर 30 सालों तक हर महीने 46,000 से 47,000 रुपये का निवेश किया जाए तो रिटायरमेंट के समय 10 करोड़ रुपये का फंड मिल सकता है.
3) अगर रिस्क लेने की क्षमता अधिक है तो शेयर मार्केट में निवेश सबसे बढ़िया तरीका है. शेयर मार्केट से निवेशकों को करीब करीब 12 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. इस हिसाब से 30 सालों में 10 करोड़ रुपये कमाने के लिए आपको हर महीने 30,000 से 31,000 रुपये निवेश करने होंगे.
35 साल वाले के लिए प्लान1) 35 साल के हैं मतलब आपके पास रिटायरमेंट फंड जुटाने के लिए 25 साल का समय है. 25 साल में 10 करोड़ रुपये कमाना चाहते हैं और रिस्क लेने की अधिक क्षमता नहीं है तो हर महीने 1 लाख से 1.1 लाख रुपये जमा करने होंगे. तब जाकर रिटायरमेंट के समय आपके पास 10 करोड़ रुपये के आसपास रकम जमा होगी.
2) औसत से थोड़ा ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता है तो शेयर और डेट दोनों में निवेश काम आ सकता है. करीबन 10 फीसदी रिटर्न के साथ 25 साल में 10 करोड़ रुपये जुटाने के लिए हर महीने 77,000 से 78,000 रुपये इनवेस्ट करने होंगे.
3) अगर शेयरों में निवेश करते हैं और ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता है तो 12 पर्सेंट रिटर्न मान सकते हैं. इस रिटर्न के साथ 10 करोड़ रुपये चाहिए तो हर महीने 55,000-56,000 रुपये निवेश करना पड़ेगा.
40 साल वाले के लिए प्लान1) अगर निवेशक की उम्र 40 साल हो गई है. मतलब 10 करोड़ बनाने के लिए आपके पास 20 साल का समय है. ध्यान रहे कि जितना कम समय निवेश की रकम उतनी बढ़ती जाएगी. खासकर अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तब. अगर ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो 8 फीसदी के आसपास रिटर्न मिल सकता है. इस दर से 20 साल में 10 करोड़ रुपये कमाने के लिए हर महीने 1.6 से 1.7 लाख रुपये का निवेश करना होगा.
2) अगर औसत से थोड़ा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं तो 10 फीसदी तक रिटर्न कमा सकते हैं. इस दर से 20 सालों में 10 करोड़ रुपये कमाने के लिए 1.3 लाख से 1.4 रुपये हर महीने जमा करने होंगे.
3) हाई रिस्क लेने की क्षमता वाले लोग शेयरों में निवेश करके 12 फीसदी रिटर्न कमा सकते हैं. इस दर से 20 सालों में 10 करोड़ रुपये बनाने के लिए हर महीने 1 लाख से 1.1 लाख रुपये जमा करने होंगे.
ऊपर जो हिसाब-किताब बताया गया है उसमें आपने दो चीजें नोटिस की होंगी. पहला, जल्दी निवेश शुरू करने वाले को कम निवेश करना पड़ रहा है. दूसरा, जिन लोगों में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता है वो लोग भी कम निवेश में टारगेट पूरा कर ले रहे हैं. इसके अलावा अगर आपने जल्दी निवेश शुरू किया है तो कुछ सालों के बाद आपकी सैलरी भी बढ़ेगी.
इस तरह आप कम सैलरी में कम निवेश के साथ शुरुआत करते हुए बाद में सैलरी बढ़ने के साथ निवेश भी बढ़ा सकते हैं. और बढ़ाते भी रहना चाहिए. अगर आपने अभी तक निवेश शुरू नहीं किया है तो घबराने की जरूरत नहीं है. निवेश की दुनिया का एक ही उसूल है. देर सवेर ही सही निवेश शुरू कर देना चाहिए. इसलिए अगर अभी तक निवेश शुरू नहीं किया है तो अभी शुरू कर दें और 60 साल तक निवेश करते रहें.
कहां निवेश करें?20 से 30 सालों तक अगर निवेश करते हुए अगर 10 करोड़ का फंड बनाना है तो सबसे बढ़िया विकल्प शेयर हैं. सक्षम वेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर समीर रस्तोगी का कहना है कि जरूरी नहीं आप पूरा निवेश शेयरों में करें. हां, ये जरूर कर सकते हैं कि बड़ा हिस्सा शेयरों में लगा दें तभी इस टारगेट को हासिल किया जा सकता है. बाजार में निवेश के जितने भी विकल्प मौजूद हैं उनमें महंगाई के मुकाबले शेयरों ने ही सबसे अधिक रिटर्न दिया है. डेट इंस्ट्रूमेंट सुरक्षित जरूर हैं, मगर रिटर्न कुछ ज्यादा नहीं मिलता.
एक और बात, हमने 10 करोड़ रुपये कह दिया तो आप इसे पत्थर की लकीर न समझें. जैसा कि हमने शुरू में भी कहा है कि रिटायरमेंट फंड का कोई तय फॉर्म्यूला नहीं होता. अगर आपको 10 करोड़ रुपये अधिक लग रहे हैं तो कोई बात नहीं. आप ये देख लें कि 60 साल के बाद आपका लाइफस्टाइल कैसा रहेगा, खर्चा चलाने के लिए कितने रुपये चाहिए होंगे. उस हिसाब से अपना टारगेट रखें. फिर रिस्क के हिसाब से औसत रिटर्न की दर तय कर लें. इस आधार पर अपना मंथली इनवेस्टमेंट निकाल सकते हैं. अगर खुद से कैलकुलेशन में दिक्कत आ रही तो सेबी के पास रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स से मदद ले सकते हैं.