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फर्जी पुलिस और CBI अधिकारी बन 17 दिनों तक लड़की को 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा, डराकर ठगे ढाई लाख

साइबर ठगों ने पुलिस और CBI अधिकारी बन फरीदाबाद की एक युवती को फर्जी शिकायतों के तहत गिरफ्तारी का डर दिखाया. ढाई लाख रुपये ट्रांसफर कराए और 17 दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा. युवती ने साइबर क्राइम थाने में इसकी शिकायत की है.

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'डिजिटल अरेस्ट' Cyber Crime का एक नया तरीका है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
2 नवंबर 2023 (Published: 08:57 PM IST)
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हरियाणा के फरीदाबाद (Faridabad) में रहने वाली एक युवती के साथ ढाई लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है. इंडिया टुडे के सचिन गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने बताया है कि साइबर ठगों ने उनसे पहले कस्टम विभाग का अधिकारी बन बात की. फिर स्काइप पर पुलिस और CBI अधिकारी बन झांसे में लिया. पीड़िता से कहा गया कि उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई हैं और उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है. थाना, पुलिस और कोर्ट का डर दिखा कर पैसे ट्रांसफर कराए गए.  

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17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा

रिपोर्ट के मुताबिक साइबर ठगों ने 23 साल की अनन्या मंगला को 17 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा. डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) साइबर अपराध (Cyber Crime) का एक नया तरीका है. इसमें व्यक्ति को किसी डिजिटल ऐप या सॉफ्टवेयर से जुड़े रहने के लिए मजबूर किया जाता है. अनन्या मंगला के साथ भी ऐसा ही हुआ. अनन्या मंगला ने साइबर क्राइम थाने में इसकी शिकायत की है. अनन्या ने बताया कि 12 अक्टूबर को उनके पास एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने खुद को लखनऊ कस्टम विभाग का अधिकारी बताया. 

अनन्या से कहा गया कि एक पार्सल कंबोडिया भेजा जा रहा है. इसमें काफी संख्या में पासपोर्ट और अन्य कार्ड है और पार्सल अनन्या के आधार नंबर से लिंक है. इसके बाद अनन्या को उसी दिन FIR करवाने को कहा गया. ये भी कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर उनको लखनऊ कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. इसके बाद उन लोगों ने अनन्या को वीडियो कॉलिंग ऐप स्काइप (Skype) पर आने को कहा. अनन्या से कहा गया कि उनकी बात पुलिस अधिकारियों से कराई जाएगी.

बैकग्राउंड में नकली पुलिस थाना 

स्काइप ऑन करने के बाद अनन्या को बैकग्राउंड में एक फर्जी पुलिस थाना दिखा. वीडियो कॉल पर कुछ लोग पुलिस की वर्दी में दिखे. उनमें से कुछ लोगों ने अनन्या का आधार कार्ड चेक करने की बात कही. फिर बताया कि अनन्या के नाम पर पहले से एक FIR दर्ज है.

उन लोगों ने एक बैंक अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि उस अधिकारी के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले हैं और अनन्या का नाम उससे जुड़ा है. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनके पास कुछ और शिकायतें भी है. उन शिकायतों में आरोप है कि कई बच्चों को विदेश भेजने के लिए अनन्या को पैसे दिए गए हैं. 3 करोड़ 80 लाख रुपयों के लेन-देन की भी बात कही गई.

उन लोगों ने अनन्या को ठगने के लिए मदद करने का बहाना बनाया. उन लोगों ने कहा कि वो इस पूरे मामले में अनन्या की मदद करना चाहते हैं. फिर अनन्या से कहा गया कि CBI अधिकारी भी उसी बिल्डिंग में ही बैठते हैं. फिर एक फर्जी CBI अधिकारी ने कहा कि जितने कीमत के अनन्या के खिलाफ शिकायत हैं, उसका 5% यानी 15 लाख रुपए अनन्या को तुरंत देने होंगे, नहीं तो उन्हें अरेस्ट कर लिया जाएगा.

मदद के नाम पर ठग लिए ढाई लाख

अनन्या ने जब कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं है, तो उन लोगों ने फिर से मदद करने की बात कही. मदद के नाम पर अनन्या को ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार बना लिया गया. कहा गया कि अनन्या को अपना स्काइप बंद नहीं करना होगा, वो लोग उनकी आवाज सुनते रहेंगे. इस तरह अनन्या को 17 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अनन्या आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाली थी. वहां हॉस्टल की फीस के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपए रखे थे. ठगों ने उनको ऐसा डराया कि उन्होंने वो पैसे आरोपियों के बताए खाते में ट्रांसफर भी कर दिया. इसके बाद भी वो लोग अनन्या पर और अधिक पैसों के लिए लगातार दबाव बनाते रहे. 

अनन्या ने बताया कि उन्होंने अपने पिता या दोस्तों से पैसे मंगाए. कई दिनों की कोशिश के बाद भी जब आरोपी और पैसे लेने में सफल नहीं हुए तो उन लोगों ने अनन्या का ‘डिजिटल अरेस्ट’ खत्म किए जाने की बात कही. इसके बाद अनन्या ने अपना स्काइप अकाउंट लॉग आउट किया.

इसके पहले भी स्काइप के जरिए लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया गया है. इसी साल मई महीने में दिल्ली की एक महिला डॉक्टर से 4 करोड़ 47 लाख रुपए ठग लिए गए थे. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाक्टर को नारकॉटिक्स और मनी लॉन्ड्रिग का डर दिखाया गया था. उनकी FD तक तोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. इस मामले में भी स्काइप ऐप का इस्तेमाल किया गया था.

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