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बेंगलुरु का जल संकट डराने वाला, बच्चों के स्कूल बंद करने की नौबत आई

कावेरी नदी के जलस्तर गिरने के कारण आईटी हब बेंगलुरू पानी के संकट से जूझ रहा है. शहर के 3000 से अधिक बोरवेल सूख गए हैं. घरों में वॉटर सप्लाई के टाइम को कम कर दिया गया है. कई इलाकों में तो आरओ प्लांट पर पानी के लिए लाइन लग रही है.

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bengaluru water crisis intensifies schools may have to be closed down
पानी की आपूर्ति और मवेशियों को चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. (फोटो- ट्विटर)
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प्रशांत सिंह
7 मार्च 2024 (Published: 10:14 PM IST)
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बेंगलुरु के लोग अब तक के सबसे बड़े जल संकट से जूझ रहे हैं. लोगों को नहाना नसीब नहीं हो रहा है. हाथ धोना मुश्किल हो गया है. और गले की प्यास नाप-नाप कर मिल रहे पानी से बुझ रही है. हालत ये हो गई है कि बच्चों के लिए पढ़ाई का संकट पैदा हो गया है. क्योंकि पानी की किल्लत के चलते कुछ स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ सकता है (Bengaluru Water crisis).

कर्नाटक की राजधानी में तापमान पहले ही 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. 7 मार्च के दिन शहर का तापमान 33 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. इस हफ्ते के अंत तक ये 37 डिग्री पहुंचने का अनुमान है. एक तरफ गर्मी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ जल स्तर घट रहा है.

बेंगलुरु में आमतौर पर 2600 से 2800 मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी की खपत होती है. एनडीटीवी की खबर के अनुसार शहर में 1500 मिलियन लीटर प्रतिदिन से ज्यादा पानी की कमी है. राज्य सरकार की मानें तो शहर के 3000 से ज्यादा बोरवेल सूख चुके हैं. राज्य के 236 तालुकों में से 223 सूखा प्रभावित हैं. बेंगलुरु के एक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ने एनडीटीवी को बताया कि शहर में पीने के लिए पानी तक नहीं है.

“शहर ने पानी की किल्लत है. हमें पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. यहां तक कि हमारे पास हाथ धोने के लिए भी पानी नहींं है. कोई टैंकर भी उपलब्ध नहीं हैं.”

बता दें कि कावेरी नदी के जलस्तर गिरने के कारण आईटी हब बेंगलुरू पानी के संकट से जूझ रहा है. शहर के 3000 से अधिक बोरवेल सूख गए हैं. घरों में वॉटर सप्लाई के टाइम को कम कर दिया गया है. कई इलाकों में तो आरओ प्लांट पर पानी के लिए लाइन लग रही है. वॉटर सप्लाई करने वाले प्राइवेट टैंकर संचालक मनमानी रकम वसूल रहे हैं. बारिश नहीं होने के कारण पूरे कर्नाटक में सूखा पड़ा है.

सिद्धारमैया सरकार के अनुसार, कर्नाटक के 109 तालुकाओं में जल संकट गहरा गया है. सरकार ने पानी की समस्या से निपटने के लिए तालुक स्तर पर नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन स्थापित करने का भी निर्णय लिया है. पानी की आपूर्ति और मवेशियों को चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तालुका स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है.

कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन केंद्र (KSNDMC) के अनुसार, 28 फरवरी तक कावेरी बेसिन के हरंगी, हेमवती, केआरएस और काबिनी जैसे जलाशयों में 39 प्रतिशत पानी ही बचा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन रिजर्वायर की क्षमता 114.57 टीएमसी है और इनमें लगभग 44.65 टीएमसी पानी है. मार्च 2023 में इन रिजर्वायर्स में लगभग 64.61 टीएमसी पानी था.

वॉटर टैंकर के रेट तय किए गए

बेंगलुरु के प्रशासन ने पानी के टैंकरों के रेट तय कर दिए हैं. ये रेट पांच किलोमीटर और 10 किलोमीटर के दायरे में पानी सप्लाई के लिए तय किए गए हैं. नए रेट के अनुसार, पांच किलोमीटर के दायरे में 6 हजार लीटर का वॉटर टैंकर 600 रुपये में पानी पहुंचाएगा. वहीं 8 हजार लीटर के लिए 700 और 12 हजार लीटर पानी के लिए 700 रुपये देने होंगे. पांच से 10 किलोमीटर के बीच छह हजार लीटर के लिए 750 रुपये देने होंगे. 850 रुपये में आठ हजार लीटर पानी मिलेगा. 12 हजार लीटर पानी के लिए 1200 रुपये देने होंगे.

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