बदायूं गैंगरेप पर बेस्ड फिल्म को ब्राह्मण विरोधी बताकर रिलीज़ रोकने की कवायद चालू
'पद्मावत' की अपार सफलता के बाद पेश है 'आर्टिकल 15' विवाद.
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'आर्टिकल 15' के एक पोस्टर में आयुष्मान खुराना मनोज पाहवा और कुमुद मिश्रा. और दूसरी ओर 'पद्मावत' का विरोध करती करणी सेना.
'मुल्क' के बाद अनुभव सिन्हा की अगली फिल्म आ रही है. आयुष्मान खुराना के साथ 'आर्टिकल 15'. कुछ ही दिन पहले आए ट्रेलर वगैरह को देखने के बाद लग रहा है कि ये फिल्म 2014 बदायूं गैंगरेप और मर्डर केस पर बेस्ड है. कहानी ये है कि दो दलित टीनएजर लड़कियों के साथ गांव के कथित ऊंची जाति के लड़के गैंगरेप कर पेड़ पर लटका देते हैं. इसमें दोनों लड़कियों की मौत हो जाती है. ये कहानी बदायूं वाले मामले जैसा ही लग रही है. लेकिन उस कहानी को सिनेमा में ढालने के लिए कुछ बेसिक बदलाव किए गए हैं. इन्हीं बदलावों की वजह से अब फिल्म मुश्किलों में आ गई है.'पद्मावत' की रिलीज़ के दौरान ठाकुरों की सफलता से प्रेरित होते हुए, इस बार कुछ हिंदू संगठनों ने 'आर्टिकल 15' की रिलीज़ पर रोक लगाने की बात कही है. उनका मानना है कि ये फिल्म ब्रह्मणों को गलत तरीके से दिखा रही है. दरअसल ये मामला उठा 'आर्टिकल 15' के ट्रेलर के एक सीन से. इस सीन में इस घटना में शामिल आरोपियों को 'महंत जी के आश्रम के लड़के' कहा गया है. महंत जी यानी उच्च कुल के ब्राह्मण. इस बात से ब्राह्मण कम्युनिटी की भावनाएं आहत हो गई हैं. जबकि असल घटना में वो आरोपी यादव समुदाय से थे. इस ट्रेलर का वो हिस्सा आप नीचे देख सकते हैं:
आयरनी देखिए कि जहां फिल्म ये बताने की कोशिश कर रही है, जाति-वाति के चक्कर में मत पड़िए इंसान बने रहिए. उस बात से भी समुदाय विशेष की भावनाएं आहत हो गईं. फिल्म का विरोध करने वाले हिंदू संगठन परशुराम सेना के एक लीडर का कहना है-
''अगर ठाकुर 'पद्मावत' की रिलीज़ टलवा सकते हैं, तो इस फिल्म में अपने सम्मान के लिए ब्राह्मण क्यों नहीं लड़ सकते?''फिल्म के विरोध में परशुराम सेना का ज़ारी किया स्टेटमेंट आप नीचे देख सकते हैं:
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कुछ ही समय में परशुराम सेना को करणी सेना का भी सपोर्ट मिल गया. करणी सेना ने भी 'आर्टिकल 15' को ब्राह्मण विरोधी बताते हुए उसकी रिलीज़ रुकवाने के मुहिम में परशुराम सेना के साथ है. करणी सेना ने 'पद्मावत' की शूटिंग के दौरान संजय लीला भंसाली के सेट पर तोड़-फोड़ मचाते हुए संजय के साथ मारपीट भी की थी. वो इतने पर नहीं रुके फिल्म की रिलीज़ रुकवाने के लिए उन्होंने एक्टर्स के पुतले फूंके और विरोध प्रदर्शन करते रहे. आखिरकार मेकर्स को फिल्म का नाम और रिलीज़ डेट दोनों बदलनी पड़ी. अब वही चीज़ 'आर्टिकल 15' के साथ दोहराने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस फिल्म के मेकर्स पीछे हटने या हार मानने के मूड में तो नहीं ही हैं. मिड डे से बात करते हुए फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने कहा-
''सेंसर बोर्ड एक स्वायत्त सरकारी संस्थान है, जिसने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देकर रिलीज़ के लिए पास कर दिया है. अब समय आ गया है कि हम संस्थानों के फैसलों का सम्मान करें. अगर फिर भी ये विरोध प्रदर्शन नहीं रुकते, तो सीबीएफसी (Central Board Of Film Certification) को इसकी शिकायत गृह मंत्रालय से करनी चाहिए. हो सकता लोग फिल्म में दिखाई या कही गई बातों से सहमत न हों लेकिन ऐसी धमकियां बंद होनी चाहिए. फिल्ममेकर्स को हमेशा दबाकर नहीं रखा जा सकता.''

फिल्म के एक सीन में आयुष्मान खुराना. आयुष्मान अपने करियर में पहली बार पुलिसवाले का रोल कर रहे हैं.
वहीं फिल्म में इस मामले की छानबीन करने वाले पुलिस ऑफिसर का रोल करने वाले आयुष्मान खुराना ने इन विवादों पर बात करते हुए कहा-
''मैंने नोटिस किया है कि 'आर्टिकल 15' को लेकर कई सारे विवाद हो रहे हैं. मैं इस फिल्म को एंटी-ब्राह्मण मानकर इसका विरोध करने वाले हर उस शख्स से यही कहूंगा कि वो पहले इस फिल्म को देखें. हमारी फिल्म किसी का पक्ष नहीं लेती, न ही किसी समुदाय को गलत तरीके से दिखाती है. इसे सेंसर बोर्ड से पास हो चुकी है, जिनके किसी फिल्म को देखने के लिए खुद के गाइडलाइन्स होते हैं.''आयष्मान खुराना के साथ सयानी गुप्ता, ईशा तलवार, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और आशीष वर्मा स्टारर ये फिल्म 28 जून को सिनेमाघरों में लगने वाली है.
बदायूं गैगरेप की कहानी और इस फिल्म से जुड़ी तमाम बातों के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं: