मोदी जी आपकी नई मंत्री खुल्ला झूठ बोल रही हैं!
अनुप्रिया पटेल अपने हेट ट्वीट्स के कारण खबरों में थीं, बचने के लिए जो बहाने मारीं उनमें भी खोट निकला.
Advertisement

फोटो - thelallantop
अनुप्रिया पटेल, जो मिर्जापुर से सांसद हैं. और अब मोदी सरकार की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री बन गई हैं. जिस रोज मंत्री बनीं, ट्विटर पर एक ट्वीट धक्के खा रहा था उनके नाम का. हेट ट्वीट था. ऐसा ट्वीट जिसकी उम्मीद एक राज्यमंत्री की प्रोफाइल रखने वाले नेता से नहीं की जाती.नया ताजा ये है कि अनुप्रिया ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत कर दी है, उस ट्विटर अकाउंट की. अनुप्रिया का कहना है कि ट्विटर पर उनका अकाउंट @AnupriyaSpatel नाम से है जबकि किसी ने Anupriya_patel के नाम से उनका फर्जी अकाउंट बना रखा है. और उससे ऐसे नफरत फैलाने वाले ट्वीट कर रहा है.
माने ये अकाउंट, जिसका नीचे स्क्रीन शॉट देख रहे हो न, ये वाला नकली है. जिसपे उनके 5 हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं. गौरतलब वाली लाइन आ गई है. तो जान लो इस सबके बावजूद भी इस अकाउंट को बड़े-बड़े लोग और मीडिया हाउस फॉलो करते हैं.

रीजन क्या है, क्यों अकाउंट की शिकायत की गई है?
दरअसल अकाउंट से किए गए दो ट्वीट पिछले दो दिन से ट्विटर पर खूब हुड़दंगई कर रहे थे. ये खतरनाक ट्वीट क्या थे, पूछिए मत, खुदै देख लीजिये.


दिल्ली के कमिश्नर को चिट्ठी भेजी
इसके बाद से अनुप्रिया ट्रोल की जा रही थीं. तो अब अनुप्रिया मैडम ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है कि उनके नाम से किसी ने ट्विटर पर फर्जी अकाउंट बनाया है. और अकाउंट से गलत-सलत पोस्ट डाले जा रहा है. इसके चक्कर में अनुप्रिया मैडम को लोग परेशान कर रहे हैं. इसलिए कमिश्नर साहब मामले में तुरंत एक्शन लें.

साथ ही साथ ये नोटिस सभी अखबार के एडिटर्स के लिए भी जारी किया गया था.

पर जाने क्यों अनुप्रिया मैडम हमको पूरा-पक्का वाला शक हो रहा है, आप झूठ बोल रही हो. रीजन बताता हूं, क्यों आप पर यकीन नहीं आ रहा? पहले शेर पढ़िए.
फलक से मुझको शिकवा है जमीं से मुझको शिकवा हैयकीं मानो तो खुद अपने यकीं से मुझको शिकवा है
अब सुनिए, ये रहे रीजन.
पहला रीजन ये है कि इत्ते लोग आपको उस अकाउंट पर विश कर चुके थे. आपने पहले शिकायत क्यों नहीं की? तब तो मज़े में अकाउंट से बधाइयां स्वीकारी जा रही थी. किसने नहीं विश किया आपको राधामोहन सिंह से लेकर निर्मला सीतारमन ने. दोनों हाथों से आपने बधाइयां स्वीकार कीं. पर जब ट्रोल हुईं पुराने ट्वीटस को लेकर तो शिकायत कर दी अकाउंट झूठा है.
दूसरा रीजन देखिए ये है नया वाला अकाउंट. जो 5 जुलाई को शाम साढ़े छः बजे बनाया गया है. वो भी इतनी जल्दबाजी में कि उस पर अनुप्रिया का डेजिग्नेशन तक नहीं लिखा गया है. खुदै देख लो.

तीसरा रीजन ये ट्वीट अमित शाह (असली वाले) ने 2 जुलाई को वाराणसी में हुई 'जन स्वाभिमान रैली' का किया था इसमें नकली वाला अकाउंट मेंशन किया था. ये रैली डॉ. सोनेलाल पटेल की जयंती पर हुई थी. उस अकाउंट से और जिसे अनुप्रिया नकली बता रही है इसे रीट्वीट किया गया था.


चौथा रीजन कि सरकारी टीवी चैनल डीडी ने भी इसी वाले अकाउंट को मेंशन करते हुए मंत्रियों की घोषणा की थी.

पांचवां रीजन यहां जो तस्वीरें आप देख रहे हैं. इसी अकाउंट से ट्वीट की गईं. जरा नजरों पर जोर देंगे तो साफ़ देख पाएंगे, ट्वीट में नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ ही बीजेपी के कई कद्दावर नेता मेंशन हैं.

छठा रीजन वो मंत्री जी लोग, जिन्होंने अनुप्रिया को इसी अकाउंट पर ट्वीट कर बधाई दी. और वो सारी बधाइयां स्वीकार की गईं. और साथ ही बड़ी विनम्रता से उन पर शुक्रिया भी कहा गया. ये हैं वो मंत्री.
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी

राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान

बीजेपी एमपी गणेश सिंह

वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारामन

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह

सातवां रीजन इस अकाउंट से किए ट्वीट में रोज ही सबके ऑफिशियल अकाउंट मेंशन किये जाते थे. पर कभी शिकायत नहीं की गई.

इतने सारे शक के कारणों के बाद भी कोई यकीन करे तो कैसे? बड़े-बड़े नेता और जर्नलिस्ट उस अकाउंट को मेंशन-ट्वीट-रिट्वीट कर रहे थे. तब नहीं बोलीं. तब ध्यान नहीं गया कि कोई मिसयूज कर रहा है. वो अकाउंट एक्टिव था, भयंकर एक्टिव. तब ध्यान नहीं गया.
खैर ये अनुप्रिया का 2014 में चुनाव के बाद का ट्वीट है. तभी से अपने ट्वीट में वो PMO को मेंशन कर रही हैं. वो भी इतनी गलत हिंदी के साथ.

वैसे ये सारी बातें हम ट्विटर से खखोर के ला रहे हैं. इनके फेसबुक अकाउंट पर जाओगे तो ऐसी चीजें मिलेंगी, माथा पकड़ लोगे. ऐसी हैं अनुप्रिया कि अपना स्टेटस खुदै लाइक कर लेती हैं.
ऐसी हुसियारी को सलाम करते हुए अंत में बस अनुप्रिया मैडम से एक आखिरी सवाल- क्या हम खाखा लगते हैं?