पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित चाय विक्रेता और समाजसेवी डी प्रकाश राव का 13 जनवरी को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कोरोना वार्ड में निधन हो गया.
कोरोना से संक्रमित होने के बाद 63 वर्षीय डी प्रकाश राव को 25 दिसम्बर के दिन एससीबी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक़, राव कोरोना के संक्रमण से तो बाहर आ गए थे, लेकिन उनके शरीर का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था. उन्हें आईसीयू में शिफ़्ट किया गया. आईसीयू में ही राव को ब्रेन स्ट्रोक हुआ, जिसके कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गयी.

मृत्यु के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ डी प्रकाश राव की अंत्येष्टि की गयी.
डी प्रकाश राव का ज़िक्र नरेंद्र मोदी ने अपनी रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में भी किया था. राव की ख्याति के क़िस्से हैं. ख़बरें बताती हैं कि राव चाय बेचा करते थे. उनकी चाय की छोटी-सी दुकान कटक के बख़्शी बाज़ार एरिया में थी. साल 2000 में राव ने ‘आशा ओ आश्वासन’ नाम से स्कूल खोला. और इसी स्कूल में राव रोज़ाना चाय बेचने से होने वाली कमाई से झोपड़पट्टी के बच्चों को पढ़ाया करते थे.
Saddened by the demise of Shri D Prakash Rao. The outstanding work that has done will continue motivating people. He rightly saw education as a vital means to empowerment. I recall my meeting with him in Cuttack a few years ago. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/ECZ0NUFush
— Narendra Modi (@narendramodi) January 13, 2021
साल 2019 में राव को उनके काम के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रकाश राव के निधन पर नरेंद्र मोदी ने ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा,
“डी प्रकाश राव के निधन से दुखी हूं. उन्होंने जो विलक्षण काम किया है, उससे कई लोगों को प्रोत्साहन मिलता रहेगा. उन्होंने देखा कि सामाजिक सशक्तिकरण के लिए शिक्षा कितनी ज़रूरी है. मुझे याद है जब मेरी उनसे कटक में कुछ साल पहले मुलाक़ात हुई थी. मैं उनके परिजनों और उन्हें चाहने वालों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं.”
नरेंद्र मोदी के अलावा ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा के सांसद अमर पटनायक ने भी शोक प्रकट किया है.
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