दाऊद इब्राहिम फिर खबरों में है. 22 अगस्त को पाकिस्तान ने उसे डेजिगनेटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया. साथ ही माना कि भारत का यह मोस्ट वांटेड आंतकी उसकी जमीन पर है. लेकिन रात होते वह अपनी बात से पलट गया. साथ ही पाकिस्तान ने कहा कि उसने कभी नहीं कहा कि दाऊद उसके यहां रह रहा है.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 22 अगस्त को 88 आतंकियों की लिस्ट वाला स्टैचुअरी रेगुलेटरी ऑर्डर जारी किया. इसमें दाऊद का नाम था. यह ऑर्डर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फॉर्स (FATF) की मीटिंग से पहले जारी हुआ है. FATF. एक इंटर गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन है. 1989 में बना था. फ्रांस के पेरिस में इसका हेडक्वार्टर है. ये संस्था दुनिया भर में आतंकी संगठनों की फंडिंग यानी आर्थिक मदद करने वाले देशों पर नज़र रखती है. जो देश आतंकियों की मदद करते हैं, उनको ‘ग्रे लिस्ट’ और ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल देती है. साल में तीन बार इसकी मीटिंग होती है.
पाकिस्तान की ओर से जारी स्टैचुअरी रेगुलेटरी ऑर्डर में दाऊद के अलावा लश्कर ए तैयबा के मुखिया हाफिज सईद, 26/11 मुंबई हमलों का आरोपी जकीउर रहमान लखवी, जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का भी नाम है.
पाकिस्तानी लिस्ट में दाऊद का पता कराची में बताया
इस ऑर्डर में नाम आने का मतलब हुआ कि ये आतंकी अब पाकिस्तान में सीधे तौर पर फंड नहीं ले पाएंगे. इनके कहीं आने-जाने पर रोक होगी. ये लोग हथियार भी नहीं खरीद पाएंगे.
पाकिस्तान की ओर से जारी ऑर्डर में दाऊद का सीरियल नंबर 135 था. यही नंबर यूएन की लिस्ट में भी है. इसके साथ उसके पासपोर्ट और घर के पते की जानकारी भी दी गई है. दाऊद के घर का पता कराची का व्हाइट हाउस नजदीक सऊदी मस्जिद, क्लिफटन दिया गया है. साथ ही यह भी बताया गया कि वह भारत का नागरिक है.
दाऊद के पास चार देशों के 14 पासपोर्ट
दाऊद के पास सात भारतीय, चार पाकिस्तानी, दो दुबई और एक डोमिनिका का पासपोर्ट बताया गया है. उसका पहला पासपोर्ट भारत की ओर से 30 जुलाई 1975 को जारी किया गया था. वहीं जुलाई 2001 में रावलपिंडी में पासपोर्ट जारी किया गया था. हालांकि रावलपिंडी से जारी एक और पासपोर्ट की तारीखों का जिक्र नहीं किया गया है. ये सभी पासपोर्ट अलग-अलग नामों से हैं.

दाऊद के नाम से सात कंपनियां भी हैं. इन सबका पता दुबई में है. एक एयरलाइंस कपनी भी दाऊद के नाम है, हालांकि अब यह बंद हो चुकी है. बाकी कंपनियों में कंस्ट्रंक्शन, गारमेंट, डायमंड और तेल कंपनियां हैं.
#Breaking
Pakistan officially denies the presence of Dawood Ibrahim in Pakistan.Says, they are just “reproducing” the #UNSC Statutory Notifications (S.R.O.) and say that there is no admission of #DawoodIbrahim being in Pakistan. https://t.co/bDlguLHdOJ pic.twitter.com/dqOtgJHyRO
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) August 22, 2020
फिर पाकिस्तान की ओर से आई सफाई
लिस्ट सामने आने के बाद पाकिस्तान कठघरे में आ गया. ऐसे में 23 अगस्त को उसने बयान जारी कर दाऊद के उसकी जमीन पर होने से यू टर्न ले लिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के दावे बेबुनियाद और गुमराह करने वाले हैं. पाकिस्तान ने कहा,
विदेश मंत्रालय ने 18 अगस्त 2020 को दो स्टैचुअरी रेगुलेटरी ऑर्डर जारी किए थे. ये ऑर्डर संयुक्त राष्ट्र की तालिबान, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा पर प्रतिबंधों वाली लिस्ट की तर्ज पर थे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत इस ऑर्डर में प्रतिबंधित लोगों और उनकी संपत्ति की जानकारी है. इस तरह के ऑर्डर थोड़े-थोड़े अंतराल पर जारी होते रहते हैं. ऐसे ऑर्डर साल 2019 में भी जारी हुए थे.
स्टैचुअरी रेगुलेटरी ऑर्डर में संयुक्त राष्ट्र की ओर से तय किए लोगों का ही नाम होता है. मीडिया के कुछ हिस्से में ऐसी खबरें आईं कि पाकिस्तान अपने ऑर्डर के जरिए नए प्रतिबंध लगा रहा है. ऐसी खबरें तथ्यों से परे हैं. इसी तरह भारतीय मीडिया के एक हिस्से में यह दावा किया गया कि पाकिस्तान ने कुछ लोगों के अपने इलाके में होने की बात स्वीकार की है. ये दावे बेबुनियाद और भ्रामक हैं.
FATF के चलते पाकिस्तान ने जारी किया आदेश
बताया जाता है कि पाकिस्तान को अपने यहां कई आतंकी संगठनों और लोगों पर कड़े प्रतिबंध का ऐलान इसलिए करना पड़ा क्योंकि वह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आना चाहता है. वह जून 2018 से इस लिस्ट में है. अब उस पर ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा भी है. FATF ने पाकिस्तान को 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने को कहा था. लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई है. ग्रे लिस्ट में जाने पर किसी देश को IMF, वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों से पैसे मिलने पर मुश्किल होती है. उसे लोन मिलने में मुश्किल होती है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में दिक्कत आती है. वहीं किसी देश के ब्लैक लिस्ट में जाने पर उस देश को IMF, वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों से लोन नहीं मिल पाता है.
भारत का मोस्ट वांटेड है दाऊद
दाऊद 1993 मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है. लंबे समय से वह भारत के मोस्ट वांडेट की लिस्ट में शामिल है. मुंबई में बम धमाकों के बाद भारत से फरार दाऊद इब्राहिम गिरफ्तारी से बचता रहा है. उसके बारे में यह भी दावा किया जाता रहा है कि वह पाकिस्तान के कराची शहर में छुपा हुआ है. हालांकि पाकिस्तान भारत के इस दावे से हमेशा इनकार करता रहा है.
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