कानपुर का बिकरू गांव. यहां के रहने वाले गैंगस्टर विकास दुबे पर 60 से ज्यादा मामले चल रहे हैं. इसी तरह के एक मामले में 2 जुलाई को पुलिस की टीम बिकरू गांव गई. यह टीम दुबे को गिरफ्तार करने गई थी. लेकिन किसी ने दुबे को पहले ही खबर दे दी. पुलिस टीम जैसे ही दुबे के घर के पास पहुंची, उस पर हमला हो गया. दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर गोलियां बरसाईं. फिर ढूंढ-ढूंढ़कर पुलिसवालों को मारा गया. आठ पुलिसकर्मी मौके पर ही शहीद हो गए.
हमले के बाद भारी संख्या में पुलिस बिकरू गांव के लिए रवाना हुई. 3 जुलाई की सुबह पुलिस की दुबे गैंग के लोगों से मुठभेड़ हुई थी. इसमें कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल और कानपुर नगर के एसएसपी दिनेश कुमार बाल-बाल बच गए. दुबे के दो साथी मारे गए.
दुबे के साथियों की तलाश को बनाई थी दो टीमें
इस मुठभेड़ के बारे में पुलिस ने अभी विस्तार से जानकारी दी है. कहा कि कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल, कानपुर नगर एसएसपी दिनेश कुमार पुलिस बल के साथ बिकरू गांव पहुंचे थे. गांव पहुंचने पर आस-पास के इलाके में दुबे और उसके साथियों को तलाशने के लिए दो टीमें बनाई गई. एक के मुखिया आईजी थे, जबकि दूसरी को एसएसपी लीड कर रहे थे. गांव से कुछ दूर इनकी मुठभेड़ पांच लोगों से हुई. ये लोग खेतों और झाड़ियों में छिपे हुए थे. इनमें से एक के पास राइफल थी.

एसएसपी के सीने पर लगी गोली लेकिन…
पुलिस ने बताया कि इन गुंडों की पहली भिड़ंत एसएसपी दिनेश कुमार की टीम से हुई. उन्होंने पुलिस को देखते ही गोलीबारी शुरू कर दी. इसमें कॉन्स्टेबल दुर्गेश त्रिपाठी घायल हो गए. गोलीबारी शुरू होने के बाद आईजी की टीम ने इन गुंडों को चारों तरफ घेरा लिया. इसी दौरान एसएसपी दिनेश कुमार के सीने पर गोली लगी. लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट होने की वजह से गोली जैकेट में धंस गई. इसके कुछ देर बाद एक बदमाश को गोली लग गई. और वह घायल हो गया. ऐसे में बाकी बदमाश मौके से भागने लगे.
आईजी के बालों को छूकर निकली गोली
पुलिस ने बताया कि गुंडों को भागने से रोकने के लिए आईजी की टीम ने जगह बदलने का फैसला किया. आईजी मोहित अग्रवाल ने जैसे ही अपना सिर ऊपर किया, उनके सिर के पास से गोली गुजरी. गोली उनके बालों को छूते हुए निकल गई. इस तरह मुठभेड़ में आईजी बाल-बाल बचे. इसके बाद पुलिस की गोलीबारी में एक और बदमाश घायल हो गया. लेकिन बाकी तीन बदमाश पास से गुजर रहे भैंसों की आड़ लेकर भाग गए.

मारे गए बदमाशों में से एक दुबे का मामा
मुठभेड़ में घायल हुए बदमाशों की पहचान प्रेमप्रकाश पांडे और अतुल दुबे के रूप में हुई. पांडे विकास दुबे का मामा था. इनके पास से राइफल और पुलिसकर्मियों से लूटी गई पिस्तौल बरामद की गई थी. पांडे और दुबे गोली लगने से घायल हुए थे. इस पर उन्हें अस्पताल रवाना किया गया. लेकिन रास्ते में दोनों की मौत हो गई.
Video: कानपुर में उस रात क्या-क्या हुआ था, विकास दुबे की मामी ने पूरी कहानी बताई