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दूसरे देशों से आ रहे यात्रियों के आइसोलेशन के लिए सरकार ने अब क्या ऐलान किया है?

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान सरकार 515 जिलों को लेकर क्यों चिंतित है?

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इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक यात्री (फोटो: PTI)
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21 जनवरी 2022 (Updated: 21 जनवरी 2022, 07:42 IST)
Updated: 21 जनवरी 2022 07:42 IST
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कोरोना वायरस के बहुत तेजी से फैलने वाले नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आइसोलेशन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के मुताबिक भारत आने वाले अंतराष्ट्रीय यात्रियों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें किसी आइसोलेशन केंद्र में नहीं रखा जाएगा. हालांकि, पॉजिटिव पाए गए ऐसे यात्री जो किसी 'खतरे' वाले देश से आए हैं, उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजना अनिवार्य होगा. ये नए नियम शनिवार 22 जनवरी से लागू होंगे. इनके अलावा बाकी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार 20 जनवरी को ये जानकारी दी. मंत्रालय की तरफ से कहा गया,
"अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिन्हें बीमारी के लक्षण होंगे, उन्हें प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल फैसिलिटी में ले जाया जाएगा. अगर उनको कोविड टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो उनके संपर्क में आए लोगों को प्रोटोकॉल के तहत मैनेज किया जाएगा."
मंत्रालय ने कहा कि 7 दिन का होम आइसोलेशन का नियम पहले की तरह ही बना रहेगा. आठवें दिन RT-PCR टेस्ट के साथ-साथ अगले 7 दिन तक खुद अपने स्वास्थ्य की निगरानी वाला नियम भी बना रहेगा. मतलब साफ है कि अगर कोई अंतराष्ट्रीय यात्री किसी 'खतरे' वाले देश से भारत आता है और उसका RT-PCR टेस्ट नेगेटिव पाया जाता है, तो भी उसे 7 दिन के लिए घर पर आइसोलेट रहना होगा. आठवें दिन टेस्ट का रिजल्ट निगेटिव आने पर ही उसका आइसोलेशन खत्म होगा. ऐसे यात्रियों को खुद ही अपना टेस्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करना होगा. भारत में तीसरी लहर दूसरी तरफ 'खतरे से बाहर' वाले देशों से आने वाले यात्रियों की रैंडम चेकिंग जारी रहेगी. इन देशों से आ रही फ्लाइट्स के 2 फीसदी यात्रियों का रैंडम कोविड टेस्ट किया जाएगा. जिन यात्रियों का टेस्ट किया जाएगा, उन्हें अनिवार्य तौर पर 7 दिन के होम आइसोलेशन में जाना होगा. बच्चों को इस टेस्टिंग का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. हालांकि, लक्षण होने पर उनका भी टेस्ट जरूरी है. सरकार की तरफ से इन नियमों में बदलाव ऐसे समय किया गया है, जब भारत में कोविड महामारी की तीसरी लहर चल रही है. बीते 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस के लगभग साढ़े तीन लाख नए मामले सामने आए हैं. सरकार ने देश के कम से कम 515 जिलों को लेकर चिंता भी जताई है. 515 जिलों को लेकर ज्यादा चिंता क्यों? केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 20 जनवरी को बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से आई तीसरी लहर ने अब लगभग पूरे देश को ही अपनी चपेट में ले लिया है. इस समय 515 जिलों को लेकर चिंता ज्यादा है क्योंकि यहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से भी अधिक पहुंच गया है. हालांकि, मंत्रालय के मुताबिक मामलों में बढ़ोतरी के बाद भी उस अनुपात में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है. साथ ही इस बार मौतें भी कम हो रही हैं. सरकार का मानना है कि कोविड टीकाकरण ने लोगों को तीसरी लहर के खिलाफ जरूरी सुरक्षा दी है. सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि जो लोग दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.

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