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बंगाल में नाराज पार्टी नेताओं का बन रहा था गुट, बीजेपी ने ये बड़ा फैसला किया

केंद्रीय मंत्री सहित कई असंतुष्ट BJP विधायक 15 जनवरी को इकट्ठा हो रहे हैं

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केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर (बाएं) और बीजेपी नेता दिलीप घोष (दाएं) : शांतनु ठाकुर/फेसबुक
14 जनवरी 2022 (Updated: 14 जनवरी 2022, 10:49 IST)
Updated: 14 जनवरी 2022 10:49 IST
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बंगाल में BJP नेताओं की संगठन से नाराजगी की खबरों के बीच पार्टी के सभी विभागों को भंग कर दिया गया है. गुरुवार 13 जनवरी को बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने यह फैसला लिया. पश्चिम बंगाल भाजपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है,
''डॉ. सुकांत मजूमदार के निर्देश के अनुसार सभी विभाग और प्रकोष्ठ तब तक के लिए भंग किए जाते हैं, जब तक इन्हें फिर से गठित नहीं किया जाता और नई नियुक्तियां नहीं हो जाती हैं."
बीते दिसंबर में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बंगाल भाजपा ने राज्य में नई कमेटी के गठन का ऐलान किया था. 22 दिसंबर को पार्टी की प्रदेश इकाई को मजबूत बनाने के लिए कई नए चेहरों को कमेटी में शामिल किया गया. जबकि कई पुराने नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. राज्य की नई कमेटी में 12 राज्य सचिव और 11 उपाध्यक्ष बनाए गए. नई कमेटी में पांच महासचिवों में से केवल सांसद लॉकेट चटर्जी और ज्योतिर्मय सिंह महतो की जगह ही सुरक्षित रह पाई थी. कुछ वरिष्ठ नेताओं का कद भी बढ़ाया गया था, जिनमें अग्निमित्रा पॉल, दीपक बर्मन और जगन्नाथ चट्टोपाध्याय शामिल थे. कई नेता हो गए नाराज बीते 22 दिसंबर को नई कमेटियों के गठन के बाद ही बंगाल बीजेपी में नेताओं की नाराजगी की खबरें आने लगीं. इसके बाद एक हफ्ते के भीतर बीजेपी के 10 विधायकों और नेताओं ने पार्टी के आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ दिए. ग्रुप छोड़ने वालों में प्रदेश महासचिव पद से हटाए गए सायंतन बसु, रितेश तिवारी और विश्वप्रिय राय चौधरी सहित कई बड़े नाम शामिल थे. पीटीआई के मुताबिक इसके बाद मतुआ समुदाय के बड़े नेता व केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी BJP के सभी व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए. शांतनु ने नई कमेटी के गठन पर निराशा भी व्यक्त की थी. पार्टी में मची इस हलचल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. कुछ लोग वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ते हैं, लेकिन फिर जुड़ जाते हैं. बीजेपी के वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ने वाले एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर इंडिया टुडे को बताया था,
"जिन लोगों ने वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ा है वो पार्टी से नाराज़ हैं. उनको पिछले कई दिनों में पार्टी ने दरकिनार करने का काम किया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं हैं, हम पार्टी छोड़ रहे हैं. हम पार्टी से जुड़े हुए हैं."
असंतुष्ट नेताओं की 15 जनवरी को बैठक इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजेपी के असंतुष्ट और नाराज नेता 15 जनवरी को एक बैठक कर रहे हैं. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट गेस्ट हाउस में होने वाली इस बैठक में बड़ी संख्या में संगठन से नाराज नेता शामिल होंगे. एक बीजेपी नेता ने नाम न छपने की शर्त पर बताया,
"इस मीटिंग में नई कमेटी से बाहर होने के बाद पार्टी के वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ने वाले नेता शामिल होंगे...हाल ही में असंतुष्ट नेताओं की एक मीटिंग हुई थी जिसमें केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर, वरिष्ठ भाजपा नेता जॉय प्रकाश मजूमदार और प्रताप बनर्जी शामिल हुए थे. इसमें बहुत से नेता नहीं आ पाए थे, इसलिए अब हमने एक बड़ी बैठक करने का फैसला किया है, जिसमें सभी असंतुष्ट नेता हिस्सा लेंगे. जिन लोगों ने लंबे समय तक पार्टी के लिए काम किया और जिन्होंने वास्तव में बंगाल में बीजेपी को मजबूत किया, उन्हें राज्य की नई कमेटी से बाहर कर दिया गया. हमें नए लोगों को मौका देना चाहिए, लेकिन पुराने समय के लोगों को हटाकर नहीं."
कोलकाता में 15 जनवरी को होने वाली बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं की मीटिंग से पहले बीजेपी ने सभी विभाग और प्रकोष्ठ को भंग करने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि उसने यह कदम नाराज नेताओं की नाराजगी दूर करने के मकसद से उठाया है. उसे लगता है कि उसके इस कदम के बाद शायद असंतुष्ट नेता 15 जनवरी को बैठक आयोजित न करें. और अगर बैठक हो भी, तो उसमें कम नेता ही शामिल हों. बहरहाल, अब ये देखना है कि भाजपा का ये फैसला कितना कारगर साबित होता है, और इससे कितने असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर होती है.

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