उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस में बांदा जेल लाया गया, उसमें भी बड़ा झोल पाया गया है. आजतक के रिपोर्टर संतोष कुमार के मुताबिक, इस एंबुलेंस का फिटनेस सर्टिफिकेट कुछ साल पहले खत्म हो चुका है. यानी ये गाड़ी भी अनफिट थी. वहीं, वो एंबुलेंस भी अनफिट पाई गई है, जिसे पंजाब में मुख्तार अंसारी के लिए निजी रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था.
2017 से अनफिट है एंबुलेंस
मुख्तार को बांदा लाने वाली एंबुलेंस का नंबर UP-41-G-2776 है. ये एक सरकारी एंबुलेंस है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार अंसारी की निजी एंबुलेंस की तरह ये एंबुलेंस भी बाराबंकी परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड है. वहां एंबुलेंस के मालिक के नाम में ‘डायरेक्टर जनरल मेडिकल एंड हेल्थ’ लिखा है. रिपोर्ट कहती है कि एंबुलेंस को 20 मई 2015 को खरीदा गया था. इसकी फिटनेस 21 मई 2017 तक वैध थी. यानी एंबुलेंस को अनफिट हुए 3 साल से भी ज्यादा समय हो चुका है.
रिपोर्टर संतोष कुमार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि बाराबंकी परिवहन विभाग में कुल 1662 एंबुलेंस रजिस्टर्ड हैं. इनमें 90 निजी एंबुलेंस और 105 एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी की रजिस्टर्ड हैं. वहीं, 1467 एंबुलेंस ऐसी हैं, जो बाराबंकी परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड हैं, लेकिन चल अन्य जिलों में रही हैं. मुख्तार को लाने वाली एंबुलेंस भी इन्हीं में से एक है.
विभाग ने जांच के बाद पाया कि कुल 1662 एंबुलेंस में से 461 अनफिट हो चुकी हैं, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों में दौड़ रही हैं. अब परिवहन विभाग बाराबंकी सीएमओ के जरिये उन जिलों को नोटिस भेज रहा है.
अब बात उस एंबुलेंस की भी कर लेते हैं, जिससे ये पूरा मामला उजागर हुआ. मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट इसी एंबुलेंस में लाया गया था. ये उसकी निजी एंबुलेंस बताई जाती है. बाराबंकी पुलिस इसे पंजाब से यूपी ले आई है. UP-41-AT-7171 नंबर की ये एंबुलेंस बाराबंकी पुलिस की केस प्रॉपर्टी है और उसकी पुलिस लाइन में खड़ी है. रिपोर्टर ने बताया कि जब इसे खोला गया तो अंदर का हाल सवाल खड़े करने वाला था.

कैसी थी एंबुलेंस की हालत?
एंबुलेंस के अंदर से कुछ दवाइयां मिलीं जो 2019 में एक्सपायर हो चुकी थीं. मरीज के लेटने के लिए जो सीट थी वो जैक पर टिकी थी. दूसरी सीट पूरी तरह जाम थी. एंबुलेंस में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर भी काफी पुराना था. 8 सालों में मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस 81000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर चुकी है. रिपोर्ट में सवाल किया गया है कि क्या ये मुख्तार अंसारी की वही निजी एंबुलेंस है, जिसे वो पंजाब में इस्तेमाल कर रहा था.

कोई बड़ा खेल तो नहीं हुआ?
आजतक ने ये सवाल एसपी बाराबंकी से पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि ये वही एंबुलेंस है जिसका मुख्तार अंसारी पंजाब में इस्तेमाल कर रहा था. उन्होंने बताया कि अंसारी की एंबुलेंस बुलेट प्रूफ नहीं है और ये बात टेक्निकल रिपोर्ट में आ चुकी है. एसपी के मुताबिक,
‘इस एंबुलेंस में एक तब्दीली की गई थी. इसका एसी बदला गया था. मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस में एसी लगा हुआ था, जो गैर कानूनी है.’
पुलिस अधिकारी ने कहा कि बाकी इस एंबुलेंस में कहीं कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं मिली.
खत्म हो सकती है विधानसभा सदस्यता
इस बीच खबर आ रही है कि मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी लाए जाने के बाद अंसारी की सदस्यता को लेकर विधिक राय ली गई है. इस संबंध में संविधान के अनुच्छेद 190 का हवाला दिया गया है. इसके मुताबिक, विधानसभा का कोई सदस्य अगर 60 दिनों तक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होता तो उसकी सदस्यता खत्म की जा सकती है. वैसे इसके लिए यूपी सरकार ने मुख्तार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को भी आधार बनाने की तैयारी कर ली है.
वीडियो: मुख्तार अंसारी को रोपड़ से बांदा जेल लाने को लेकर सोशल मीडिया पर कौन से मीम्स चल पड़े?