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नूपुर शर्मा की कहानी, जिनकी वजह से भारत सरकार को विदेशियों के आगे सफाई देनी पड़ रही

नूपुर शर्मा ने 2002 गुजरात दंगे की फ़ोटो को बंगाल का बताकर शेयर किया था, FIR हो गई थी.

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Nupur Sharma
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देकर मुश्किल में फंसी नूपुर शर्मा के सियासी सफ़र की कहानी (फोटो सोर्स- आज तक)
7 जून 2022 (Updated: 7 जून 2022, 12:41 IST)
Updated: 7 जून 2022 12:41 IST
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बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा(Nupur Sharma). बीती 27 मई को एक टीवी चैनल पर हो रही डिबेट में शामिल थीं. डिबेट का मुद्दा था ज्ञानवापी और उसमें मिली विवादित आकृति. बहस चल रही थी. इस दौरान नूपुर ने कथित तौर पर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं. उनकी बयानबाजी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. नूपुर के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई. कई इस्लामिक देशों ने भी भारत सरकार से जवाब तलब किया. जिसके बाद नूपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी ने 5 जून को सस्पेंड कर दिया.

सस्पेंशन लेटर में लिखा गया कि कई मामलों में नूपुर ने पार्टी लाइन से विरुद्ध जाकर बातें कहीं, जो पार्टी के संविधान का उल्लंघन है. हालांकि इसके बाद नूपुर ने भी ट्वीट कर कहा कि वो अपने शब्द वापस लेती हैं. 

बेहद कम समय में बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वाली नूपुर शर्मा की शुरुआत कैसी रही? अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ़ चुनाव लड़ने से लेकर बीजेपी की प्रवक्ता बनने तक की नूपुर की कहानी क्या है. आइए जानते हैं.

कितना पढ़ी लिखी हैं नूपुर शर्मा?

नूपुर की पैदाइश साल 1985 में 23 अप्रैल के रोज दिल्ली की है. पिता का नाम है डॉ. विनय शर्मा. नूपुर पेशे से वकील हैं. 5 जून को सस्पेंड होने के पहले तक भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता थीं. 

नूपुर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी(DU) के हिंदू कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद डीयू से ही एलएलबी करने के बाद नूपुर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया. यहां से कानून में एलएलएम की डिग्री लेने के बाद नूपुर ने बर्लिन के कॉनरैल एडेन्यूअर स्कूल ऑफ़ यंग पॉलिटिशियन से भी ग्रैजुएट डिग्री हासिल की. और भारत लौटने के बाद नूपुर पेशेवर वकील बन गईं.

गिलानी का विरोध किया और किसी ने थूक दिया!

नूपुर दिल्ली यूनिवर्सिटी के अपने शुरुआती दिनों से ही छात्र राजनीति में सक्रिय थीं. साल 2008 में नूपुर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के टिकट पर दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) का चुनाव लड़ा और NSUI की सोनिया सापरा को करीब 1700 वोटों से हराकर यूनियन प्रेजिडेंट बनीं. प्रेजिडेंट की पोस्ट के अलावा बाकी सभी पद NSUI के कैंडिडेट्स के ही खाते में गए. ABVP के खाते में 6 साल बाद ये जीत आई थी. जीत के बाद नूपुर दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेताओं की नजर में आईं.

लेकिन राजनीति में नजर में आने के लिए बहुत कुछ करना होता है. हर नेता को. नूपुर के खाते में ये कर्मयोग बना उनके छात्रसंघ अध्यक्ष रहते-रहते. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और 2001 के संसद हमले के पूर्व आरोपी एसएआर गिलानी को विश्वविद्यालय के ही कला संकाय द्वारा एक कार्यक्रम में बतौर वक्ता बुलाया गया था. गिलानी को संसद पर हमले के आरोपों से दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था. ABVP के छात्रों का एक गुट कला संकाय के कार्यक्रम में पहुंच गया. गिलानी से धक्कामुक्की की गई. धक्कामुक्की करते नूपुर की तस्वीरें भी सामने आईं. इसी बीच किसी ने गिलानी के चेहरे पर थूक दिया. 

इस थूकने के अलग-अलग वर्ज़न हैं. कुछ लोग कहते हैं कि नूपुर शर्मा ने भी थूका था. लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि नूपुर शर्मा ने बस धक्कामुक्की की थी, थूकने का काम किसी और का था.

दी प्रिंट में छपी खबर के मुताबिक, नूपुर शर्मा ने कहा था कि गिलानी एक आतंकवादी हैं और उन्हें नहीं बुलाना चाहिए था. आगे उन्होंने कहा कि गिलानी पर थूकने वाला व्यक्ति ABVP का सदस्य नहीं था. लेकिन आगे कहा - “पूरे देश को गिलानी के ऊपर थूकना चाहिए”. 

कहते हैं कि इस घटना से नूपुर शर्मा की राजनीतिक साख और पक्की हुई. कहानी आगे बढ़ती है.

साल 2009 में नूपुर ने अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’  के रिपब्लिक डे स्पेशल एडिशन में बतौर गेस्ट एडिटर भी काम किया. मार्च 2009 में नूपुर को हिंदुस्तान टाइम्स ने देश की शीर्ष 10 प्रेरणादायक महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था. इसी साल नूपुर बीजेपी यूथ विंग की नेशनल वर्किंग कमेटी में शामिल हो गईं. हालांकि इसके बाद नूपुर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का रुख कर लिया था. 

साल 2012 के जुलाई महीने में नूपुर USA में हुए ‘इंडो-पाक अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स’ (ACYPL) के शिखर सम्मेलन में भारत और भाजपा के प्रतिनिधिमंडल की सदस्य के बतौर शामिल हुई थीं. इसके बाद इसी साल उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रभारी बना दिया गया. साथ ही स्पेशल मीडिया कमिटी की सदस्य भी बनाई गईं.

इसके बाद साल 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव और साल 2014 के आम चुनाव में नूपुर खासी सक्रिय रहीं. और साल 2015 में नूपुर शर्मा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हाई-प्रोफाइल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से 2015 का दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि नूपुर को केजरीवाल से 31 हजार से ज्यादा वोटों से हार गई थीं. लेकिन इसी चुनाव परिणाम में एक इसी बात के साथ उन्हें संतोष करना पड़ा कि उन्हें कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण वालिया से कहीं ज्यादा वोट मिले थे. 

इस चुनाव के बाद नूपुर खासी चर्चा में आ गईं. अपनी भाषण शैली के लिए जानी जाती थीं, 2017 में जब दिल्ली में मनोज तिवारी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब नूपुर को दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता बना दिया गया. इसी साल नूपुर शर्मा को गलत फोटो ट्वीट करने के चलते भयंकर आलोचना का सामना करना पड़ा था. उन्होंने गुजरात दंगों की साल 2002 की एक तस्वीर को बंगाल का बताकर ट्वीट कर दिया था. कोलकाता पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था. इसके बाद सितंबर 2020 में नूपुर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद दे दिया गया. इसके अलावा नूपुर शर्मा बीजेपी की कार्यकारी समिति की अध्यक्ष भी रही हैं.

वीडियो देखें: नूपुर शर्मा के कॉमेंट पर असदुद्दीन ओवैसी ने अब ये ख़तरा बता दिया!

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