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'रिपोर्ट में तो जैसे पायलट्स की ही गलती थी', पायलट्स एसोसिएशन ने प्रारंभिक जांच पर उठाए सवाल

पायलटों के संगठन ने 10 जुलाई को वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच के मूवमेंट पर सवाल खड़े किए गए थे.

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Presumes guilt: Pilots' union claims crash report biased, questions 'secrecy'
एसोसिएशन ने जांच से जुड़ी गोपनीयता पर भी हैरानी जताई, और इसमें शामिल लोगों की योग्यता पर सवाल उठाए. (फोटो- सोशल मीडिया)
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प्रशांत सिंह
12 जुलाई 2025 (Published: 09:26 PM IST) कॉमेंट्स
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अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट 12 जुलाई को सामने आई (Air India Plane crash report). 15 पेज की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि टेक ऑफ के कुछ सेकंड बाद ही प्लेन के दोनों इंजनों का फ्यूल कट-ऑफ स्विच बंद हो गया था. जिसके कारण इंजनों की थ्रस्ट खत्म हो गई. AAIB की इस रिपोर्ट पर एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने कड़ा ऐतराज जताया है. एसोसिएशन ने कहा कि जांच ये मान के की जा रही है जैसे गलती पायलटों की ही थी. ALPA ने इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया और इसकी पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन पायलट एसोसिएशन (ALPA) इंडिया के अध्यक्ष कैप्टन सैम थॉमस ने कहा,

"हमें लगता है कि ये जांच ऐसे की जा रही है जैसे कि पायलटों की गलती ही थी. हम इस तरह की जांच कर कड़ी आपत्ति जताते हैं."

एसोसिएशन ने जांच से जुड़ी गोपनीयता पर भी हैरानी जताई, और इसमें शामिल लोगों की योग्यता पर सवाल उठाए. बयान में कहा गया,

"हमें लगता है कि इस महत्वपूर्ण जांच के लिए उपयुक्त योग्यता वाले लोगों को बोर्ड में नहीं लिया गया."

पायलटों के संगठन ने 10 जुलाई को वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच के मूवमेंट पर सवाल खड़े किए गए थे. एसोसिएशन ने कहा,

"ये जानकारी उन तक कैसे पहुंची?"

एसोसिएशन ने कहा कि रिपोर्ट को बिना हस्ताक्षर किए जारी किया गया. पायलट एसोसिएशन इंडिया ने कहा,

"हमें आश्चर्य है कि इतना महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट बिना किसी जिम्मेदार व्यक्ति के हस्ताक्षर के मीडिया को दे दिया गया."

एसोसिएशन ने अधिकारियों से अपील की है कि वो पायलट प्रतिनिधियों को जांच प्रक्रिया में शामिल करे. चाहे वो पर्यवेक्षकों की हैसियत से ही क्यों ना शामिल किए जाएं. जिससे कि इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. बयान के अंत में कहा गया,

"हम एक बार फिर सत्ता के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वो हमें भी पर्यवेक्षकों की हैसियत से शामिल करें, ताकि जांच में अपेक्षित पारदर्शिता बनी रहे."

उधर, 12 जुलाई को सामने आई रिपोर्ट को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सावधानी बरतने की बात कही. उन्होंने जोर देकर कहा कि रिपोर्ट अभी शुरुआती चरण में है, जनता और मीडिया जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष न निकाले. उन्होंने कहा,

"हमें जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए. एक बार अंतिम रिपोर्ट आ जाए, तभी हम किसी ठोस नतीजे पर पहुंच पाएंगे."

उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें भारत के पायलटों और क्रू के सभी सदस्यों पर पूरा भरोसा है.

रिपोर्ट में क्या बताया गया?

इस हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को अपनी शुरुआती रिपोर्ट सार्वजनिक की है. इसके अनुसार, दोनों पायलटों को जैसे ही पता चला कि फ्यूल के रास्ते में कोई दिक्कत है, उन्होंने दोनों इंजनों को फिर से चालू करने की कोशिश की. इंजन-1 कुछ हद तक चालू हो गया, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह से स्पीड रिकवर नहीं कर पाया.

क्रैश होने से पहले प्लेन केवल 32 सेकेंड तक हवा में रहा. इस दौरान APU (Auxiliary Power Unit) भी चालू हुआ, लेकिन वो भी प्लेन को क्रैश होने से नहीं बचा पाया. बताते चलें कि APU एक स्वतंत्र इंजन होता है, जो मुख्य इंजन के बंद होने के बाद चालू होता है. ये एक तरह का बैकअप होता है.

इस मामले की फाइनल रिपोर्ट 12 जून 2026 के पहले जारी की जा सकती है.

बताते चलें कि 12 जून को AI171 एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गया था. इस हादसे में 241 यात्रियों समेत हॉस्टल और उसके आस-पास के करीब 35 लोग मारे गए थे.

वीडियो: क्या बंद हो गया था Fuel Control Switch? कैसे हुआ एयर इंडिया प्लेन क्रैश?

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