बाल कलर करवाने वाले इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें, कैंसर भी हो सकता है
हममें से बहुत सारे लोग हेयर कलर या हेयर डाई का इस्तेमाल करते हैं. तो क्या हम सब भी कैंसर के रिस्क पर हैं? ये जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे हेयर कलर या हेयर डाई में कौन से केमिकल्स पाए जाते हैं? क्या हेयर कलर या डाई से कैंसर हो सकता है? ये केमिकल शरीर में कैसे पहुंचते हैं? और इससे बचने का तरीका क्या है.

अमेरिका में एक राज्य है कैलिफोर्निया. यहां रहते हैं हेक्टर कोर्वेरा नाम के शख्स. पेशे से हेयरड्रेसर हैं. उन्होंने लोरेअल और 10 अन्य कंपनीज़ के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया है. ये सभी कंपनीज़ हेयर कलर और हेयर डाई बनाती हैं. वजह? साल 2023 में हेक्टर को पता चला उन्हें ब्लैडर कैंसर है. यानी मूत्राशय का कैंसर.
हेक्टर का दावा है कि ये कैंसर उन्हें इन कंपनीज़ के बनाए हुए हेयर कलर और हेयर डाई के लगातार संपर्क में रहने से हुआ. क्योंकि वो पेशे से हेयरड्रेसर हैं, इसलिए वो सालों से लोगों के बाल डाई कर रहे हैं. हेक्टर का कहना है कि इन हेयर कलर में ऐसे केमिकल्स डाले जाते हैं, जिनसे कैंसर हो सकता है.

क्या ये सच है? इसपर काफ़ी रिसर्च भी हुई है. कई स्टडीज़ भी छपी हैं.
ऐसी ही एक स्टडी का ज़िक्र किया है अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने. इस स्टडी में पता चला हेयर कलर में मौजूद कुछ केमिकल्स जैसे एरोमेटिक एमीन्स से कैंसर का रिस्क बढ़ता है. ये स्टडी एक लैब में जानवरों पर की गई थी.
इंसानों में हेयर डाई के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है या नहीं, इसपर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है.
मुद्दे की बात ये है कि हममें से बहुत सारे लोग हेयर कलर या हेयर डाई का इस्तेमाल करते हैं. तो क्या हम सब भी कैंसर के रिस्क पर हैं? ये जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे हेयर कलर या हेयर डाई में कौन से केमिकल्स पाए जाते हैं? क्या हेयर कलर या डाई से कैंसर हो सकता है? ये केमिकल शरीर में कैसे पहुंचते हैं? और इससे बचने का तरीका क्या है.
हेयर कलर, डाई में कौन से केमिकल्स पाए जाते हैं?ये हमें बताया डॉ. शुभम गर्ग ने.

-ये जानना ज़रूरी है कि हेयर कलर और डाई में केमिकल्स डाले जाते हैं
-जैसे फ़िनोल एमीन, फॉर्मेल्डिहाइड बेस्ड केमिकल
-ये केमिकल न ही नेचुरल तरीके से बनते हैं न ही मिलते हैं
-इनको फैक्ट्री में बनाया जाता है
-कोई भी चीज़ जो अननेचुरल है, वो शरीर के लिए नहीं बनी है
क्या हेयर कलर या डाई से कैंसर हो सकता है?-ये देखा गया है कि इन केमिकल के प्रयोग से कुछ कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है
-जैसे लिम्फोमा और ल्यूकेमिया, जो एक प्रकार के ब्लड कैंसर हैं
-ब्लैडर कैंसर यानी मूत्राशय का कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर

-ये केमिकल वाली डाई बालों पर लगाने से शरीर कुछ केमिकल सोख लेता है
-ये स्किन से होते हुए खून तक पहुंच जाते हैं
-ये कैंसर होने की एक बड़ी वजह है
-बालों पर ये केमिकल्स लगाने से फ्यूम्स निकलते हैं यानी गंध निकलती है
-इसको जब आप सांस के ज़रिए अंदर लेते हैं तो फ़िनोल एमीन, फॉर्मेल्डिहाइड शरीर में पहुंच जाते हैं
-फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं और खून में मिल जाते हैं
-इसपर काफ़ी रिसर्च हुई है, जो जानवरों पर की गई है
-पता चला जो लोग इन केमिकल्स के ज़्यादा संपर्क में रहते हैं, उनमें कैंसर होने का रिस्क ज़्यादा है
-इसलिए सैलून में काम करने वाले लोगों और हेयरड्रेसर्स को ज़्यादा रिस्क है
-क्योंकि वो इन केमिकल्स के ज़्यादा संपर्क में रहते हैं
-लंबे समय तक इन्हें सांस के ज़रिए अंदर लेते रहते हैं
-बालों पर हेयर कलर लगाते हुए ये केमिकल्स हाथों पर भी लग जाते हैं
-ऐसे लोगों को कैंसर होने का ज़्यादा रिस्क होता है
बचाव-बचाव के लिए केमिकल फ्री हेयर कलर का इस्तेमाल करें
-हेयर कलर इस्तेमाल करने से पहले उसका लेबल ज़रूर पढ़ें
-ये समझें कि उसमें कौन से केमिकल हैं और नहीं
-हेयर कलर लगाने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें
-स्किन पर कलर का थोड़ा सा सैंपल लगाकर देखें
-देखें कि इससे कोई एलर्जी तो नहीं हो रही
-हेयर कलर लगाते हुए ग्लव्स का इस्तेमाल करें
-ताकि कलर हाथों पर न लगे
-कलर को बहुत लंबे समय तक लगाकर न रखें
-हेयर कलर एक ऐसे कमरे में लगाएं जहां अच्छा वेंटिलेशन हो
-ताकि कलर से निकलने वाले फ्यूम्स कमरे से बाहर जाएं
-केमिकल वाले हेयर कलर का इस्तेमाल अवॉइड ही करें
-नेचुरल कलर लगाएं जैसे मेंहदी
-मेंहदी बालों को मज़बूत बनाती है और साफ़ भी रखती है
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अपने बाल डाई करते रहते हैं या हेयर डाई के संपर्क में रहते हैं तो सावधानी बरतना ज़रूरी है. डॉक्टर ने जो टिप्स बताई हैं, उन्हें ज़रूर फॉलो करें. अगर आपको अपने बाल डाई करने हैं तो नेचुरल कलर्स का इस्तेमाल करें. जैसे हेन्ना. वहीं अगर आप पेशे से हेयरड्रेसर हैं तो क्लाइंट के बालों में कलर लगाते समय मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल ज़रूर करें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: बाल कलर करने से कैंसर का ख़तरा! इन बातों का रखें ध्यान