गैंग्स ऑफ वासेपुर में पीयूष मिश्रा ने गाया है- इक बगल में चांद होगा, इक बगल में रोटियां. यहां जबरन साइंस घुसाने के लिए माफ कीजिएगा. लेकिन चांद पर रोटी की चादर बिछाने के लिए पहले वहां फसल उगानी होगी. आज से करीब 50 साल पहले इंसान ने चांद पर कदम रखा. लेकिन हमारी जात कभी वहां टिक नहीं पाई. कहीं भी टिकने के लिए तीन चीज़ें चाहिए होती हैं. रोटी, कपड़ा और मकान. कपड़ा मान लो एस्ट्रोनॉट का सूट है. मकान यानी मून बेस भी बना लिया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि रोटी कहां से लाएंगे. इस सवाल का जवाब मीलों लंबा है. लेकिन साल 2022 के माह-ए-मई में एक छोटा सा कदम उस तरफ बढ़ा दिया गया है. देखें वीडियो.
साइंसकारी: चांद की मिट्टी पर पौधा उगाने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े?
चांद पर रोटी की चादर बिछाने के लिए पहले वहां फसल उगानी होगी.
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