दूसरी ट्वीट में सिग्नल ने कहा, "अब बिना देरी के हर कोई रजिस्टर कर सकता है. हम उन कैरियर्स का शुक्रिया करते हैं जिन्होंने सही 'स्विच' दबाए ताकि लोग आसानी से स्विच करते रहें." Signal में क्या खास है?

सिग्नल ऐप एंड्रॉयड और आईफोन दोनों पर मौजूद है.
सिग्नल की डिजाइन सिम्पल सी है, फ़ास्ट है और सबसे बड़ी बात- सिक्योर है. वॉट्सऐप की ही तरह सिग्नल भी एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन सपोर्ट करता है, यानी आपकी चैट को कोई तीसरी पार्टी नहीं पढ़ सकती, यहां तक कि सिग्नल भी नहीं. सिग्नल की वीडियो कॉलिंग क्वालिटी वॉट्सऐप से कई गुना अच्छी है. इस ऐप में अगर आप चाहें तो अपने फोन के SMS भी देख सकते हैं.
मगर जो चीज़ सिग्नल को सबसे ज्यादा फेमस करती है वो है इसकी प्राइवसी पॉलिसी. जहां एक तरफ़ वॉट्सऐप यूजर का भर-भर कर डेटा उठा रहा है, सिग्नल सिर्फ़ और सिर्फ़ यूजर का मोबाइल नंबर लेता है. और इसे वो आपकी आइडेंटिटी से लिंक भी नहीं करता. वॉट्सऐप की नई प्राइवसी पॉलिसी के आने के बाद टेसला CEO एलॉन मस्क ने भी ट्वीट करके लोगों को सिग्नल इस्तेमाल करने के लिए बोला था. यहां ये बात भी क्लियर कर देनी चाहिए कि मस्क लंबे वक्त से फ़ेसबुक और उसकी पॉलिसियों का विरोध करते रहे हैं.
सिग्नल के अलावा वायर और टेलीग्राम भी अच्छे ऑप्शन हैं. ये दोनों प्लैट्फॉर्म भी एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन सपोर्ट करते हैं. और वॉट्सऐप की तुलना में ये यूजर का डेटा न के बराबर लेते हैं. टेलीग्राम सिर्फ यूजर का नाम, फ़ोन नंबर, फ़ोन में पड़े हुए कॉटैक्ट और यूजर ID को लिंक करता है और वायर आपका नाम, ई-मेल, फ़ोन नंबर और ID लिंक करता है.