उत्तर भारत से लेकर सेंट्रल इंडिया में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. साउथ इंडिया और पूर्वी भारत में भी मौसम सुहाना है. ऐसे ठंड वाले मौसम का मतलब है गीजर का खूब इस्तेमाल. गर्म पानी की लगातार सप्लाई के लिए गीजर से अच्छा कुछ नहीं. लेकिन कई बार यही गीजर जानलेवा हो जाता है. ठंड के मौसम में गीजर से होने वाली दुर्घटनाओं के मामले अक्सर सुनने को मिलते हैं. ऐसे में आपको क्या करना चाहिए. कुछ बातों का ध्यान आपको जरूर रखना (precautions while using electric or gas geyser) चाहिए. कुछ सावधानियां जो अनहोनी के होने का खतरा काफी कम कर सकती हैं.
गीजर का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान रखें, करंट और फटने का डर नहीं सताएगा
ठंड के मौसम में इलेक्ट्रिक या गैस वाले गीजर का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान आपको जरूर रखना (precautions while using electric or gas geyser) चाहिए. इससे किसी भी अनहोनी के होने का खतरा काफी कम हो जाएगा.


गर्म-गर्म पानी से नहाना चाहिए. गाना आए या ना आए, गाना चाहिए. हम सब यही करते हैं लेकिन गीजर का खटका बोले तो बटन बंद करना भूल जाते हैं. बड़ा बेसिक सा काम है जो आपको करना है. गीजर लगातार चलना अच्छा नहीं. काम खत्म तो बंद कर दीजिए. याद नहीं रहता तो दरवाजे, फ्रिज या ड्रेसिंग टेबल पर नोट चिपका दीजिए. अगर चाहें तो वाईफाई वाला प्लग भी लगा सकते हैं. कोई बहुत महंगा नहीं होता है. इसकी मदद से आप गीजर को ऑन-ऑफ करने का टाइम तय कर सकते हैं.
हवा ओ हवा खुशबू लुटा देगीजर वाले बाथरूम में खिड़की और एग्जॉस्ट फैन जरूरी ही है. एकदम बंद वाला बाथरूम खतरनाक हो सकता है. इलेक्ट्रिक से चलने वाले गीजर में करेंट का डर होता है. इसलिए अच्छा होगा कि गीजर को ऊंचाई पर लगाया जाए. गीजर हमेशा ऐसी जगह लगा हो जहां उसके ऊपर पानी नहीं पड़े. बच्चों को गीजर ऑपरेट नहीं करने देना है. बोले टो उनके लिए गीजर आप भी बंद और चालू कीजिए.
बिना पानी की सप्लाई के गीजर चलाना खतरनाक है. इसलिए पानी की सप्लाई चेक करते रहिए. गीजर से अगर कोई आवाज आए तो बिना देर किए मैकेनिक को दिखा लें. यह तो हुई इलेक्ट्रिक वाले गीजर की बात. अब बात गैस वाले गीजर की जो आजकल खूब चलन में हैं.
गैस गीजर काम करते समय एलपीजी गैस जलाते हैं. इस प्रक्रिया के लिए ऑक्सीजन अत्यंत आवश्यक है. यदि बाथरूम छोटा है और बिना खिड़कियों या वेंटिलेटर के पूरी तरह से बंद है, तो गीजर हवा में मौजूद ऑक्सीजन को तेजी से सोख लेगा. इससे बाथरूम में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है. इसलिए बाथरूम बड़ा और हवादार होना चाहिए.
यदि संभव हो, तो गैस गीज़र को बाथरूम के अंदर नहीं, बल्कि बाहरी दीवार पर फिट किया जाना चाहिए, और केवल गर्म पानी का पाइप ही अंदर आने देना चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि जब ऑक्सीजन की कमी होती है, तो गैस दहन की प्रक्रिया के दौरान 'कार्बन मोनोऑक्साइड' (CO) नामक एक अत्यंत विषैली गैस निकलती है. इसका कोई रंग, स्वाद या गंध नहीं होता. इसलिए, बाथरूम में मौजूद व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह इस विषैली गैस को सांस के साथ अंदर ले रहा है. यह सीधे रक्त में प्रवेश करती है और मस्तिष्क और हृदय को ऑक्सीजन से वंचित कर देती है.
इसलिए गैस गीजर के साथ अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है.
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