The Lallantop

शार्क टैंक: विकलांगों के लिए आया कमाल का आइडिया, पहली बार बिना मोलभाव मिली मुंह मांगी फंडिंग

शार्क टैंक सीजन 2 के आखिरी हफ्ते में आईं श्रुति ने सारे जजों का ध्यान खींचा.

post-main-image
शार्क टैंक इंडिया सीजन 2. (तस्वीर: सोनी)

शार्क टैंक (Shark Tank India Season 2) में जाने वाले प्रतियोगियों के लिए शो के जजों के सामने अपना आइडिया बताना भर ही सपना पूरा होने जैसा है. इसके बाद अगर फंडिंग मिल जाए तो क्या ही बात है. लेकिन अगर किसी को बिना किसी मोलभाव के अपनी मन-मुआफिक फंडिंग मिल जाए तो? थोड़ा अंग्रेजीदा होकर कहें तो 'Dream Come True'. और ये सच में हुआ है शार्क टैंक के इस सीजन के आखिरी हफ्ते में.

विकलांगों के लिए बनाई 'सहायता'

शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 का फाइनल हफ्ता ज्यादातर पिचर्स के लिए अच्छा नहीं रहा. कइयों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. इसी हफ्ते में अपना आइडिया लेकर पहुंची Sruthi Babu. श्रुति धनवंतरी बायोमेडिकल की सीईओ हैं और उनके प्रोडक्ट का नाम है ‘सहायता’ (Sahayatha). सहायता विकलांग लोगों के लिए बनाई गई व्हील चेयर है. इसे विशेषकर लकवा और पार्किंसन से पीड़ित मरीजों के लिए बनाया गया है.

‘सहायता’ व्हील चेयर की सबसे बड़ी खूबी है इसका मल साफ करने वाला फीचर. आमतौर पर नॉर्मल व्हील चेयर में मरीज के लिए बाथरूम में जाकर मल त्यागने की तो सुविधा होती है, लेकिन साफ करने का कोई साधन नहीं होता है. इसके लिए मरीज को किसी दूसरे इंसान या नर्स की मदद लेनी पड़ती है. ‘सहायता’ में इसके लिए एक जेट स्प्रे जैसा यंत्र लगा हुआ है जो एक बार में 300 मिलीलीटर पानी बाहर फेकता है. व्हील चेयर पूरी तरीके से बैटरी ऑपरेटिड है और पानी का स्टोरेज भी इसमें लगा हुआ है. 3 लीटर पानी के स्टोरेज से आठ बार मल साफ किया जा सकता है. श्रुति के मुताबिक इसको एक बार 7 घंटे चार्ज करने के बाद पूरे 30 दिन तक इस्तेमाल कर सकते हैं. 

'सहायता' व्हील चेयर के साथ पीड़ित को बाथरूम जाकर शौच करने की भी जरूरत नहीं. कहने का मतलब, अगर कोई मरीज बाथरूम तक जाने में भी असमर्थ है तो अपने बिस्तर के पास भी शौच किया जा सकता है. चेयर में मल को एकत्र करने और उसको कवर करने का भी प्रबंध है. श्रुति का दावा है कि उनकी बनाई व्हील चेयर का इस्तेमाल करने से मरीज की देखभाल करने वालों की संख्या तीन से एक की जा सकती है. उनके मुताबिक ये व्हील चेयर मरीज को साफ-सुथरा रखने के साथ उसका आत्मसम्मान भी बनाए रखने में मदद करता है.

धमाल के पीछे पांच साल की मेहनत 

श्रुति ने पांच साल की मेहनत के बाद जुलाई 2022 में 'सहायता' को बाजार में उतारा है. हालांकि इसकी 40 हजार रुपये की कीमत जजों को थोड़ी ज्यादा लग रही थी. लेकिन श्रुति का जज्बा सारे शार्क को प्रभावित कर गया. उनके पिता का कुछ दिन पहले ही देहांत हुआ है, इसके बावजूद भी वो अपना काम बखूबी कर रही हैं. अपने स्टाइल से हटकर सबसे पहले शार्क अमित जैन (cardekho) ने श्रुति को बिना किसी मोलभाव के एक करोड़ रुपये देने की बात कही. श्रुति ने भी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले इतना ही मांगा था. 

यहां लगा कि चलो डील पक्की, लेकिन फिर बड़ा ट्विस्ट आया. अमित के बाद अनुपम मित्तल इससे जुड़ने को तैयार दिखे. अब बारी थी नमिता थापर की. उनके बाद अमन गुप्ता और सबसे आखिर में पीयूष ने भी 'सहायता' के साथ जाने में दिलचस्पी दिखाई. कमाल बात ये है कि किसी ने भी ज्यादा हिस्सेदारी के लिए नहीं कहा. पांचों जजों से बिना किसी ड्रामे के श्रुति को उनके मनमुताबिक फंडिंग मिल गई. 

वीडियो: शार्क टैंक में ये यूट्यूबर पहुंचा, जजों ने ये हाल कर वापस भेजा!