आज से महज कुछ साल पहले इंडिया में iPhone लेने का मतलब था, जेब में एक लाख रुपये होना. मगर भला हो ईएमआई और बैंक ऑफर्स का, आज आईफोन उतना महंगा नहीं है. लेटेस्ट मॉडल तो छोड़ दिया जाए तो सिर्फ एक जनरेशन पुराना आईफोन 50 हजार से नीचे मिल जाता है. कई बार तो बेस मॉडल अमेरिका से भी कम दाम में उपलब्ध होते हैं. आईफोन के लिए दीवानगी तो पहले से ही थी और कम कीमतों ने उसको खूब रवानगी भी दी. इसका असर अब सेल्स में भी दिख रहा है. Apple इंडिया में नंबर वन है.
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Apple ने साल 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में मार्केट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी (Apple leads Indian smartphone market) हासिल कर ली है. साउथ कोरियन सैमसंग दूसरे नंबर पर है. इसके बावजूद ये दोनों स्मार्टफोन मार्केट में सबसे तेजी से बढ़ते ब्रांड नहीं हैं.

टेक दिग्गज ने साल 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में मार्केट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर ली है. साउथ कोरियन सैमसंग दूसरे नंबर पर है. इसके बावजूद ये दोनों स्मार्टफोन मार्केट में सबसे तेजी से बढ़ते ब्रांड नहीं हैं.
Nothing is a Thing Nowलंदन बेस्ड टेक कंपनी Nothing इंडिया के स्मार्टफोन मार्केट में सबसे तेजी से बढ़त हुआ ब्रांड है. ग्रोथ से ब्रांड ने हैरत में नहीं डाला है. आप एकदम ठीक पढ़े. Nothing ने अपने पहले स्मार्टफोन Nothing Phone 1 से ही उम्मीदें जगा दी थीं. फोन के अनोखे डिजाइन और स्टॉक एंड्रॉयड वाले यूजर इंटरफ़ेस को नकारना मुश्किल था.
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OnePlus और xiaomi जैसे ब्रांड की खराब हालत और लगातार गिरती सेल्स भी Nothing के लिए नया रास्ता बना रही है. Counterpoint Research के मुताबिक पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले साल 2025 की पहली तिमाही में 156 फीसदी की ग्रोथ हासिल की है. हाल ही में कंपनी ने Phone 3a सीरीज को भी मार्केट में उतारा है. तेजी से भाग ऊपर जा रहे ब्रांड की बात कर ली अब टॉप पर चलते हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक साल की पहली तिमाही में कंपनी के पास देश के स्मार्टफोन मार्केट का 26 फीसदी हिस्सा है. पिछले साल इसी दौरान उसके पास मार्केट की 20 फीसदी हिस्सेदारी थी. सैमसंग 23 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर है. चायनीज कंपनियों की खराब हालत के बावजूद Vivo इस हिस्सेदारी में तीसरे नंबर पर है. हालांकि उसका मार्केट शेयर 18 से गिरकर 16 फीसदी हो गया है.

Oppo के पास भी खुश होने की वजह है. उसके पास बाजार का 13 फीसदी हिस्सा है. इसी के सब-ब्रांड Realme ने भी पकड़ बना रखी है. वो 7 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट में बढ़िया कर रहा है.
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रिपोर्ट में एक और खास जिक्र है. स्मार्टफोन भले आजकल 5 मिनट में डिलेवर हो रहे हों मगर अभी भी ऑफ़लाइन सेल्स का रौला बना हुआ है. देश भर के दुकानदार और शोरूम अभी भी कुल सेल का 65 फीसदी फोन अपने काउंटर से बेंचते हैं.
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