The Lallantop

सावधान! होटल में खाने के बिल पर आपसे फर्जी GST लिया जा रहा है? ऐसे पता करें सच!

आपकी लापरवाही का फायदा उठाया जा रहा है?

post-main-image
सांकेतिक इमेज

रेस्तरां गए, खाना खाया, बिल दिया, ढेर सारी मिश्री-सौंफ भिड़ाओ. आमतौर पर आप और हम ऐसा ही करते हैं. कई बार तो बिल लेते ही नहीं और अगर लेते हैं तो सिर्फ टोटल अमाउन्ट देखते हैं. आपकी इसी लापरवाही का फायदा कई रेस्तरां और होटल (Restaurants are cheating you with a fake GST bill) वाले उठा रहे हैं. बिल में आपसे जीएसटी वसूला जा रहा है. आप कहोगे इसमें क्या, ये तो लगता ही है. दरअसल ऐसा नहीं है. बिल में जीएसटी लगाने के बाकायदा नियम कायदे हैं. ये भी तय है कि कौन ले सकता है और कौन नहीं. कैसे चल रहा ये गोरखधंधा. चलिए समझते हैं.

आगे बढ़ने से पहले एक बात साफ कर दें. हमारा इरादा किसी भी रेस्तरां या होटल को बदनाम करना नहीं है. बात बस तालाब को गंदा करने वाली मछली को पकड़ने की है. चलिए वापस आते हैं जीएसटी के फर्जीवाड़े पर.

ऐसे बहुत से रेस्तरां हैं जो आपसे जीएसटी ले ही नहीं सकते, वो मनमानी तरीके से इसको वसूल रहे हैं. ऐसा तीन तरीकों से हो रहा है.

सांकेतिक इमेज

# बिल पर जीएसटी नंबर लिखा ही नहीं फिर भी वसूल रहे

# जीएसटी नंबर तो लिखा है लेकिन वो ऐक्टिव नहीं है

# नंबर लिखा है, एक्टिव भी है लेकिन जीएसटी भरने के दायरे में नहीं आता है

ऐसे कई सारे मामले सामने आए, इसलिए ये सोचा गया कि कहानी, प्रचार और बचाव से हम सभी सामना कर लें.

ये तो हो गए तरीके, अब समझते हैं कि इससे बचना कैसे है

# बिल देते समय जैसे आप टोटल और खाने की कीमत देखते हैं, वैसे ही चेक कीजिए कि बिल पर 15 डिजिट का जीएसटी नंबर लिखा हुआ है या नहीं. अगर ये नहीं लिखा है तो रेस्तरां या होटल आपसे जीएसटी चार्ज कर ही नहीं सकते.

# अब दूसरी कंडीशन, अगर जीएसटी नंबर लिखा है तो जीएसटी की वेबसाइट पर विजिट कीजिए. यहां उससे जुड़े सारे डिटेल नजर आएंगे. जैसे जीएसटी एक्टिव है या सस्पेंड. दोनों की जानकारी आपको वेबसाइट पर ही मिलेगी. अगर एक्टिव नहीं है तो आपको जीएसटी देने की जरूरत नहीं. जीएसटी सस्पेंड होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे नियम कानूनों का पालन नहीं करना. जीएसटी रिटर्न समय से नहीं भरना. हालांकि ये थोड़ा झमेला वाला प्रोसेस लग सकता है. ये भी लग सकता है कि कौन इतना टिटिम्मा पाले. लेकिन थोड़े से टिटिम्मे से थोड़ा पैसा बच जाएगा.

जीएसटी

# अब तीसरी परिस्थिति, बिल पर लिखा भी है. एक्टिव भी है लेकिन जीएसटी के दायरे से बाहर आता है. कहने का मतलब रेगुलर है या फिर composition.  रेगुलर है तो भैया पैसा दीजिए वरना नहीं. रही बात composition की तो दरअसल ये एक टैक्स से जुड़ी व्यववस्था है. इसके मुताबिक, अगर संबंधित बिजनेस का टर्नओवर सालाना 1.50 करोड़ रुपए से कम है और बिजनेस गृह राज्य से बाहर दूसरे राज्यों के साथ नहीं होता है तो GST की कंपोजिशन स्कीम ली जा सकती है. कंपोजिशन स्कीम अपनाने से हर महीने रिटर्न नहीं भरना पड़ेगा और न ही सौदों की रसीदें पेश करनी पड़ेगी.

इतना सब होने के  बाद भी अगर रेस्तरां आपसे जीएसटी चार्ज करता है तो आप जीएसटी के हेल्प लाइन नंबर 18001200232 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 

वीडियो: जीएसटी काउंसिल की बैठक के इन फैसलों का आप पर सीधा असर पड़ेगा!