जियो कहता है कि ये ब्राउजर यूजर की डेटा-प्राइवेसी को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है. इसके साथ ही ये सबसे बढ़िया वेब पेज रेन्डर करता है, पेज लोड स्पीड फ़ास्ट है, मीडिया स्ट्रीमिंग धांसू है और यूज़र्स को एनक्रिप्टेड कनेक्शन मिलता है.
UC Browser की ऑडियंस को खींचेगा Jio Pages?
चाइनीज वेब ब्राउजर UC के बैन होने के बाद इसका यूजर बेस क्रोम, ओपेरा और बाक़ी वेब ब्राउजर पर माइग्रेट कर रहा है. जियो शायद इसी की ऑडियंस को अपनी तरफ खींचना चाहता है क्योंकि इसके ज्यादातर नए फीचर UC ब्राउजर वाले हैं. हां लेकिन ये सीधी-सीधी कॉपी नहीं है. Jio Pages की खास चीजें ये हैं:*इस ब्राउजर में आठ भारतीय भाषाओं को सपोर्ट दिया गया है. इसमें आप सर्च इंजन सेटिंग में जाकर अपनी पसंद की भाषा आराम से चुन सकते हैं.
*ब्राउजर में ऐड ब्लॉक प्लस (Ad Block Plus) का सपोर्ट दिया गया है जो फ़ालतू के ऐड्वर्टीज़मेंट और पॉप-अप को डिसेबल कर देता है.
*Jio Pages के इन्कॉग्नीटो मोड (Incognito Mode) में पिन सेट करने का ऑप्शन है. ये तब कम आ सकता है जब आप इन्कॉग्नीटो मोड में ब्राउज़िंग कर रहे हो और फ़ोन छोड़कर कहीं चले जाएं. ऐसे में किसी दूसरे के हाथ में फ़ोन आने पर वो नहीं देख पाएंगे कि आप किस वेबसाइट पर थे.
*इसकी होम स्क्रीन काफ़ी क्लीन है. बुकमार्क, हिस्ट्री, और डाउनलोड बटन के साथ क्विक एक्सेस स्लॉट्स हैं जिनमें आप अपनी पसंद की वेबसाइट जोड़ सकते हैं. होम स्क्रीन पर ही QR कोड स्कैन करने का ऑप्शन भी दिया गया है.
*न्यूज वग़ैरह के लिए अलग से टैब है जिसे आप अपने इंटेरेस्ट और लैंग्वेज के हिसाब से मैनेज कर सकते हैं. जियो का कहना है कि यूजर अपने प्रदेश के हिसाब से डिस्कवर टैब में रीजनल कॉन्टेन्ट भी देख पाएंगे.
*ब्राउजर में डार्क थीम का सपोर्ट दिया गया है. आप चाहें तो खुद से इसे ऑन कर सकते हैं या फ़िर सिस्टम से जोड़ सकते हैं. मतलब कि जब आप फोन में डार्क मोड लगाएं तो ब्राउजर भी अपने आप डार्क मोड में सेट हो जाए.

जियो पेजेस में 8 इंडियन लैंग्वेज का सपोर्ट मिलता है.
इस सब के अलावा ब्राउजर में डाउनलोड मैनेजर भी दिया गया है. मगर हमारी चेकिंग में इसने कुछ खास काम नहीं किया. हां मगर डाउनलोड किये हुए आइटम को शेयर करने और उसकी डाउनलोड URL निकालने वाला ऑप्शन सही है. जियो का नया ब्राउजर सच में वेब-पेज काफ़ी जल्दी लोड कर रहा है और साथ ही ये रैम पर इतना ज़ोर नहीं दे रहा जितना क्रोम देता है. मगर UC ब्राउजर के यूजर को अपनी तरफ खींचने के लिए शायद इतना काफ़ी नहीं होगा.
Jio Pages में VPN का ऑप्शन नहीं दिया गया है जो काफ़ी लोगों के लिए डिसऐअपॉइन्टिंग हो सकता है. UC ब्राउजर का यूजर बेस डाउनलोड को लेकर काम्प्रमाइज़ नहीं करना चाहता. मगर फिलहाल Jio Pages के डाउनलोड मैनेजर में कुछ ट्वीक करने की जरूरत है. इसके साथ ही अभी ब्राउजर का काफ़ी कुछ एक्स्पीरियन्स बीटा मोड जैसा लग रहा है. काफ़ी सारे बग्स हैं और कुछ चीजों में सुधार की ज़रूरत है, जैसे इधर-उधर मौजूद स्पेलिंग मिस्टेक, क्विक लिंक्स का आगे पीछे शफल न हो पाना, वग़ैरह-वग़ैरह.