'The password era is ending', मतलब पासवर्ड का युग खत्म होने वाला है. ये बात भले हम आज के संदर्भ में लिख रहे मगर हमने खुद इसे दो साल पहले ही कहा था जब 'Passkeys' नाम का एक फीचर तकनीक की दुनिया में आया था. मई 2023 में गूगल ने कहा था,
आपके सब पासवर्ड जल्दी ही डिलीट हो जाएंगे, काम करेगी सिर्फ Passkeys, लेकिन ये है क्या?
माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) अगले महीने से आपके पासवर्ड सेव करना और उनको याद रखना (Microsoft will start deleting passwords from next months) बंद करेगा. माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े हर ऐप में सिर्फ Passkeys ही काम करेगी.

'The beginning of the end of the password'.
मतलब पासवर्ड का दौर खत्म होने वाला है. हालांकि गूगल ने अभी तक ऐसा नहीं किया है. माने passkeys फीचर के साथ अभी पासवर्ड भी जिंदा है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ऐसा करने वाली है. माइक्रोसॉफ्ट अगले महीने से आपके पासवर्ड सेव करना और उनको याद रखना बंद करेगा. कंपनी के मुताबिक,
जून 2025 से, आप ऑथेंटिकेटर में नए पासवर्ड सेव नहीं कर पाएंगे. जुलाई 2025 के दौरान, आप ऑथेंटिकेटर के साथ ऑटोफिल का उपयोग भी नहीं कर पाएंगे. अगस्त 2025 से, आपके सेव पासवर्ड ऑथेंटिकेटर में एक्सेस नहीं किए जा सकेंगे.”
पता है-पता है काफी पेचीदा हो गया. इसे आसान भाषा में समझाते हैं. अभी तक आप किसी भी ऐप, ईमेल, वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं तो आपको पासवर्ड डालना होता है. आमतौर पर इसके बाद पासवर्ड सिस्टम में सेव हो जाता है. जैसे गूगल क्रोम में. इसके बाद आपको बहुत दिनों तक पासवर्ड डालने कि जरूरत नहीं होती. इसे ही ऑटोफिल कहते हैं.
पासवर्ड से जुड़ा एक और प्रोसेस है जिसे ऑथेंटिकेटर कहते हैं. ये एक ऐप है जो गूगल से लेकर माइक्रोसॉफ्ट जैसी कई कंपनियां बनाती हैं. इसमें आप अपने सभी अकाउंट सेव कर सकते हैं. माने गूगल के ऐप में इंस्टा, माइक्रोसॉफ्ट, एक्स के अकाउंट तो माइक्रोसॉफ्ट के ऐप में गूगल और इंस्टा के अकाउंट.

Two-factor authentication (2FA) मतलब जहां पासवर्ड के साथ कोड कि जरूरत होती है और एसएमएस सर्विस का सपोर्ट नहीं तो ऑथेंटिकेटर ऐप से कोड जनरेट करके प्रोसेस पूरा होता है. इसमें हर ऐप का कोड लगातार बदलता है, इसलिए काफी सेफ भी माना जाता है.
माइक्रोसॉफ्ट इन दोनों ही फीचर को टाटा बोलने जा रहा है. मतलब माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े ऐप जैसे Outlook में सिर्फ Passkeys ही काम करेगी. टाइम लाइन हमने बता दी. अब ये और जान लीजिए कि ये passkeys है क्या?
पासवर्ड की नई चाबी passkeysइस प्रोग्राम की शुरुआत 2013 में हुई थी और इसका उद्देश्य लोगों की पासवर्ड की समस्या खत्म करना है. गूगल, ऐप्पल और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर इसे डेवलप किया है. पुराने तरीके में अभी हम हर वेबसाइट और ऐप के लिए अलग-अलग पासवर्ड चुनते हैं. लेकिन नए तरीके में आपके फोन का पासवर्ड ही हर अकाउंट का पासवर्ड होगा. आसान भाषा में कहें तो स्क्रीन लॉक, फिंगरप्रिन्ट लॉक या फिर फेस अनलॉक ही एक पासवर्ड का काम करेगा.
इसके इतर, अगर आप सिर्फ नंबर लॉक या पासकोड, जैसे 1234, का इस्तेमाल करते हैं तो भी एक यूनिवर्सल पासवर्ड होगा. कहने का मतलब एक मजबूत सा, 16-20 डिजिट वाला लंबा पासवर्ड बना लीजिए और टेंशन खत्म. जल्द ही सारे प्लेटफॉर्म यही करने वाले हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने बस पहला बटन दबाया है.
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