Microsoft CEO Satya Nadella आजकल भारत में हैं. कोई नई बात नहीं. उनका आवन-जावन लगा रहता है. भारत माइक्रोसॉफ्ट के लिए बड़ा मार्केट है. दूसरा, इसी बहाने उनको हैदराबादी उर्दू बोलने का मौका मिल जाता है ना मियां! भारत के दौरे पर सत्या प्रधानमंत्री मोदी से भी मिले. बड़े लोग अक्सर मिलते रहते हैं. सत्य नडेला ने भारत में AI सेक्टर के विकास के लिए 3 बिलियन डॉलर बोले तो 25 हजार करोड़ रुपये निवेश करने का भी ऐलान कर दिया. इतना पढ़कर आप कहोगे कि भईया ये सब पता है, कुछ नया बताओ.
एक क्लिक में दस साल अनुभवी डॉक्टर जितनी जानकारी, सत्या नडेला का Copilot धूम मचा देगा
हम आपको वो बताते जो Microsoft CEO Satya Nadella ने हमें बताया. नडेला आज यानी 8 जनवरी को दिल्ली में थे. उन्होंने बताया कि कैसे AI हेल्थ में मदद कर रहा है तो किसानी में भी काम आ रहा. Copilot अब रोबोट नहीं रहा बल्कि इंसानी हो रहा है.

बताते हैं-बताते हैं. हम आपको वो बताते जो सत्या नडेला ने हमें बताया. सच्ची में, क्योंकि नडेला आज यानी 8 जनवरी को दिल्ली में थे. उन्होंने बताया कि कैसे AI हेल्थ में मदद कर रहा है तो किसानी में भी काम आ रहा. Copilot अब रोबोट नहीं रहा बल्कि इंसानी हो रहा है.
Copilot में सेंस आ रहा हैमाइक्रोसॉफ्ट के उदाहरण से बाद में समझेंगे, पहले अपने तरीके से समझते हैं. हॉस्टल में वार्डन होता है/होती है, जो एक तय समय पर आकर कहती है कि चलो खाना खाओ, चलो सो जाओ. मतलब सीधे सपाट लहजा. कोई बुराई नहीं, मगर जो कोई कहे कि चलो बेटा जीम लो, मतलब खाना खा लो या फिर निन्नी का टाइम हो गया, तो कितना अच्छा लगेगा.
ऐसा ही कुछ माइक्रोसॉफ्ट के चैट बॉट Copilot के साथ हो रहा है. जो आप उससे पूछोगे कि मेरी फ्लाइट इतने बजे दिल्ली में लैंड होगी उसके पहले फलां-फलां मीटिंग डिटेल्स चाहिए. ऐसे में रोबोट टाइप जवाब की जगह थोड़ा सेंस वाला जवाब मिलेगा. मसलन, ओके सूर्यकांत आपकी यात्रा सुखद हो. उसके बाद सवाल का जवाब मिलेगा. इसका मतलब ये नहीं है कि AI में चेतना आ गई है. असल में ये उसकी लगातार चल रही ट्रेनिंग का नतीजा है. आगे और बेहतर ही होगा.
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डॉक्टर मैं आई (AI)इसे आप मेरा पसंदीदा काम समझ लीजिए जो AI करने वाला है. मतलब मेल लिखवाने से लेकर ग्रामर ठीक करने का काम तो हो ही जाता है. मगर अब AI पहुंचा है हेल्थ सेक्टर में. उदाहरण के लिए, MBBS के पहले साल के स्टूडेंट को अब सिंगल क्लिक में दस साल का अनुभव रखने वाले डॉक्टर जितनी जानकारी उपलब्ध है, वो भी पॉइंट्स में.

इसका मतलब ये नहीं है कि सीनियर डॉक्टर का जलवा खत्म हो जाएगा. वो रौला है और रहेगा, बस AI बीमारी पकड़ने से लेकर इलाज के कई तरीके चुटकियों में बता देगा. बस बता देगा, क्योंकि दवाई तो आपने खुद ही खानी होगी और परहेज भी करना होगा. इससे कई गंभीर बीमारियों को जल्दी पकड़ने में भी मदद मिलेगी. भारत में अपोलो जैसे अस्पताल ने इसका बड़े स्केल पर इस्तेमाल भी स्टार्ट कर दिया है.

ये भी वो काम है जो AI अंकल को करना चाहिए. फोटो तो हम खुदई खींच लेंगे. AI यहां अपना कमाल दिखाएगा. फसल की फोटो अपलोड करो तो उसकी क्वालिटी के बारे में बताएगा या फिर मिट्टी की लैब टेस्ट में मदद करेगा. बहुत बारिश है तो क्या उगाना है और अगर पानी कम मिलता तो कौन सी फसल बढ़िया रिटर्न देगी. क्योंकि बात माइक्रोसॉफ्ट की है तो कोई हवाबाजी नहीं. ITC Krishi Mitra जैसे ऐप ऐसा वाकई में कर पा रहे हैं.

वैसे बात सिर्फ कुछ सेक्टर तक सीमित नहीं है. कंपनियों की लंबी लिस्ट है जो माइक्रोसॉफ्ट AI का जमकर इस्तेमाल कर रहे. फिर बात हवाई जहाज वाली इंडिगो की हो या फिर कार वाली महिंद्रा की. इंडियन ऑइल से लेकर भारत सरकार की टेलीमेडिसन सर्विस eSanjeevani तक के पीछू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दिमाग है.

नडेला ने जितना बताया उससे लगता है कि AI अपने असल काम पर लग रहा है. कंपनी के अगले चैट बॉट मॉडल पानी की खपत भी कम करेंगे.
खैर जल्द पता चल ही जाएगा. वैसे एक बात बताऊं, सत्या ने ChatGPT का नाम सिर्फ एक बार लिया. वैसे तो छोटा बेटा लाडला होता है, मगर तुस्सी तो सब जानते हो.
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