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अकाउंट में आये 100 रुपये भी आपकी पूरी सेविंग्स पर ताला लगवा सकते हैं

Cyber Fraud की वजह से आजकल बैंक अकाउंट फ्रीज (cyber fraud account freeze) हो रहे हैं. आपकी पूरी सेविंग्स को बैंक होल्ड पर डाल देता है. दिलचस्प बात यह है कि यह कोई स्कैम नहीं है. आपका अकाउंट साइबर पुलिस ब्लॉक करवाएगी. बैंक कोई जवाब भी आपको नहीं देगा. आपके पास क्या ऑप्शन है.

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बिना गलती के भी आपका अकाउंट होल्ड हो सकता है

आपके अकाउंट में कहीं से 100 रुपये क्रेडिट हुए तो आप क्या करेंगे. अजी कुछ नहीं करेंगे. पैसे क्रेडिट होने पर कोई क्या ही करता है. भले आपको पता नहीं भी हो कि पैसा आया कहां से लेकिन आप खुश तो हो लेंगे. अजी खुश नहीं बल्कि सावधान हो जाइए. यही 100 रुपिया आपका अकाउंट ब्लॉक (cyber fraud account freeze) करवा सकता है. हो सकता है कि इस 100 रुपये की वजह से आपके अकाउंट में पड़ी पूरी जमा पूंजी ब्लॉक हो जाए. दिलचस्प बात यह है कि यह कोई स्कैम नहीं है. आपका अकाउंट साइबर पुलिस ब्लॉक करवाएगी. बैंक कोई जवाब भी आपको नहीं देगा.

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अंदाजा आपने लगा ही लिया होगा कि हम साइबर फ्रॉड की वजह से होने वाले बैंक अकाउंट फ्रीज की बात कर रहे हैं. वही फ्रॉड जिसका आपसे पास तो पास, दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है. लेकिन आप इसकी वजह से परेशान जरूर होने वाले हैं. 

क्या है बैंक अकाउंट फ्रीज

एक दिन आप सुबह सोकर उठें और आपका पता चले कि आपका बैंक अकाउंट ब्लॉक हो गया है तो आप क्या करेंगे. बताने की जरूरत नहीं कि आप अपने बैंक में फोन करेंगे या नजदीकी ब्रांच में जाएंगे. यहां आपको पता चले कि आपका अकाउंट बैंक ने नहीं बल्कि साइबर पुलिस ने ब्लॉक करवाया है तो आप क्या करेंगे. अब आप कुछ नहीं करेंगे बल्कि यह सोचेंगे कि आपने क्या किया क्योंकि बैंक के पास आपको बताने के लिए कुछ नहीं होगा. वो सिर्फ आपके अकाउंट को ब्लॉक करेगा जिसे बैंकिंग की भाषा में lien कहते हैं.

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क्यों होता है बैंक अकाउंट फ्रीज

साइबर पुलिस जब किसी भी ऑनलाइन अपराध की जांच कर रही होती है तो वो मनी ट्रेल पर कड़ी नजर रखती है. मनी ट्रेल मतलब पैसा किस अकाउंट से किस अकाउंट में गया. उस पैसे से किसे भुगतान किया गया. अब इस सबके बीच अगर ऐसे किसी भी पैसे से कोई पैसा आपके अकाउंट में आया और वो लेनदेन पुलिस के हाथ लगा तो बस फिर. साइबर पुलिस आपका भी अकाउंट ब्लॉक करवा देगी.

आप क्या करें

यह आपकी बुरी किस्मत ही है जो आपका अकाउंट इस लफड़े में फंस गया. साइबर पुलिस भी अपना काम बरोबर से की. माने गलती किसी की नहीं. इसलिए ऐसा होने पर अपने बैंक जाइए और वहां Sayed Sarfaraj vs Reserve Bank Of India केस का हवाला दीजिए. इस केस में राजस्थान हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि साइबर पुलिस सिर्फ वही पैसा होल्ड करेगी जो लेनदेन में इस्तेमाल हुआ है.

साइबर पुलिस की शिकायत पर बैंक को 7 दिनों के अंदर उनसे पूछना होगा कि मामला क्या है. किस लेनदेन पर शिकायत की गई है. उसके बाद सिर्फ उतना पैसा ही ब्लॉक होगा. अब जो बैंक नहीं माने तो वहां से सारे डिटेल लीजिए. जैसे कहां की साइबर पुलिस ने अकाउंट फ्रीज करवाया है. किस लेनदेन के लिए करवाया है. साइबर सेल का फोन नंबर और ईमेल जैसी पूरी जानकारी और रिफरेंस नंबर लेकर आपको किसी वकील के पास जाना पड़ेगा.

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वकील साइबर पुलिस को नोटिस भेजेगा और 15 दिन में आपका अकाउंट ओपन हो जाएगा. हालांकि फ्रॉड वाला पैसा ब्लॉक ही रहेगा. अगर फिर भी कुछ नहीं होता तो आप कोर्ट भी जा सकते हैं क्योंकि कोर्ट का फैसला हम आपको बता ही दिए.

वैसे यह सब तो कानूनी बातें हैं. हमारी आपको सलाह रहेगी कि अपने बैंक स्टेटमेंट पर नजर मारते रहें. अच्छा तो यह भी होगा कि रोजमर्रा के लेनदेन के लिए अलग अकाउंट और सेविंग के लिए अलग अकाउंट रखे और अलग मोबाइल नंबर रखें. ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल आपका मोबाइल नंबर ही अकाउंट है. जिसके भी पास आपका मोबाइल नंबर है, वो आपको UPI के जरिए पैसा भेज सकता है. साइबर फ्रॉड की सबसे बड़ी जड़ यही है.

सावधान रहिए.  

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