The Lallantop

Amazon और Perplexity इस 'दुकानदार' की वजह से झगड़ा-झगड़ा खेल रहे

अमेजन ने परप्लेक्सिटी को अपने Comet ब्राउजर से AI एजेंट हटाने को कहा. जब नहीं माना तो उसको cease-and-desist लेटर माने बंद करो और रोक दो पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यदि एआई एजेंट कॉमेट ग्राहकों के लिए निजी दुकानदार (एजेंट) के रूप में काम करना जारी रखता है तो मुकदमा किया जा सकता है.

Advertisement
post-main-image
Amazon और Perplexity झगड़ा-झगड़ा खेल रहे

Amazon और Perplexity की लड़ाई अब लीगल हो गई है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और AI असिस्टेंट के बीच का विवाद अब विक्की प्लीज वाले मूड से अलग होकर लीगल हो चला है. AI असिस्टेंट अमेजन की वेबसाइट के साथ कैसे बातचीत करता है, इस पर शुरू हुआ विवाद अब एजेंटिक एआई सिस्टम और ऑनलाइन एक्सेस के भविष्य को लेकर सार्वजनिक विवाद में बदल गया है. Perplexity का कहना है कि “Bullying is not innovation” माने धमकाना कोई इनोवेशन नहीं तो दूसरी तरफ अमेजन उसके ऊपर शॉपिंग की शर्तों को नहीं मानने का आरोप लगा रहा. आखिर क्या हो गया तो दो बड़ी टेक कंपनियां आपस में लड़ रही हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
दुकानदार बनना बंद करो 

झगड़ा-झगड़ा थोड़ा देर से खेलते, पहले जरा Perplexity से राब्ता कर लेते हैं. परप्लेक्सिटी भी ChatGPT और Google Gemini जैसा एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है. 31 साल के अरविंद श्रीनिवास (Aravind Srinivas) इसके सीईओ हैं जो हाल ही में भारत के सबसे युवा अरबपति बने हैं. हुरुन रिच लिस्ट के अनुसार उनकी कुल कमाई 21 हजार करोड़ से अधिक की है. परप्लेक्सिटी की वैल्यूऐशन भी भी पौने दो लाख करोड़ के पास पहुंच चुकी है.

इसी परप्लेक्सिटी का ब्राउजर है Comet जिसके साथ अमेजन की गरारी फंस गई है. अमेजन के मुताबिक Comet का AI एजेंट शॉपिंग की शर्तों को नहीं मान रहा है. अपने हिसाब से यूजर के लिए खरीददारी कर रहा है. आपके मन में सवाल होगा कि ये AI एजेंट क्या बला है. दरअसल पिछले कुछ महीनों में तकरीबन हर AI प्लेटफॉर्म ने एजेंट्स पेश किए हैं.

Advertisement
Perplexity
Perplexity 

चैट बॉट के अंदर मौजूद यह एजेंट आपके लिए कई सारे काम कर सकता है. जैसे टिकट बुक करना, रेस्टोरेंट में बुकिंग करना या किराना ऑर्डर करना. ऑनलाइन शॉपिंग तो कर ही लेता है. एकदम जो हुकूम मेरे आका टाइप मामला है. ये एजेंट आपकी आदतों को समझकर काम करते हैं. लेकिन अमेजन के मुताबिक Comet का AI एजेंट बौराया हुआ है. अपने हिसाब से ऑर्डर करता है जिसकी वजह से यूजर का अनुभव खराब हो रहा है. ई-कॉमर्स कंपनी का आरोप है कि एजेंट यूजर के अनुभव के आधार पर नहीं बल्कि अपने मन से काम करता है. उसने परप्लेक्सिटी पर यूजर के कई निजी डिटेल्स हथियाने का भी आरोप लगाया है.

अमेजन ने परप्लेक्सिटी को अपने Comet ब्राउजर से AI एजेंट हटाने को कहा. जब नहीं माना तो उसको cease-and-desist लेटर माने बंद करो और रोक दो पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यदि एआई एजेंट कॉमेट ग्राहकों के लिए निजी दुकानदार (एजेंट) के रूप में काम करना जारी रखता है तो मुकदमा किया जा सकता है.

इसके जवाब में परप्लेक्सिटी ने कहा कि अमेजन 'बुली' करने वाला तरीका अपना रहा है. इस पूरे विवाद में आगे क्या होगा वो वाकई दिलचस्प होगा क्योंकि AI एजेंट्स को फ्यूचर माना जा रहा है. अमेजन खुद भी ऐसे एजेंट्स लाने की तैयारी में है तो परप्लेक्सिटी इनको गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज के लिए लॉन्च करने वाला है. तब अमेजन क्या करेगा. 

Advertisement

वीडियो: दुनियादारी: नेहरू को कोट किया, ट्रंप को दिया चैलेंज; पता है पीएम मोदी पर क्या बोल चुके हैं जोहरान ममदानी?

Advertisement