इंदिरा साहनी केस, जो सामान्य वर्ग के आरक्षण में सबसे बड़ा अड़ंगा है
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण का रास्ता पेचीदा मोड़ो से भरा हुआ है.
इंदिरा साहनी दिल्ली की पत्रकार थीं. वीपी सिंह ने मंडल कमीशन की सिफारिश को ज्ञापन के जरिए लागू कर दिया था. इंदिरा साहनी इसके वैध होने को लेकर 1 अक्टूबर, 1990 को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं. अब तक वीपी सिंह सत्ता से जा चुके थे. चंद्रशेखर नए प्रधानमन्त्री बने. उनकी सरकार ज्यादा दिन तक चली नहीं. 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. प्रधनमंत्री बने पीवी नरसिम्हा राव. मंडल कमीशन ने पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था.