मुताह प्रथा, जिसमें अय्याशी के लिए कॉन्ट्रैक्ट शादी का सहारा लिया जाता है
मुताह निकाह को आसानी से समझा जाए तो ये एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज है
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मुताह’ का शाब्दिक अर्थ है ‘आनंद’, ‘मज़ा’, ‘प्लेजर’. इसी एक बात से ये पता चलता है कि मुताह शादी का कितना वाहियात रूप है. महज़ मज़े के लिए शादी. इस्लाम में वेश्यावृत्ति हराम है. जिस्म बेचने या खरीदने पर पाबंदी है. निकाह के अलावा किसी भी तरह का शरीरसंबंध ‘जिनाह’ माना जाता है. सिंपल शब्दों में अवैध संबंध, व्यभिचार. ऐसे में मुताह निकाह और कुछ नहीं, मज़हब की हदों में रहते हुए बदफैली करने का उपाय ही प्रतीत होता है.
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