'जब शहर के चौक पर नाख़ुश छात्र होंगे तो आख़िर में टैंक तो आएंगे ही'
ये कविता बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के साथ-साथ हर सरकार और हर विरोध के बारे में है.
केकी दारूवाला की एक कविता है 'Predicting Tianenmen with Hindsight'. ये 4 जून, 1989 को बीजिंग के थ्येनआनमेन चौक पर सरकार द्वारा किए गए नरसंहार के बारे में है. तब छात्र इसके विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे. इस कविता का हिंदी अनुवाद गौरव सोलंकी ने किया है. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में जो कुछ भी हुआ, उस पर ये कविता बिलकुल सटीक बैठती है.