रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने क्वॉलिफायर-2 में एंट्री कर ली है. ईडन गार्डन्स में लखनऊ सुपरजाएंट्स को 14 रन से हराकर फाफ डु प्लेसी की टीम ने क्वॉलिफायर-2 में जगह बनाई. पहले बैटिंग करते हुए RCB ने 20 ओवर्स में चार विकेट खोकर 207 रन बनाए. टीम के लिए रजत पाटीदार ने सबसे ज्यादा 112 रन की नाबाद पारी खेली. उन्होंने यह रन सिर्फ 54 गेंदों पर बनाए.
हसरंगा के हाथ में इतनी देर रही गेंद, फिर भी आउट क्यों नहीं हुए दीपक हूडा?
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने क्वॉलिफायर-2 में एंट्री कर ली है. ईडन गार्डन्स में लखनऊ सुपरजाएंट्स को 14 रन से हराकर फाफ डु प्लेसी की टीम ने क्वॉलिफायर-2 में जगह बनाई. पहले बैटिंग करते हुए RCB ने 20 ओवर्स में चार विकेट खोकर 207 रन बनाए. टीम के लिए रजत पाटीदार ने सबसे ज्यादा 112 रन की नाबाद पारी खेली. उन्होंने यह रन सिर्फ 54 गेंदों पर बनाए.

जवाब में लखनऊ की टीम पूरी कोशिश करने के बाद भी 193 रन ही बना पाई. टीम के लिए KL राहुल ने सबसे ज्यादा 79 रन की पारी खेली. इस मैच के दौरान आखिरी ओवर तक सोशल मीडिया पर बज़ बना रहा. लोगों ने इस मैच के बारे में खूब बात की. और इन बातों में मैच का एक स्पेशल मोमेंट भी शामिल रहा. बात लखनऊ की पारी के 10वें ओवर की है. टीम का टोटल दो विकेट के नुकसान पर 85 रन था. गेंद हर्षल पटेल के हाथ में थी. उनकी पहली दो गेंदों पर सिर्फ एक रन आया था.
ओवर की तीसरी गेंद. शॉर्ट थी. और वहां काफी रूम भी था. दीपक हूडा ने इस पर करारा प्रहार किया. और डीप पॉइंट पर खड़े वानिंदु हसरंगा ने काफी दूरी तय करते हुए सीधी बाउंड्री के बाहर जा रही गेंद को थाम लिया. हालांकि इस गेंद को पकड़ने के बाद वह गिर पड़े. और ठीकठाक वक्त तक फिसलते रहे.
# Hasaranga Catch
बाउंड्री के काफी क़रीब फिसल रहे हसरंगा ने यहां कमाल किया और उनके शरीर का कोई अंग बाउंड्री से नहीं टच हुआ. हालांकि इन सबके चक्कर में वह गेंद को अपने हाथ में नहीं रख पाए. और उन्होंने कुछ सेकेंड्स तक इसे अपने कब्जे में रखने के बाद बाउंड्री के अंदर उछाल दिया. हसरंगा के इस प्रयास ने RCB के लिए पूरे पांच रन बचाए.
लेकिन गेंद काफी देर तक उनके हाथ में रही. और इसे देखते हुए कई लोगों ने सवाल करने शुरू कर दिए कि ये आउट क्यों नहीं था? क्योंकि अक्सर कैच करने वाले फील्डर गेंद को हाथ में लेने के बाद लगभग इतनी ही देर में खुशी में उछाल देते हैं. और ये सवाल मेरे मन में भी था. इसी के चक्कर में हमने नियमों को खंगाला. MCC के अपील एंड डिस्मिसल के अंतर्गत आने वाले कैच आउट नियम संख्या 33.3 के मुताबिक,
'कैच का एक्ट उसी वक्त से शुरू हो जाएगा जब गेंद किसी फील्डर के संपर्क में आएगी. और तब तक चलेगा, जब तक फील्डर गेंद और अपनी मूवमेंट पर पूरा कंट्रोल नहीं हासिल कर लेता.'
यानी जैसे ही गेंद आपसे टकराती है. कैच शुरू हो जाता है. और ये तब खत्म होता है जब आप गेंद और अपने शरीर दोनों को काबू में रखते हुए गेंद को खुशी में उछालकर इसे खत्म करते हैं. और हसरंगा के केस में साफ था कि गेंद तो उनके काबू में थी लेकिन शरीर नहीं.
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