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ओवल टेस्ट में कोहली कितने बदलाव करने वाले हैं?

विराट कोहली की बातों से तो ऐसा ही लग रहा है.

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Virat Kohli- AP
लीड्स टेस्ट हम हार गए. अंग्रेजों ने बुरी तरह से हराया. पारी और 76 रनों से हार मिली. इंग्लैंड को मिली इस जीत के साथ ही सीरीज भी 1-1 से बराबर हो गई है. हेडिंग्ली में जिस तरह भारत की बल्लेबाजी देखने को मिली. न सिर्फ हेडिंग्ली बल्कि पूरी सीरीज उठाकर देख लीजिये. रोहित शर्मा को छोड़ कोई भी बल्लेबाज बढ़िया खेल नहीं दिखा सका है. उस आत्मविश्वास के साथ नहीं खेल सका है. शर्मा के सौ नहीं बने हैं. लेकिन विकेट पर सबसे ज्यादा वही टिके हैं. जितने धुरंधर हैं, सबके सब फ्लॉप. फैंस तो अब बुमराह और शमी से उम्मीदें रखने लगे हैं. कप्तान विराट कोहली भी मैच के बाद मायूस दिखे. हार के बाद निराशा उनके बयान में साफ दिख रहा थी. बल्लेबाजों से नाराज विराट कोहली ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा संकेत दे दिया है. ये संकेत है बदलाव के. अगला मैच ओवल में खेला जाएगा. जहां केएल राहुल और ऋषभ पंत ने पिछ्ले इंग्लैंड दौरे पर शतकीय पारी खेली थीं. #कोहली ने दिए बदलाव के संकेत कोहली ने कहा है कि बदलाव संभव है. साफ तौर पर उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है. लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान ही सौरव गांगुली और जय शाह ने विराट से बात की थी. मीटिंग में बात ये हुई थी कि खिलाड़ियों के वर्कलोड का ध्यान रखना है. और रोटेशन पॉलिसी अपनानी है. अब तक तीन टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. बुमराह, सिराज, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने काफी गेंदबाजी इस दौरान की है. हेडिंग्ली में मिली हार के बाद किसी न किसी खिलाड़ी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. चाहे वो बल्लेबाज पर गिरे या फिर गेंदबाज पर. हार से बिफरे विराट कोहली ने कहा,
" रोटेशन होना तय है. ये तार्किक और अक्लमंदी भी है. आप किसी को हद से ज्यादा खींच नहीं सकते हैं कि वो टूट ही जाए. इसलिए बातचीत बेहद जरूरी है. हम एक-एक कर खिलाड़ियों से बात करेंगे. और देखेंगे कि वो अगला मैच खेलने के लिए कितने तैयार हैं. आप किसी से लगातार चार मैच खेलने की उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में हम देखेंगे कि खिलाड़ियों को रिकवर होने में कितने दिन लगेंगे. और फिर जाकर तय करेंगे कि किसको खिलाना है और किसको नहीं."
गौर हो, हेडिंग्ली में भारत को आर अश्विन की कमी खली. टॉस के वक्त जब प्लेइंग इलेवन में अश्विन को फैंस ने नहीं देखा. तो कोहली को जमकर सोशल मीडिया पर कोसा भी था. कई क्रिकेट पंडितों का भी मानना था कि अश्विन को बाहर करना समझ से परे है. और अब जब परिणाम में हार मिली. साथ ही लीड्स में अश्विन की कमी खली. तो अगले टेस्ट मैच को लेकर उनके बारे में बात भी होने लगी. अश्विन के बारे में पूछे जाने पर विराट कोहली ने कहा,
"ओवल की पिच पर निर्भर करेगा कि एक और स्पिनर के साथ जाना है या नहीं. और इस पर फैसला हम बाद में लेंगे. निर्भर करता है कि पिच में कितनी नमी है. और क्या पांचों दिनों तक रह सकती है? कभी-कभी चौथे सीमर अहम हो जाते हैं. और कभी-कभी ये निश्चित करना पड़ता है कि तीन पेसर के साथ स्पिनर्स भी जल्दी विकेट निकाल कर दें."
वैसे ये तो हो गयी गेंदबाज़ी में फेरबदल की बात. सीरीज में घटिया प्रदर्शन तो बल्लेबाजों का रहा है. टॉप ऑर्डर में राहुल और रोहित को छोड़ दें. तो नंबर तीन के बाद सातवें नंबर तक के खिलाड़ी ने सिर्फ आँख में धूल झोंकने वाला काम किया है. न कोहली, न ऋषभ पंत, न रहाणे और न ही पुजारा. वैसे पुजारा ने तो लीड्स में 91 रनों की पारी खेलकर अगले दो मैचों के लिए सीट बुक कर ली है. लेकिन बाकी बल्लेबाजों में किसे बाहर किया जाएगा? चूंकि पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कोहली ने कहा कि टीम इंडिया की बल्लेबाजी में गहराई कम है. तो इसका मतलब यही हुआ कि वो एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज ढूंढ रहे हैं. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो कोहली ने कुछ और ही बयान दिया. उन्होंने कहा,
" मैं एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज खिलाने पर भरोसा नहीं करता हूं. मुझे ऐसे संतुलन पर विश्वास नहीं है. या तो आप कोशिश कर सकते हैं. या तो मैच बचा सकते हैं या फिर जीत सकते हैं. हम लोगों ने पहले भी मैच ड्रॉ किया है और इन्हीं बल्लेबाजों के साथ. ऐसे में अगर आपके 6-7 बल्लेबाज कुछ नहीं करते हैं. तो इस बात की भी गारंटी नहीं है कि एक्स्ट्रा बल्लेबाज आपको मैच बचा ही देगा. आपको बतौर टीम ये जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी. अगर आप में 20 विकेट लेने की क्षमता नहीं है. तो इसका मतलब है कि आप सिर्फ हार या ड्रॉ के लिए खेल रहे हैं और वैसा क्रिकेट हम नहीं खेलते हैं."
हालांकि, कप्तान विराट कोहली के कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. और ऐसा हम लोग कई बार देख भी चुके हैं. पारी के अंतर से हारने के बाद ओवल टेस्ट मैच में कोहली बड़े फैसले ले सकते हैं. प्लेइंग इलेवन में बदलाव देखने को मिल सकते हैं. अब टीम इंडिया ओवल में दो स्पिनर और तीन पेसर्स के साथ जाए. या फिर एक ही स्पिनर और चार पेसर्स के साथ. दोनों परिस्थितियों में बदलाव लगभग तय है.

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