The Lallantop

भारतीय ऑलराउंडर ने छोड़ा अपनी टीम का साथ, बोले- 'पानी पिलाने के लिए नहीं हूं'

भारतीय ऑलराउंडर विजय शंकर साल 2012 से तमिलनाडु के लिए खेल रहे हैं. अगले घरेलू सीजन में वो तमिलनाडु नहीं बल्कि त्रिपुरा के लिए खेलते हुए नजर आएंगे.

Advertisement
post-main-image
विजय शंकर 13 साल से तमिलनाडु की टीम का हिस्सा हैं. (Photo-X)

भारतीय ऑलराउंडर विजय शंकर (Vijay Shankar) ने अगले घरेलू सीजन से पहले अपनी टीम तमिलनाडु से अलग होने का फैसला कर लिया. शंकर कई सालों तक इस टीम के लिए खेलें लेकिन अब वो त्रिपुरा का हिस्सा होंगे. शंकर ने अपने इस फैसले की वजह बताई है. शंकर के मुताबिक जिस तरह टीम ने उनके साथ व्यवहार किया वो उन्हें पसंद नहीं आया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
13 साल से तमिलनाडु का हिस्सा हैं विजय शंकर

विजय शंकर साल 2012 से टीम का अहम हिस्सा थे. पिछले कुछ समय में उनके लिए स्थिति बदल गई. विजय शंकर के मुताबिक वो सिर्फ बाकी खिलाड़ियों को पानी पिलाने के लिए टीम में नहीं रह सकते. उन्होंने द हिंदू से कहा,

कभी-कभी, जब आप मजबूर होकर कोई फैसला लेते हैं, तो आपको आगे बढ़ना चाहिए और मौके तलाशने चाहिए. मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेल रहा हूं. और उससे भी ज़रूरी बात, मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं, बस. मैं मैदान पर जाकर बस बैठकर पानी नहीं पिला सकता. इतने सालों तक खेलने के बाद यह काफी मुश्किल है.

Advertisement
शंकर को बार-बार टीम से किया जाता था ड्रॉप

शंकर इस बात से खुश से नहीं थे कि उन्हें बार-बार टीम से ड्रॉप कर दिया जाता था. अपनी परेशानी शेयर करते हुए उन्होंने लिखा,

पिछले साल, मुझे पहले दो रणजी मैचों से बाहर कर दिया गया था, और फिर मैंने वापसी की. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी, मुझे आखिरी दो मैचों से बाहर कर दिया गया था. इसलिए यह काफी मुश्किल था. आपको किसी न किसी मोड़ पर क्लियरिटी की ज़रूरत होती है. मुझे वह क्लियरिटी नहीं मिल रही थी.

यह भी पढ़ें- 'इंसान नहीं हो तुम...', श्रीसंत की पत्नी ने ललित मोदी को जमकर सुना दिया 

Advertisement
विजय शंकर को नहीं मिला सलेक्टर्स का साथ

शंकर ने कहा कि उन्हें टीम के सलेक्टर्स का भी सपोर्ट नहीं मिला. इसी वजह से वो टीम छोड़ने के लिए मजबूर हुए. विजय शंकर ने बताया,

सलेक्टर्स को लेकर मुझे कभी भी कोई सुरक्षित भावना नहीं रही. इसलिए, एक समय पर, मैंने सोचा कि मुझे कोई फ़ैसला लेना ही होगा. मुझे खुशी थी कि कम से कम हमारे कोच (एम. सेंथिलनाथन) आए और उन्होंने बताया कि सलेक्टर्स क्या सोच रहे हैं. इसलिए, मुझे लगा कि यहां रुकने का कोई मतलब नहीं है. इस सेटअप में खेलने के लिए संघर्ष करना भी काफी मुश्किल था.

शंकर ने तंज करते हुए कहा कि तमिलनाडु की टीम में वो अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाजी करते रहे. ये किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता है. शंकर ने कहा, 

अगर आप पिछले तीन सालों को भी लें, तो मुझे लगता है कि सिर्फ 2022 में ही मैंने एक ही बैटिंग पोज़िशन पर बल्लेबाज़ी की. मैंने हर मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाज़ी की और लगातार तीन शतक लगाए. उसके बाद, तीसरे से सातवें नंबर तक, मैंने हर जगह बल्लेबाज़ी की. इसलिए, इसकी कोई सफाई नहीं है कि मुझे मौका क्यों नहीं मिला. लेकिन मैं कह सकता हूं कि इन सब चीज़ों ने मुझे आज एक बेहतर क्रिकेटर बनाया है. इसने मुझे वाकई मज़बूत बनाया है. मैं हमेशा ऐसी स्थिति में था जहां मुझे चीज़ों को गलत साबित करने के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना पड़ता था.

शंकर ने 2024-25 के रणजी सेशन में चंडीगढ़ के खिलाफ 171 गेंदों पर 150 रन की पारी खेली. ये उनके करियर की बेस्ट पारी थी. इस मैच में तमिलनाडु ने 209 रनों की शानदार जीत दर्ज की. शंकर ने अब तक 81 रणजी पारियों में 44.25 की औसत से 3,142 रन बनाए हैं.

वीडियो: भज्जी-श्रीसंत थप्पड़ कांड का वीडियो 17 साल बाद सामने आया, ललित मोदी ने रिलीज किया वीडियो

Advertisement