टी20 वर्ल्ड कप 2026 (T20 World Cup 2026) में कुछ ही समय बचा है. भारत मेजबान होने के साथ-साथ मौजूदा चैंपियन भी है. टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भले ही दावा कर रहे हो कि टीम खिताब बचाने के लिए तैयार है. लेकिन, जब टीम के कप्तान और उपकप्तान ही फॉर्म में दिख नहीं रहे तो टीम की तैयारी कैसे पुख्ता मानी जाए. साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में शुभमन गिल (Shubman Gill) और सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) का प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए परेशानी का सबब है.
सूर्या-गिल को क्यों ढो रही टीम इंडिया? कोच गंभीर के लिए सबसे बड़ा टेंशन कप्तान और उपकप्तान
सूर्या लंबे समय तक टी20 फॉर्मेट में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज रहे हैं. इस फॉर्मेट के कई बड़े रिकॉर्ड उन्होंने अपने किए हैं. उनका यह फॉर्म ही वजह था कि सूर्या को पिछले साल रोहित शर्मा के टी20 संन्यास के बाद टीम का कप्तान बनाया गया. हालांकि, कप्तान बनने के बाद जैसे उनके फॉर्म को नजर लग गई.


साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में भारत 214 रन का लक्ष्य चेज कर रहा था. शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा ओपनिंग करने उतरे. पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर गिल को पहली बार स्ट्राइक मिली और गिल इसी गेंद पर आउट हो गए. गेंद बल्ले के किनारे पर लगी और स्लिप में खड़े रीजा हैंडरिक्स ने कैच लपक लिया. यह गिल के करियर का पहला गोल्डन डक है.
इसके बाद, फैंस अपने कप्तान से उम्मीद लगाए बैठे थे जो लंबे समय से कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए थे. लोगों को लगा अब जब भारत मुश्किल स्थिति में तो शायद सूर्या के बल्ले से रन आएंंगे. लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. केवल पांच रन बनाकर सूर्या फिर पवेलियन लौट गए. टीम इंडिया को भारत में ही वर्ल्ड कप खेलना है. अगर अपनी ही पिचों पर उनका यह हाल है तो सवाल उठता है कि वह अपना खिताब कैसे बचाएगी?
सूर्या के लिए यह साल अच्छा नहीं रहा है. इस साल उन्होंने कुल मिलाकर 17 पारियों में बल्लेबाजी की. इसमें वह 14.35 के औसत से केवल 201 रन ही बना पाए हैं. मिस्टर 360 का विस्फोटक अंदाज कहीं नजर ही नहीं आया. इस साल का उनका बेस्ट स्कोर 47 रन है.
सूर्या लंबे समय तक टी20 फॉर्मेट में दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज रहे हैं. इस फॉर्मेट के कई बड़े रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम किए हैं. उनका यह फॉर्म ही वजह था कि सूर्या को पिछले साल रोहित शर्मा के टी20 संन्यास के बाद टीम का कप्तान बनाया गया. हालांकि, कप्तान बनने के बाद जैसे उनके फॉर्म को नजर लग गई. सूर्या की कप्तानी में भारत कोई भी टी20 सीरीज नहीं हारा है, लेकिन बतौर बल्लेबाज वह फ्लॉप रहे हैं.
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कप्तान बनने के बाद से उन्होंने 33 पारियों में 24.36 के औसत से केवल 731 रन बनाए हैं. इस दौरान बल्ले से केवल दो ही अर्धशतक आए हैं. यह आंकड़े टीम इंडिया मैनेजमेंट की टेंशन बढ़ाने के लिए काफी हैं. सूर्यकुमार यादव को कप्तान होने के नाते मौके मिल रहे हैं, क्योंकि अगर एक बल्लेबाज के आंकड़े इस तरह के होंगे तो शायद अब तक टीम से ड्रॉप हो चुके होते. तो क्या सूर्या सिर्फ कप्तानी के कारण अपनी जगह बचाने में कामयाब रहे हैं?
रंग में नहीं दिखे शुभमन गिलकप्तान के बाद, जरा टीम के नए नवेले उपकप्तान की बात करते हैं. गिल लगभग एक साल तक कोई टी20 मैच नहीं खेले थे. एशिया कप आया और शुभमन गिल की बतौर वाइस कैप्टन टीम में एंट्री हो गई. तब से अब तक उन्होंने 14 मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 23.90 के औसत से 263 रन बनाए हैं. वह भी इस साल एक भी हाफ सेंचुरी नहीं लगा पाए. उनका बेस्ट स्कोर 47 रन है. उनकी एंट्री के कारण एक साल तक ओपनिंग में कमाल करेन वाले संजू सैमसन या तो मीडिल ऑर्डर में नजर आते हैं या फिर टीम से बाहर. भारत को वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले इसपर काम करना होगा.
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