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'खेल से ऊपर कोई नहीं', बुमराह को लेकर आगरकर पर भड़के गावस्कर

भारत के सबसे भरोसेमंद बॉलर Jasprit Bumrah को दिया गया 'पिक एंड चूज' ऑप्शन देश के क्रिकेट जगत में बहस का एक बड़ा विषय रहा है. Sunil Gavaskar ने इसे लेकर एक कड़ा संदेश दिया है.

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जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड दौरे पर तीन टेस्ट मैच ही खेले थे. (फोटो-)

भारत के सबसे भरोसेमंद बॉलर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को दिया गया 'पिक एंड चूज' ऑप्शन देश के क्रिकेट जगत में बहस का एक बड़ा विषय रहा है. बुमराह ने इंग्लैंड दौरे पर केवल तीन मैच खेले थे. टीम मैनेजमेंट ने उन्हें दूसरे और सीरीज के अंतिम मैच के लिए आराम देने का फैसला किया था. एशिया कप 2025 में बुमराह के सेलेक्शन को लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है, क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैचों में उनके खेलने की उम्मीद है. इस डिलेमा के बीच, महान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने बुमराह को एक कड़ा संदेश दिया है.

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ओवल टेस्ट के लिए जताई नाराज़गी

गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा, 

कोई भी खेल से ऊपर नहीं है. इसलिए सेलेक्टर्स के लिए अब यह तय करना बेहद ज़रूरी है कि जसप्रीत बुमराह को कब खेलना चाहिए? हाल ही में इंग्लैंड में हुई सीरीज़ में उनके खेलने को लेकर पहले ही काफ़ी बहस हो चुकी है. सच कहें तो, उन्होंने सेलेक्शन कमिटी को इन्फॉर्म किया था कि वह पांच में से केवल तीन टेस्ट ही खेल पाएंगे. इस बात पर बहस गरमा गई है कि क्या उन्हें अंतिम 'मस्ट-विन' टेस्ट मैच खेलना चाहिए था? खासकर तब जब ओवल की पिच पर लंबे समय बाद बहुत ज्यादा घास थी. 

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उन्होंने इसके बाद लिखा,

अगला टेस्ट मैच अक्टूबर की शुरुआत में है. यानी उनके पास आराम करने और उससे पहले फिट होने के लिए दो महीने का समय था. इंडियन टीम मैनेजमेंट ने कहा कि उन्हें उनके भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं चुना गया था. इस प्रकरण ने सवाल खड़ा कर दिया है कि तरजीह किसे दी जा रही है? इंडियन क्रिकेट को या किसी इंडिविजुअल को?

उन्होंने आगे लिखा, 

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निश्चित रूप से उस समय अगर वह फिट थे, तो भारतीय क्रिकेट की खातिर उन्हें खेलना चाहिए था. अंतिम टेस्ट में नहीं खेलने का फैसला उनका था या मैनेजमेंट का, ये तो पता नहीं, लेकिन अंत में भारत की जीत के बाद एक बार फिर यह दिखा कि टीम से ऊपर कोई नहीं है. खेल बस आगे बढ़ता रहता है.

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वर्कलोड मैनेजमेंट पर क्या लिखा?

गावस्कर ने बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी अपनी राय बेबाकी से रखी और अजीत आगरकर की अगुवाई वाली सेलेक्शन कमिटी और हेड कोच गौतम गंभीर से कहा कि वे बुमराह के लिए कुछ मीनिंगलेस वाइट बॉल वाले मैचों की बजाय रेड बॉल क्रिकेट को प्रायॉरिटी दें. उन्होंने लिखा, 

सेलेक्टर्स को अब मुश्किल फैसला लेना है. क्या ज़्यादा ज़रूरी है? वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना या कुछ मीनिंगलेस बाइलैटरल वाइट बॉल वाले मैच खेलना. अगर टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना है, तो जसप्रीत बुमराह को अक्टूबर-नवंबर में घर पर होने वाले दो-दो मैच की दोनों टेस्ट सीरीज में खेलना होगा.

गावस्कर ने आगे लिखा, 

वेस्टइंडीज़ और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैचों के बीच एक महीने का गैप है. इसका मतलब है कि उन्हें वाइट बॉल वाली सीरीज़ के लिए आराम दिया जाना चाहिए. यही तर्क होना चाहिए, लेकिन भारतीय क्रिकेट का अपना तर्क है, जैसा कि हाल ही में समाप्त हुई सीरीज़ में देखा गया. 

सुनील ने साथ ही सेलेक्शन को लेकर लिखा, 

सेलेक्शन कमिटी ने टीम चुनने में कुछ साहसिक फ़ैसले लिए हैं, जिनके शानदार रिजल्ट्स सामने आए हैं. इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए, लेकिन जब प्लेइंग XI के सेलेक्शन की बात आती है, तो यह पूरी तरह से मैनेजमेंट का फ़ैसला होता है और ऐसा ही होना चाहिए.

एश‍ि‍या कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा 19 अगस्त को मुंबई में सेलेक्टर्स की मीटिंग के बाद हो सकती है. वहीं, 17 अगस्त को आई द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जसप्रीत बुमराह ने टीम मैनेजमेंट को एश‍िया कप में अपनी उपलब्धता पर हामी भर दी है. इंग्लैंड सीरीज और एश‍िया कप के बीच 40 दिनों का गैप है. साथ ही टी-20 फॉर्मेट में टूर्नामेंट के होने के कारण बुमराह पर वर्कलोड मैनेजमेंट का भी दबाव उतना नहीं होगा. साथ ही हो सकता है कि टूर्नामेंट में भी बुमराह सिर्फ अहम मुक़ाबलों में ही खेलें. 

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