Tamil Nadu को Syed Mushtaq Ali Trophy Final जिताने वाले M Siddharth (ट्विटर/बीसीसीआई से साभार)
वॉशिंगटन सुंदर. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम मैच के हीरो. सुंदर ने अपने डेब्यू टेस्ट में बेहतरीन खेल दिखाया और भारत को जीतने में मदद की. इस जीत के कुछ हफ्तों बाद, अहमदाबाद में खेला गया सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का फाइनल. टॉस जीतने वाली टीम तमिलनाडु ने मैच को सात विकेट से जीत लिया. फाइनल के मैन ऑफ द मैच रहे सुंदर के क़रीबी दोस्त मणिमारन सिद्धार्थ. स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बोलर सिद्धार्थ, जिन्हें घरेलू IPL कही जाने वाली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सिर्फ एक मैच खेलने को मिला- फाइनल. पूरे टूर्नामेंट अपनी बारी का इंतजार कर रहे सिद्धार्थ ने पहले ही मौके पर चौका मार दिया. सच में, विकेट का चौका. सिद्धार्थ ने फाइनल में 20 रन देकर चार विकेट लिए.
# DK का ट्रंप कार्ड
अब तक छिपाकर रखा गया कप्तान दिनेश कार्तिक का ये ट्रंप कार्ड बड़ौदा पर भारी पड़ा. बेहतरीन खेल दिखा रही बड़ौदा की टीम फाइनल में 120 रन ही बना पाई. जवाब में तमिलनाडु ने सिर्फ तीन विकेट खोकर जीत के लिए जरूरी रन बना लिए. इस जीत के हीरो रहे सिद्धार्थ के खेल पर सुंदर का काफी प्रभाव पड़ा है. तमिलनाडु प्रीमियर लीग में सिद्धार्थ के टीममेट रहे अरुण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सुंदर और सिद्धार्थ बेस्ट फ्रेंड्स हैं और सिद्धार्थ अपने दोस्त से काफी कुछ सीखते हैं. सिद्धार्थ बीते IPL सीजन KKR से जुड़े थे. शाहरुख खान की टीम ने उन्हें 20 लाख की बेस प्राइज पर खरीदा था. हालांकि उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. IPL 2020 से ठीक पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कैप्टन दिनेश कार्तिक की खूब तारीफ की थी. सिद्धार्थ ने कहा था,
'DK काफी शांत व्यक्ति हैं. मेरे लिए उन्हें अप्रोच करना कहीं से भी मुश्किल नहीं था. वह मुझे बहुत सपोर्ट करते हैं. मुझ समेत पूरे तमिलनाडु के क्रिकेटर्स उनसे उम्मीद रखते हैं.'
# Master Siddharth
सिद्धार्थ ने DK के अंडर ही अपना सैयद मुश्ताक अली डेब्यू भी किया था. बीते सीजन मुंबई के खिलाफ हुए सुपर लीग ग्रुप बी मैच में उन्होंने 16 रन देकर चार विकेट निकाले थे. अपने पिता को देखकर खेलना शुरू करने वाले सिद्धार्थ पहले फास्ट बोलर थे. लेकिन पेस कम होने के चलते उनके शुरुआती कोच ने सिद्धार्थ को स्पिन की ओर मोड़ा. सिद्धार्थ के क्रिकेट करियर के लिए उनके पिता इंडोनेशिया छोड़कर वापस घर लौट आए थे.
इस बाबत सिद्धार्थ ने एक इंटरव्यू में बताया था,
'मैं बचपन में अच्छी बैटिंग करता था. लेकिन एक बार जब विकेट आने शुरू हुए, मैं ऐसे बोलर के रूप में आगे बढ़ा जो बैटिंग भी कर लेता है. मेरे पिताजी जकार्ता में खेलते थे. उन्हें देखकर मेरे अंदर इंट्रेस्ट जगा. मैंने वहां खेलना शुरू किया और फिर कुछ वक्त के बाद मेरे पिताजी को लगा कि मेरे प्रफेशनल करियर के लिए भारत आना बेहतर रहेगा.'
सिद्धार्थ के नाम चार फर्स्ट क्लास मैचों में 10 विकेट हैं. उनके साथी बताते हैं कि वह लाल गेंद से ज्यादा सफेद गेंद वाली क्रिकेट, यानि लिमिटेड ओवर्स में घातक हैं. देखने वाली बात होगी कि KKR द्वारा रिलीज किए गए सिद्धार्थ पर अब कौन सी टीम दांव लगाती है.