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स्टोक्स ने समय से पहले की मैच खत्म करने की रिक्वेस्ट, जडेजा बोले- 'पूरी बैटिंग करूंगा...'

Ravindra Jadeja ने एक बार फिर चट्टान की तरह खड़ा होकर Manchester Test को ड्रॉ कराया. इसमें उन्हें Washington Sundar का भी साथ मिला. दोनों ने सेंचुरी लगाकर हार के मुंह से ड्रॉ निकाल दिया.

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जडेजा और सुंदर ने सेंचुरी लगाकर मैनचेस्टर टेस्ट का ड्रॉ कराया. (फोटो-PTI)

लॉर्ड्स टेस्ट (Lord's Test) का नायक एक बार फिर मैनचेस्टर में टीम इंडिया का हीरो बनकर उभर गया. नाम है रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja). जीरो रन पर रूट ने उन्हें जीवनदान दे दिया. फिर क्या था. एक तरफ से खूंटा गाड़कर खड़ा हो गया. इसमें उनका साथ दिया टीम के दूसरे ऑलराउंडर वॉश‍िंगटन सुंदर (Washington Sundar) ने. दोनों ने ऐसी बैटिंग की अंग्रेज रोने लगे. बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने 138 ओवर के बाद आकर कहा मैच ड्रॉ करा लो, लेकिन जड्डू नहीं माने. 15 ओवर का खेल बचा था. इसलिए बोले अब 89 बना लिए हैं तो सेंचुरी भी बनाकर ही दम लेंगे. 669 रनों का पहाड़ खड़ा करने के बाद अंग्रेजों को लगा था कि अब तो ये मैच जीत ही जाएंगे. पहले ओवर में दो विकेट भी चटका लिए. लेकिन, टीम इंडिया के चार स्तंभों ने ऐसा खेल दिखाया अंग्रेज बेबस होकर ड्रॉ स्वीकार करने पर मजबूर हो गए.

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स्टोक्स-जडेजा के बीच क्या हुई थी बहस?

दरअसल, 138 ओवर के बाद बेन स्टोक्स चाहते थे कि जडेजा ड्रॉ स्वीकार कर लें. तब 15 ओवर का खेल बाकी था. जडेजा 89 और सुंदर 80 रन पर बैटिंग कर रहे थे. इंग्लैंड की तरफ से जडेजा से कहा गया,

अगर आपको 100 चाहिए था, तो पहले उस तरह बैटिंग करनी चाहिए थी. 

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इस पर जडेजा ने साफ कह दिया कि वो ड्रॉ स्वीकार नहीं करेंगे. फिर स्टोक्स उनके पास आए और कहा, 

अगर आप चाहते हो कि ब्रूक और डकेट के ख‍िलाफ आप अपनी सेंचुरी पूरी करो तो ठीक है. आप खेलते रहो. 

जडेजा ने इस पर कहा, 

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आप क्या चाहते हो, मैं ऐसे ही वॉकऑफ कर जाऊं. 

इस पर क्रॉली ने कहा,

आप हाथ मिलाकर मैच खत्म कर सकते हो.

इस पर जडेजा ने कहा, 

नहीं, मैं ये नहीं कर सकता हूं. 

जीत के बराबर ये ड्रॉ

मैनचेस्टर में टीम को रिकॉर्ड भले ही खराब हो, लेकिन अंतिम दिन टीम इंडिया जब उतरी तो उम्मीद कम ही थी कि ये मैच बच पाएगा. दोनों सेट बैटर शुभमन गिल  (Shubman Gill) और केएल राहुल (KL Rahul) भी पहले ही सेशन में आउट हो गए. लेकिन, जो कारनामा चौथे दिन उन दोनों ने दो सेशन बैटिंग करके किया था. वही जडेजा और सुंदर ने 5वें दिन करके दिखा दिया. अंत में ये मुकाबला भले ही ड्रॉ रहा हो, लेकिन ये टीम इंडिया के लिए वर्चुअल जीत ही है.

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जडेजा-सुंदर की सेंचुरी से क्यों खुश हुए अंग्रेज? 

सेंचुरी सिर्फ जडेजा ने नहीं लगाई. 5वें दिन टीम इंडिया के तीन सेंचुरियन हुए. पहले कप्तान शुभमन गिल, फिर जडेजा और अंत में वॉशि‍ंगटन सुंदर. अंग्रेज इस कदर थक गए थे कि अंत में मैच खत्म कराने के लिए उन्होंने दोनों एंड से पार्ट टाइमर को लगा दिया. जडेजा और सुंदर की सेंचुरी से टीम इंडिया का खेमा भले ही बहुत खुश हो, लेकिन उतनी ही खुशी अंग्रेजों के चेहरे पर भी दिख रही थी. ये खुशी होती क्यों नहीं अंतत: डेड रबर मैच जो खत्म हुआ. 

टीम इंडिया के बॉलर्स ने भले ही पहली इनिंग में दम भर बॉलिंग की हो, लेकिन थकान उनसे कहीं ज्यादा अंग्रेजी बॉलर्स को होगी. पहली इनिंग में 114 ओवर बॉलिंग के बाद, उन्हें दूसरी इनिंग में भी 143 ओवर बॉलिंग जो करनी पड़ी. इसका असर अब तीन दिन बाद लंदन के द ओवल में होने वाले मुकाबले में जरूर दिखेगा.

अब अगला मुकाबला 31 जुलाई से द ओवल में है. टीम इंडिया ने इस मुकाबले में ड्रॉ के साथ ही एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज को अपने हाथों से नहीं निकलने दिया है. टीम इंडिया भले ही अब ये सीरीज जीत नहीं सकती, ल‍ेकिन उनके पास इसे ड्रॉ करने का पूरा मौका होगा. 

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